Saturday, July 14, 2012
विनोद बंसल क्या वीरेंद्र 'बॉबी' जैन को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने के लिए मजबूर होंगे ?
नई दिल्ली | विनोद बंसल डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर वीरेंद्र उर्फ़ बॉबी जैन तथा असित मित्तल के बीच बुरी तरह फँस गए हैं और इस कारण उनके लिए यह फैसला करना मुश्किल हो रहा है कि वह अपने गवर्नर काल के लिए किसे डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये | उनके नजदीकियों और उनकी महत्वाकांक्षाओं को समझने का दावा करने वाले लोगों का कहना है कि वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद देना तो ऐसे वरिष्ठ रोटेरियन को चाहते हैं, जिसकी ऊँगली पकड़ कर वह रोटरी की 'आगे' की यात्रा को सुगमता के साथ जारी रख सकें; लेकिन डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद को लेकर बॉबी जैन और असित मित्तल ने उनकी ऐसी जान खाई हुई है कि जो वह चाहते हैं उसे पूरा करने में उनके पसीने छूट रहे हैं | दरअसल बॉबी जैन और असित मित्तल - दोनों को पता है कि विनोद बंसल के समय ही वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने की उम्मीद कर सकते हैं - इसके बाद तो फिर उनके सामने कोई मौका नहीं आयेगा | इसलिए दोनों ही विनोद बंसल को गवर्नर बनवाने में मदद करने की कीमत के रूप में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद पा लेना चाहते हैं |
विनोद बंसल के नजदीकियों के अनुसार, विनोद बंसल लेकिन इन दोनों में से किसी को भी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर नहीं बनाना चाहते है | असित मित्तल की तो बदनामी उनके आड़े आ रही है - असित मित्तल ने अपना गवर्नर काल ही जैसे तैसे 'छिप-छिपा' कर पूरा किया है, विनोद बंसल उससे परिचित हैं; पिछले वर्ष असित मित्तल के चक्कर में रवि चौधरी की उम्मीदवारी का समर्थन करके विनोद बंसल ने जो बदनामी पाई, उसका सबक भी वह भूले नहीं होंगे - इसलिए किसी को विश्वास नहीं है कि विनोद बंसल डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद असित मित्तल को सौपेंगे | बॉबी जैन को लेकर भी तमाम झंझट हैं : एक झंझट तो यही है कि डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख नेताओं के साथ बॉबी जैन का छत्तीस का ही रिश्ता रहा है, दूसरा झंझट यह है कि बॉबी जैन काफी समय से डिस्ट्रिक्ट में चूँकि सक्रिय ही नहीं हैं - इसलिए अधिकतर लोगों को न वह जानते/पहचानते हैं और न अधिकतर लोग उन्हें जानते/पहचानते हैं | लोग जान/समझ रहे हैं कि बॉबी जैन डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर होंगे, तो बस नाम के ही होंगे - काम सब विनोद बंसल को खुद ही करना होगा | दूसरे यह जान/समझ रहे हैं, तो विनोद बंसल भी यह जान/समझ रहे होंगे | शायद इसीलिए वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर फैसला नहीं कर पायें हैं |
विनोद बंसल 16 जुलाई को अपनी टीम के संभावित साथियों के साथ पहली मीटिंग कर रहे हैं - इस समय तक उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का चयन कर लेना चाहिए | लेकिन उन्होंने ही कहा है कि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का फैसला होने में अभी कुछ समय और लगेगा | जिन भी लोगों ने उनसे इस बारे में बात की है - उन सभी को उन्होंने ऐसा ही जवाब दिया है | इसी से समझा जा सकता है कि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर वह कितने दवाब में हैं ?
विनोद बंसल के नजदीकियों को लगता है कि बॉबी जैन का दवाब झेल पाना विनोद बंसल के लिए मुश्किल ही होगा और इसलिए बहुत संभव है कि बॉबी जैन ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनें | विनोद बंसल के नजदीकियों के अनुसार, बॉबी जैन चूँकि विनोद बंसल के क्लब के ही हैं, और इस बार डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने के मिल सकने वाले मौके को चूँकि वह किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहते हैं इसलिए उन्होंने विनोद बंसल को संकेत पहुँचवा दिए हैं कि यदि वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर नहीं बनाये गए तो विनोद बंसल के लिए क्लब में रहना मुश्किल हो जायेगा - और इसलिए विनोद बंसल को मन मार कर बॉबी जैन को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाना ही पड़ेगा |
