Sunday, July 16, 2017

लायंस इंटरनेशनल के इसामे सेक्रेटेरिएट के दिल्ली ऑफिस के मुखिया पद पर विनोद खन्ना को बैठाने के लिए केएम गोयल और दीपक तलवार के बढ़ते कदमों को नरेश अग्रवाल रोकेंगे क्या ?

नई दिल्ली । दिल्ली में पाँच वर्ष बाद होने वाली इंटरनेशनल कन्वेंशन की तैयारी के लिए दिल्ली में बनने वाले इसामे सेक्रेटेरिएट के ऑफिस का मुखिया बनने के लिए विनोद खन्ना और केएम गोयल के बीच दिलचस्प मारामारी मची है, और दोनों ने ही अपने अपने तरीके से इस पद को हथियाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं । विनोद खन्ना की कोशिशों का पलड़ा लोगों को इसलिए भारी लग रहा है, क्योंकि उन्हें जेपी सिंह का समर्थन तो मिलता दिख ही रहा है - तेजपाल खिल्लन भी उनके सामने समर्पण करते नजर आ रहे हैं । तेजपाल खिल्लन यूँ तो दोनों को ही पसंद नहीं करते हैं लेकिन डायरेक्टर अपॉइण्टी होने के नाते विनोद खन्ना से उन्हें अपने धंधे में फायदा मिलने की उम्मीद दिखती है - इसलिए विनोद खन्ना के साथ जुड़ने में उन्हें फिलहाल फायदा नजर आ रहा है । केएम गोयल भी लेकिन चुप नहीं बैठे हैं : उनकी तरफ से मुद्दा बनाया जा रहा है कि नरेश अग्रवाल सारी मलाई क्या विनोद खन्ना को ही चटा देंगे ? डायरेक्टर अपॉइण्टी भी वही बनेंगे और दिल्ली में बनने वाले इसामे सेक्रेटेरिएट के ऑफिस के मुखिया भी वही बनेंगे ? इस सवाल से नरेश अग्रवाल दबाव में तो हैं । उनके नजदीकियों का कहना है कि नरेश अग्रवाल को यह डर तो सता रहा है कि उन्होंने यदि विनोद खन्ना को इसामे सेक्रेटेरिएट के दिल्ली ऑफिस का मुखिया बनाया तो आरोपों के घेरे में वह खुद भी आयेंगे ।
लायंस इसामे सेक्रेटेरिएट के दिल्ली ऑफिस के मुखिया बनने/बनाने की 'लड़ाई' में शान वर्ल्ड ट्रेवल्स के कूद पड़ने से भी मामला खासा दिलचस्प हो गया है । हालाँकि शान वर्ल्ड ट्रेवल्स है तो एक ट्रेवल एजेंसी, लेकिन मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में उसे लायंस इंटरनेशनल के 'गोद लिए पुत्र' के रूप में भी जाना/पहचाना जाता है - जिसका लालन-पालन करने में जेपी सिंह और विनोद खन्ना आदि का बड़ा सहयोग रहा है । धंधा जमाने के लिए शान वर्ल्ड ट्रेवल्स के प्रबंधकों ने जो राजनीतिक दाँव-पेंच चले हैं, उससे वह एक बड़े राजनीतिक खिलाड़ी भी बन गए हैं - यद्यपि लायन राजनीति में खुलकर भूमिका निभाने से वह बचते रहे हैं । इसामे सेक्रेटेरिएट के दिल्ली ऑफिस के मुखिया की लड़ाई में लेकिन शान वर्ल्ड ट्रेवल्स के प्रबंधकों की दिलचस्पी अपने धंधे के कारण पैदा हुई है; उन्हें डर है कि मुखिया यदि केएम गोयल बने तो ट्रेवल का काम उनकी बजाए केएम गोयल की बेटी की ट्रेवल एजेंसी को मिलेगा - इसीलिए उन्होंने अपना जितना जो राजनीतिक जोर है वह विनोद खन्ना को मुखिया बनाने/बनवाने पर लगाया हुआ है । 
