नई दिल्ली । मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट के पदाधिकारियों के चयन को लेकर तेजपाल खिल्लन और जेपी सिंह के बीच जो साँप-छुछुंदर की सी लड़ाई चल रही है, उसने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन विनय गर्ग के लिए भारी मुसीबत पैदा कर दी है । एसके
मधोक को जीएलटी एरिया लीडर तथा अनिल तुलस्यान को जीएमटी एरिया लीडर बनवा
कर जेपी सिंह ने तेजपाल खिल्लन को नीचा दिखाने का जो काम किया, उसका बदला
लेते हुए तेजपाल खिल्लन ने मल्टीपल के पदाधिकारियों का मनमाने तरीके से जो
चयन किया - उससे जेपी सिंह तथा उनके साथियों का तो शायद ही कुछ बिगड़े,
लेकिन विनय गर्ग के लिए जरूर आफत खड़ी होती नजर आ रही है । विनय गर्ग ने
विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के गवर्नर्स से मल्टीपल टीम के लिए नाम देने के लिए
कहा था और उन्हें आश्वस्त किया था कि उन्हें विश्वास में लेकर ही वह
उनके डिस्ट्रिक्ट से पदाधिकारियों का चयन करेंगे । लेकिन मल्टीपल
पदाधिकारियों का जो चयन हुआ है, उसमें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की नहीं चली है
और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने अपने आपको ठगा हुआ पाया है । डिस्ट्रिक्ट
321 एफ के जिन पूर्व गवर्नर किशोर वर्मा को मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट गेस्ट
बनाया गया है, उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर आनंद साहनी ने डिस्ट्रिक्ट
कैबिनेट सदस्यों व पीएसटी के स्कूलिंग कार्यक्रम में आमंत्रित तक नहीं किया
। और तो और, ड्यूज तक हड़प जाने वाले चोट्टे किस्म के लोगों को मल्टीपल
डिस्ट्रिक्ट में पदाधिकारी बना लिया गया है, जो पिछले मल्टीपल काउंसिल
चेयरमैन के लिए भी बोझ थे और जाहिर तौर पर जो मौजूदा चेयरमैन विनय गर्ग पर
भी बोझ ही साबित होंगे ।
तेजपाल खिल्लन के लिए दिन कुछ अच्छे नहीं चल रहे हैं । उनके धुर विरोधी विनोद खन्ना डायरेक्टर अपॉइंटी बन गए हैं, जेपी सिंह इंटरनेशनल डायरेक्टर बन गए हैं, केएम गोयल को डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री के प्रबंधक के रूप में विस्तार मिल गया है, एसके मधोक जीएलटी एरिया लीडर बन गए हैं - यानि चारों तरफ से तेजपाल खिल्लन को निराश करने वाली खबरें ही मिली हैं । ऐसे में, उम्मीद की गयी थी कि मल्टीपल काउंसिल के पदाधिकारी चुनने का उनके पास जो मौका है, उसका वह बेहतर इस्तेमाल करेंगे और अपनी स्थिति को सुधारने और मजबूत करने/बनाने का काम करेंगे । किंतु पैसों की लूट-खसोट और चोरी-चकारी के आरोपों में घिरे लोगों को चुनने के कारण तेजपाल खिल्लन विरोधियों के साथ-साथ अपने लोगों के निशाने पर भी आ गए हैं । तेजपाल खिल्लन की इस सोच और हरकत से मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन विनय गर्ग के लिए मुश्किलें बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है - काउंसिल पदाधिकारी के रूप में जो नाकारा और चोट्टे किस्म के लोग तेजपाल खिल्लन ने विनय गर्ग के सिर पर बैठा दिए हैं, उनसे किसी भी तरह का सहयोग मिल पाना तो विनय गर्ग के लिए मुश्किल होगा ही, उनके रहते दूसरे लोग - खासकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स भी सहयोग करने से बचेंगे ।
मल्टीपल काउंसिल के पदाधिकारियों का चयन करने में तेजपाल खिल्लन ने जैसी जो मनमानी की है, उसकी मल्टीपल के नेताओं के बीच तीखी प्रतिक्रिया हुई है - जिसका खामियाजा विनय गर्ग को भुगतना पड़ सकता है । मजे की बात यह है कि तेजपाल खिल्लन की हरकत के लिए सत्ता पक्ष के लोग ही इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल को ही कोस रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि नरेश अग्रवाल की कमजोरी ने मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 को मजाक का विषय बना दिया है । विनय गर्ग के पहले के विरोधी और नए बने विरोधी लेकिन खुश हैं कि तेजपाल खिल्लन की हरकत से विनय गर्ग एक