विनोद बंसल की क्षमताओं व सामर्थ्य से परिचित लोगों का मानना और कहना लेकिन यह है कि विनोद बंसल किसी दवाब में आने वाले व्यक्ति नहीं हैं - और वह वही करेंगे जो उन्हें ठीक लगेगा | विनोद बंसल क्या करेंगे और किसे डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनायेंगे - यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा : लेकिन डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर जो बेवजह का बवाल बन गया है - उसे बनाने की जिम्मेदारी तो विनोद बंसल की ही है | डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर तय करने के मामले को लटकाए रख कर उन्होंने लोगों को अनुमान लगाने के मौके दिए - जिससे फिर बात का बतंगड़ बनना ही था और वह बना भी | विनोद बंसल के शुभचिंतकों का मानना और कहना है कि विनोद बंसल डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर फैसला जितना टालेंगे उतनी ही बातें बनेगीं | समस्या का चक्रव्यूह लेकिन यही है कि विनोद बंसल फैसला कर इसीलिए नहीं पा रहे हैं क्योंकि उन पर तरह-तरह के दवाब हैं, और चूँकि फैसला नहीं कर पा रहे हैं इसलिए दवाब और बढ़ते जा रहे हैं |
विनोद बंसल के नजदीकियों का कहना है कि विनोद बंसल ने यदि दवाबों की परवाह किए बिना फैसला किया तो कोई तीसरा व्यक्ति ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनेगा; लेकिन यदि वह दवाब में आये तो वीरेंद्र उर्फ़ बॉबी जैन डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनेंगे | असित मित्तल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने की किसी को उम्मीद नहीं है | लोगों का मानना है कि असित मित्तल कोशिश चाहें जितनी कर रहे हों, विनोद बंसल उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने का खतरा नहीं उठायेंगे |
Wednesday, July 11, 2012
विनोद बंसल की गुपचुप तरीके से की जा रही मीटिंग की तैयारी में, अपने को उनका बहुत खास समझने वाले कई लोगों ने ठगा-सा महसूस किया है
नई दिल्ली | विनोद बंसल की डिस्ट्रिक्ट टीम का सदस्य बनने की तैयारी में 'बैठे' कई लोगों को यह जान कर खासा तगड़ा झटका लगा है कि 16 जून को आयोजित की जा रही अपनी पहली अनौपचारिक मीटिंग का निमंत्रण विनोद बंसल ने उन्हें दिया ही नहीं है | विनोद बंसल के इस रवैये को देख कई लोग अपने आप को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं | उनके लिए समस्या यह हो गई है कि विनोद बंसल के साथ अपनी नजदीकियत की जिस तरह की डींगें वह जिन लोगों के बीच हाँक चुके हैं - उन लोगों को वह अब क्या मुँह दिखायेंगे ? कुछेक लोगों ने तो कहना शुरू भी कर दिया है कि विनोद बंसल से उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी - उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में मदद करने का विनोद बंसल इस तरह से उन्हें ईनाम देंगे ?
विनोद बंसल की भी समस्या है ! विनोद बंसल को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का चुनाव जीतने के लिए बहुत से लोगों की मदद की जरूरत थी | इस जरूरत को पूरा करने के लिए - जैसा कि प्रत्येक उम्मीदवार करता, विनोद बंसल ने भी किया और लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाये | लोगों के साथ उनके जो अच्छे संबंध बने, उसका फायदा उन्हें तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की चुनावी जीत के रूप में मिल गया; उनकी चुनावी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोगों को फायदा बसूल करने के लिए लेकिन इंतजार करना था | विनोद बंसल की चुनावी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोगों ने इंतजार किया भी - और उनके लिए जैसे-जैसे फायदा लेने का समय नज़दीक आता गया, वह तैयारी में जुटने लगे और विनोद बंसल के निमंत्रण की प्रतीक्षा करने लगे | कईयों को लेकिन यह जान कर खासा तगड़ा झटका लगा कि विनोद बंसल 16 जुलाई को अपनी टीम के संभावित सदस्यों के साथ जो मीटिंग कर रहे हैं उसके बारे में विनोद बंसल ने उन्हें हवा भी नहीं लगने दी है | विनोद बंसल का यह रवैया उन लोगों को ज्यादा बुरा लगा जो इस बीच उनके संपर्क में थे, लेकिन फिर भी विनोद बंसल ने उन्हें 16 जुलाई के आयोजन की भनक नहीं लगने दी |
समस्या दरअसल इसलिए ज्यादा गंभीर हुई है - जैसा कि विनोद बंसल के नज़दीकी एक वरिष्ठ रोटेरियन का कहना है कि - विनोद बंसल अपने व्यवहार से दूसरों में एक खास उम्मीद पैदा कर देते हैं; वह जताते तो ऐसा हैं जैसे कि सामने वाले को वह बहुत महत्व देते हैं - लेकिन जब सचमुच महत्व देने की बारी आती है तो सामने वाले को पता चलता है कि विनोद बंसल तो उसे पहचान ही नहीं रहे हैं | तब सामने वाला अपने को ठगा-सा महसूस करता है | सामान्य रूप से कहें तो कह सकते हैं कि बातों के लच्छों में विनोद बंसल दूसरों को झाड़ पर ऐसा चढ़ाते हैं कि चढ़ने वाला फिर आगा-पीछा नहीं देखता - वह तो चढ़ने के बाद पाता है कि विनोद बंसल का तो कहीं कोई अता-पता ही नहीं है | 16 जुलाई की मीटिंग से दूर रखे गए कई लोगों का कहना है कि विनोद बंसल ने उन्हें कई-कई बार की बातचीत में यह महसूस कराया हुआ है जैसे उनके सहयोग के भरोसे ही विनोद बंसल अपनी गवर्नरी चला पायेंगे - लेकिन जब सचमुच सहयोग लेने का मौका आया तो विनोद बंसल ने उन्हें पूछा तो नहीं ही, मीटिंग की जानकारी तक भी उनसे छिपा कर रखी |
विनोद बंसल के इस रवैये ने अपने को उनका बहुत खास समझने वाले कई लोगों को तगड़ा झटका दिया है और निराश किया है |
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