इसामे सेक्रेटेरिएट के दिल्ली ऑफिस के मुखिया बनने की लड़ाई दरअसल इसलिए एक बड़ी लड़ाई बन गयी है, क्योंकि मुखिया पद में बड़ी मोटी कमाई का मौका है । विनोद खन्ना की काम-धाम के मामले में बहुत ही बुरी हालत है और लोगों के बीच अक्सर ही उनके कर्ज में डूबे होने की बातें सुनी जाती हैं । लोगों को लगता है कि दिल्ली में इंटरनेशनल कन्वेंशन होने को विनोद खन्ना ने अपनी माली हालत सुधारने के एक सुनहरे अवसर के रूप में देखा/पहचाना है, और इस मौके का वह पूरा पूरा फायदा उठाने की कोशिशों में हैं । केएम गोयल के सामने माली हालत सुधारने की विनोद खन्ना जैसी जरूरत और चुनौती तो नहीं है, लेकिन उनके पास भी चूँकि काम-धाम नहीं है - इसलिए वह अपने आप को मुखिया पद के लिए फिट मान रहे हैं । मुखिया पद केएम गोयल को अपनी 'राजनीतिक' हैसियत बढ़ाने के लिए ज्यादा जरूरी लग रहा है । उल्लेखनीय है कि केएम गोयल अकेले ऐसे पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर हैं, जिन्हें उनका उचित 'राजनीतिक' हक नहीं मिल सका है - उनके अपने डिस्ट्रिक्ट में उनकी कोई हैसियत नहीं समझी/देखी जाती है । इसीलिए उन्हें लगता है कि इसामे सेक्रेटेरिएट के दिल्ली ऑफिस का मुखिया बन कर वह अपनी राजनीतिक हैसियत और पहचान में इजाफा कर सकेंगे ।
इसामे सेक्रेटेरिएट के दिल्ली ऑफिस के मुखिया पद पर दीपक तलवार की उम्मीदवारी की चर्चा ने भी इस 'लड़ाई' को रोचक बना दिया है । डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक तलवार को हालाँकि विनोद खन्ना को केएम गोयल के 'जबाव' के रूप में भी देखा/पहचाना जा रहा है । चर्चा है कि 'लड़ाई' में अपने आप को विनोद खन्ना से पिछड़ता देख केएम गोयल ने दीपक तलवार का नाम आगे बढ़ाया है । उल्लेखनीय है कि इंटरनेशनल कन्वेंशन दिल्ली में करवाने के लिए जो फील्डिंग सजाई गयी थी, उसमें दीपक तलवार की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी । जानकारों का तो यहाँ तक कहना है कि दीपक तलवार का सहयोग यदि न मिला होता, तो उचित और जरूरी तैयारी हो ही नहीं पाती और इंटरनेशनल कन्वेंशन का दिल्ली में होना सपना ही रह जाता । दीपक तलवार पर्दे के पीछे से काम करने के मामले में बहुत ही विश्वसनीय व्यक्ति के रूप में पहचाने जाते हैं; और इससे भी बड़ी खूबी उनकी यह मानी/पहचानी गयी है कि बदले में वह कुछ चाहते भी नहीं हैं - उनकी इस खूबी का कई लोगों ने बहुत फायदा उठाया है । इसामे सेक्रेटेरिएट के दिल्ली ऑफिस के मुखिया पद को विनोद खन्ना और केएम गोयल से बचाने के लिए कई लोग दीपक तलवार का नाम ले रहे हैं । विनोद खन्ना और उनके समर्थक दीपक तलवार को मिल रहे समर्थन के पीछे केएम गोयल को देख रहे हैं, इसलिए मुखिया पद कब्जाने के लिए अपनी कोशिशों को उन्हें और तेज करने की जरूरत महसूस हो रही है । विनोद खन्ना को केएम गोयल से निपटना तो आसान दिख रहा था, लेकिन मुखिया पद के लिए दीपक तलवार का नाम आने से उनके लिए चुनौती खासी बढ़ गयी है - ऐसे में नरेश अग्रवाल के सामने भी मुसीबत खड़ी हो गयी है कि वह मुखिया पद के लिए केएम गोयल और दीपक तलवार के बढ़ते कदमों को आखिर कैसे रोकें ?