Friday, October 30, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में पंकज डडवाल के विजन प्रस्तावों से पड़ने वाले प्रभाव को देखते/समझते हुए जितेंद्र ढींगरा तथा सत्ता खेमे के दूसरे नेताओं को भी लगा है कि अरुण मोंगिया को भी पंकज डडवाल से सीखना चाहिए, अन्यथा कहीं ऐसा न हो कि अरुण मोंगिया उनके लिए बदनामी तथा फजीहत का कारण बन जाएँ

कुरुक्षेत्र । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में अरुण मोंगिया की सुस्ती और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार की शिकायतों ने जितेंद्र ढींगरा तथा सत्ता खेमे के दूसरे नेताओं को चिंता और परेशानी में डाल दिया है, जिसके चलते उन्होंने अरुण मोंगिया की जमकर क्लास ली है । जितेंद्र ढींगरा के यहाँ एक पारिवारिक समारोह में पहुँचे कई लोगों ने साफ साफ कहा कि अरुण मोंगिया के रंग-ढंग ऐसे नहीं हैं कि उन्हें वोट दिया/दिलवाया जाये तथा उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनाया/बनवाया जाये - उनके सामने यदि जितेंद्र ढींगरा तथा दूसरे नेताओं के लिहाज के कारण अरुण मोंगिया को वोट देने की मजबूरी न हो, तो वह हर्गिज अरुण मोंगिया को वोट न दें । जितेंद्र ढींगरा तथा सत्ता खेमे के अन्य नेताओं से लोगों ने कहा कि उन्हें देख/समझ कर ही ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाना चाहिए, जो वास्तव में रोटरी के लिए कुछ करने के लिए उत्साहित हो तथा अपने व्यवहार से वह दूसरे लोगों को उत्साहित व प्रेरित कर सकता हो । लोगों की शिकायत रही कि अरुण मोंगिया चूँकि यह मान/समझ रहे हैं कि जितेंद्र ढींगरा तथा सत्ता खेमे के दूसरे नेता अपने अपने प्रभाव से उन्हें चुनाव जितवा ही देंगे, इसलिए वह अपनी तरफ से कुछ करने में दिलचस्पी ही नहीं ले रहे हैं । 
शिकायतों में हद की बात यह सुनी/बताई गई कि गिफ्ट के रूप में अरुण मोंगिया ने हाल-फिलहाल के दिनों में जो पौधे दिए, उसमें भी भारी नाटकबाजी की । कुछेक क्लब्स के लोगों ने जितेंद्र ढींगरा और या अन्य प्रमुख नेताओं को बताया कि अरुण मोंगिया ने पहले तो उनसे पूछा कि वह किन किन लोगों से मिल लें; लेकिन उन्हें जब क्लब के छह/आठ लोगों के नाम बताये तो वह यह कहते हुए भड़क उठे कि क्लब के जब दो वोट हैं, तो फिर छह/आठ लोगों को गिफ्ट क्यों दिलवा रहे हैं ? कहीं उन्होंने क्लब के चार लोगों को गिफ्ट दिया, लेकिन जब उन्हें दो/तीन लोगों के नाम और बताये गए तो वह यह कहते हुए नाराज हो गए कि आठ सौ रुपये तो उन्होंने खर्च कर दिए हैं, और कितने पैसे खर्च करवाओगे ? शिकायती अंदाज में लोगों का कहना रहा कि अरुण मोंगिया को चूँकि यह भरोसा है कि सत्ता खेमे का उम्मीदवार होने के नाते, वह आसानी से चुनाव तो जीत ही जायेंगे - इसलिए उन्हें एक उम्मीदवार के रूप में न तो सक्रिय होने तथा व्यवहार करने की जरूरत है, और न क्लब्स के पदाधिकरियों तथा अन्य प्रमुख लोगों की बात मानने तथा उनका सम्मान करने/रखने की आवश्यकता है ।
जितेंद्र ढींगरा तथा सत्ता खेमे के दूसरे नेताओं से लोगों ने कहा/बताया कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार पंकज डडवाल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अपना जो विजन प्रस्तुत किया है, वह लोगों को आकर्षित और प्रभावित कर रहा है - इसलिए अरुण मोंगिया को भी अपना विजन बताना/दिखाना चाहिए; लेकिन अरुण मोंगिया का चूँकि लोगों के साथ कोई संपर्क ही नहीं है, इसलिए उन्हें पता ही नहीं है कि लोगों को उनसे क्या और किस तरह की उम्मीदें हैं ? उल्लेखनीय है कि पंकज डडवाल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अपने विजन में स्पष्ट कहा/बताया है कि वह ड्यूज के नाम पर रोटेरियंस पर खर्चों का बोझ नहीं डालेंगे और जरूरी खर्चे ही किए/लिए जायेंगे; ग्लोबल ग्रांट्स में सभी क्लब्स को समान अवसर दिए जायेंगे तथा छोटे क्लब्स को उसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रयत्न किए जायेंगे और हिसाब-किताब में पारदर्शिता रखी जायेगी । ऐसे समय में, जबकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमेश बजाज पर विभिन्न तरीकों से पैसे जुटाने और बनाने के गंभीर आरोप लग रहे हैं, पंकज डडवाल के विजन में कही जा रहीं बातें डिस्ट्रिक्ट के रोटेरियंस तथा प्रेसीडेंट्स को प्रभावित कर रही हैं । ऐसे में, उम्मीद की जा रही थी कि अरुण मोंगिया की तरफ से भी ऐसा कुछ कहा जायेगा जो लोगों को आकर्षित व प्रभावित करेगा - लेकिन अरुण मोंगिया ने ऐसा कुछ करने की जरूरत ही नहीं समझी है । जितेंद्र ढींगरा के यहाँ पारिवारिक समारोह में जुटे रोटेरियंस ने जितेंद्र ढींगरा तथा सत्ता खेमे के नेताओं से कहा/बताया कि उन्हें अरुण मोंगिया को समझाना/बताना चाहिए कि रोटरी पदाधिकारी व नेता के रूप में उन्हें कैसे क्या करना चाहिए - अन्यथा कहीं ऐसा न हो कि अरुण मोंगिया उनके लिए बदनामी तथा फजीहत का कारण बन जाएँ । सत्ता खेमे के नेताओं का कहना/बताना है कि उन्होंने अरुण मोंगिया को समझाया तो बहुत है, लेकिन यह देखना अभी बाकी है कि उनके समझाने का अरुण मोंगिया पर कोई असर हुआ भी है या नहीं ?