कठपुतली चेयरमैन बन जा रहे हैं । तेजपाल खिल्लन ने हालाँकि विनय गर्ग को आश्वस्त किया है कि मल्टीपल काउंसिल की टीम के सदस्यों के चयन से जो लोग खुश नहीं हैं, उनके बस की कुछ करना है नहीं और वह बस रो-धो कर चुप हो जायेंगे । तेजपाल खिल्लन की यह बात काफी हद तक सच भी है - केएम गोयल, विनोद खन्ना, जगदीश गुलाटी, जेपी सिंह, जितेंद्र चौहान, मुकेश गोयल आदि अभी भले ही मल्टीपल काउंसिल की टीम के सदस्यों के चयन से खुश न हों; लेकिन अंततः इनके लिए कुछ कर पाना भी संभव नहीं होगा । समस्या लेकिन दूसरी है और वह यह कि तेजपाल खिल्लन की हरकत से खफा मल्टीपल के नेताओं और डिस्ट्रिक्ट्स के पदाधिकारियों ने यदि असहयोग का रवैया अपनाया तब विनय गर्ग तो एक कागजी चेयरमैन बन कर ही रह जायेंगे । यह देखना दिलचस्प होगा कि विनय गर्ग एक कागजी और तेजपाल खिल्लन के हाथों की कठपुतली साबित होते हैं, या इससे बचने की कोशिश करते हैं ।
तेजपाल खिल्लन के लिए दिन कुछ अच्छे नहीं चल रहे हैं । उनके धुर विरोधी विनोद खन्ना डायरेक्टर अपॉइंटी बन गए हैं, जेपी सिंह इंटरनेशनल डायरेक्टर बन गए हैं, केएम गोयल को डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री के प्रबंधक के रूप में विस्तार मिल गया है, एसके मधोक जीएलटी एरिया लीडर बन गए हैं - यानि चारों तरफ से तेजपाल खिल्लन को निराश करने वाली खबरें ही मिली हैं । ऐसे में, उम्मीद की गयी थी कि मल्टीपल काउंसिल के पदाधिकारी चुनने का उनके पास जो मौका है, उसका वह बेहतर इस्तेमाल करेंगे और अपनी स्थिति को सुधारने और मजबूत करने/बनाने का काम करेंगे । किंतु पैसों की लूट-खसोट और चोरी-चकारी के आरोपों में घिरे लोगों को चुनने के कारण तेजपाल खिल्लन विरोधियों के साथ-साथ अपने लोगों के निशाने पर भी आ गए हैं । तेजपाल खिल्लन की इस सोच और हरकत से मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन विनय गर्ग के लिए मुश्किलें बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है - काउंसिल पदाधिकारी के रूप में जो नाकारा और चोट्टे किस्म के लोग तेजपाल खिल्लन ने विनय गर्ग के सिर पर बैठा दिए हैं, उनसे किसी भी तरह का सहयोग मिल पाना तो विनय गर्ग के लिए मुश्किल होगा ही, उनके रहते दूसरे लोग - खासकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स भी सहयोग करने से बचेंगे ।
मल्टीपल काउंसिल के पदाधिकारियों का चयन करने में तेजपाल खिल्लन ने जैसी जो मनमानी की है, उसकी मल्टीपल के नेताओं के बीच तीखी प्रतिक्रिया हुई है - जिसका खामियाजा विनय गर्ग को भुगतना पड़ सकता है । मजे की बात यह है कि तेजपाल खिल्लन की हरकत के लिए सत्ता पक्ष के लोग ही इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल को ही कोस रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि नरेश अग्रवाल की कमजोरी ने मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 को मजाक का विषय बना दिया है । विनय गर्ग के पहले के विरोधी और नए बने विरोधी लेकिन खुश हैं कि तेजपाल खिल्लन की हरकत से विनय गर्ग एक कठपुतली चेयरमैन बन जा रहे हैं । तेजपाल खिल्लन ने हालाँकि विनय गर्ग को आश्वस्त किया है कि मल्टीपल काउंसिल की टीम के सदस्यों के चयन से जो लोग खुश नहीं हैं, उनके बस की कुछ करना है नहीं और वह बस रो-धो कर चुप हो जायेंगे । तेजपाल खिल्लन की यह बात काफी हद तक सच भी है - केएम गोयल, विनोद खन्ना, जगदीश गुलाटी, जेपी सिंह, जितेंद्र चौहान, मुकेश गोयल आदि अभी भले ही मल्टीपल काउंसिल की टीम के सदस्यों के चयन से खुश न हों; लेकिन अंततः इनके लिए कुछ कर पाना भी संभव नहीं होगा । समस्या लेकिन दूसरी है और वह यह कि तेजपाल खिल्लन की हरकत से खफा मल्टीपल के नेताओं और डिस्ट्रिक्ट्स के पदाधिकारियों ने यदि असहयोग का रवैया अपनाया तब विनय गर्ग तो एक कागजी चेयरमैन बन कर ही रह जायेंगे । यह देखना दिलचस्प होगा कि विनय गर्ग एक कागजी और तेजपाल खिल्लन के हाथों की कठपुतली साबित होते हैं, या इससे बचने की कोशिश करते हैं ।