धनबाद
। कमल सांघवी ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव की गहमागहमी के बीच
अचानक से पर्दे के पीछे छिप कर अपने समर्थकों के साथ-साथ अपने विरोधियों को
भी खासे अचरज में डाल दिया है । रोटरी जोन 6 ए के चुनावबाज नेताओं के लिए
भी यह समझना मुश्किल हो रहा है कि ऐसे समय जबकि कमल सांघवी को सबसे ज्यादा
सक्रिय होना चाहिए था, वह बिलकुल चुपचाप क्यों बैठ गए हैं ? कमल सांघवी
बहुत ही सक्रिय रोटेरियन रहे हैं, और फिर अब तो इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के
लिए होने वाला उनका चुनाव बिलकुल सिर पर है - ऐसे में अपनी स्वाभाविक
सक्रियता और चुनावी जरूरत को दरकिनार करके चुपचाप बैठ जाने की उनकी
कार्रवाई ने हर किसी को हैरान किया हुआ है । ऐसे में उनके विरोधियों को
कहने का मौका मिला है कि कमल सांघवी को लगता है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद
के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चयन करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के सदस्यों को
चूँकि उन्होंने साध ही लिया है, और वह पक्का उन्हें ही चुनेंगे - इसलिए अब
उन्हें सक्रिय होने/दिखने की कोई जरूरत नहीं है । लेकिन जो लोग कमल
सांघवी को जानते हैं, उनका कहना है कि कमल सांघवी इतने अवसरवादी नहीं हैं
कि अपनी जीत को सुनिश्चित समझ लेने के बाद वह सक्रियता छोड़ दें - दरअसल
इसीलिए कमल सांघवी को जानने वालों को उनकी चुप्पी ज्यादा उलझाए हुए है ।
कमल
सांघवी के नजदीकियों के बीच उनके इस अप्रत्याशित व्यवहार के लिए रोटरी
इंटरनेशनल के पूर्व प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा
है । उनके कुछेक नजदीकियों की तरफ से सुनने को मिल रहा है कि रोटरी के
बड़े नेताओं ने कमल सांघवी को आगाह किया है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के
चुनाव में अपने प्रचार अभियान में वह ऐसा कोई काम न कर दें, जिससे कि केआर
रवींद्रन को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का मौका मिल जाए । कमल
सांघवी को साफ-साफ बता दिया गया है कि वह केआर रवींद्रन के 'राडार' पर हैं,
और केआर रवींद्रन उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मौके की तलाश में हैं । उल्लेखनीय है कि रोटरी में
केआर रवींद्रन एक बड़े सख्त प्रशासक के रूप में कुख्यात/विख्यात हैं; और
उन्होंने कुछेक डिस्ट्रिक्ट्स तथा कई एक गवर्नर्स का बड़ी निर्ममता से
'शिकार' किया हुआ है । केआर रवींद्रन पिछले से पिछले रोटरी वर्ष में
प्रेसीडेंट थे, लेकिन रोटरी में उनका जलवा और आतंक अभी भी बना हुआ है । रोटरी
के बड़े नेताओं ने कमल सांघवी को समझाया है कि पता नहीं क्यों उन पर केआर
रवींद्रन की कड़ी निगाह बनी हुई है, इसलिए इंटरनेशनल डायरेक्टर चुने जाने तक
उन्हें बहुत ही सावधानी से रहने की जरूरत है ।
कमल सांघवी ने इसी जरूरत को पूरा करने के लिए अपनी सक्रियता को विराम दे दिया है । उनके नजदीकियों के अनुसार, उन्होंने समझा है कि वह जब
कुछ करेंगे ही नहीं तो केआर रवींद्रन को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई
मौका ही नहीं मिलेगा । इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी के
लिए कमल सांघवी को अब ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं लग रही है; उनके नजदीकियों का कहना है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव के संदर्भ में उन्होंने अपने पक्ष में पक्का इंतजाम कर लिया है; इंटरनेशनल डायरेक्टर का चयन करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स में या तो उनके 'आदमी' ही चुने गए हैं - और जिन डिस्ट्रिक्ट्स में दूसरे लोग चुने गए हैं, कमल सांघवी ने उनकी घेराबंदी कर/करवा ली है । कमल सांघवी ने अपनी कामयाबी के लिए जोन के डिस्ट्रिक्ट्स में जो फील्डिंग सजाई, उसे देख कर ही कई संभावशील उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी से ही पीछे हटने में ही अपनी भलाई देखी/पहचानी । इस कारण से कमल सांघवी के लिए चुनावी मुकाबला और आसान हो गया है । उनके सामने बस केआर रवींद्रन के निशाने पर आने से बचने की ही चुनौती है, इसलिए उन्होंने तय किया है कि वह उड़ेंगे ही नहीं - वह जब उड़ेंगे नहीं, तो केआर रवींद्रन के राडार पर भी नहीं 'दिखेंगे' और बचे रहेंगे । केआर रवींद्रन के खौफ के चलते कमल सांघवी के सक्रियता से बचने और पीछे हटने ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी रौनक को खत्म करने के साथ-साथ चुनावी परिदृश्य को एक अलग तरीके से रोचक भी बना दिया है ।