Sunday, October 11, 2020

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 डी में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए दोबारा हुए चुनाव में दविंदर पाल अरोड़ा की जीत के साथ; डिस्ट्रिक्ट में चल रहे तमाशे पर फिलहाल तो विराम लगा है, लेकिन पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल की मुश्किलें अभी कम होती हुई नहीं दिख रही हैं

नई दिल्ली । करीब छह महीने से जारी सी-ग्रेड ड्रामे के बाद आखिरकार डिस्ट्रिक्ट 321 डी को दविंदर पाल अरोड़ा के रूप में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तो मिल गया है, लेकिन इस ड्रामे के चलते फजीहत का शिकार बन रहे पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं । हर तरह की तीन-तिकड़म आजमाने के बावजूद मुहँकी खाने वाले सत्ता खेमे के नेता लोग अपनी पराजय के लिए नरेश अग्रवाल को कोस रहे हैं । अभी तक विरोधी खेमे के नेताओं का आरोप रहता था कि सत्ता खेमे की मनमानियों को नरेश अग्रवाल की शह और समर्थन है । नरेश अग्रवाल इसी डिस्ट्रिक्ट के सदस्य और पूर्व गवर्नर हैं । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद पर कब्जे को लेकर पिछले करीब छह महीने से डिस्ट्रिक्ट के पदाधिकारी - पहले पिछले वर्ष के गवर्नर और फिर इस वर्ष के गवर्नर मनमानी करते हुए लायंस इंटरनेशनल के नियम-कानूनों तथा उसकी व्यवस्था का चीरहरण कर रहे थे, लेकिन मजाल है कि नरेश अग्रवाल के कानों पर जूँ भी रेंगी हो । धृतराष्ट्र बने नरेश अग्रवाल लायनिज्म और लायंस इंटरनेशनल और डिस्ट्रिक्ट के चीरहरण का सारा तमाशा चुपचाप बैठे देखते रहे । विडंबना और दुर्भाग्य की बात यह रही कि चीरहरण के कर्ताधर्ता मल्टीपल काउंसिल में महत्त्वपूर्ण पद भी पा गए । वह तो डिस्ट्रिक्ट के कई-एक पूर्व गवर्नर्स ने हिम्मत नहीं हारी, और वह लगातार लायनिज्म व लायंस इंटरनेशनल व डिस्ट्रिक्ट की इज्जत बचाने तथा न्याय पाने की कोशिशों में लगे रहे, और अंततः जीत हासिल करने में कामयाब हुए । 
उल्लेखनीय है कि पिछले लायन वर्ष में हुए सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में बलराज कुमार विजयी घोषित किए गए थे । उक्त चुनाव लेकिन विवाद व आरोपों के घेरे में रहा और कहा/बताया गया कि तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गुरमीत सिंह ने मनमानी करते हुए हर स्तर पर नियम-कानून का मजाक बनाया । लायंस इंटरनेशनल में इसे लेकर शिकायत की गई, और लायंस इंटरनेशनल ने शिकायत को सही पाया तथा बलराज कुमार के चुनाव को रद्द करके दोबारा चुनाव करवाने का फैसला सुनाया । दोबारा चुनाव करवाने से बचने को लेकर मौजूदा गवर्नर हरदीप सिंह खरका ने तरह तरह के नाटक किए; सी ग्रेड फिल्म निर्माताओं के आईडियाज को मात देते हुए हरदीप सिंह खरका के नाटकों में सबसे मजेदार प्रसंग वह वीडियो रहा, जिसमें उन्होंने दबावों का जिक्र करते हुए बताया कि यदि किसी भी कारण से उनकी जान चली जाये, तो किस किस को जिम्मेदार माना जाए । लेकिन तमाम तमाशों/नाटकों के बावजूद, लायंस इंटरनेशनल के आदेश व निर्देश का पालन करते हुए चुनाव हुआ और उस चुनाव में वोटिंग अधिकार रखने वाले 31 गवर्नर्स में से 23 गवर्नर्स शामिल हुए; डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हरदीप सिंह खरका तथा निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गुरमीत सिंह इस चुनावी प्रक्रिया में लेकिन शामिल नहीं हुए । चुनाव में उम्मीदवार के रूप में अकेले दविंदर पाल अरोड़ा का नाम प्रस्तावित हुआ और वह एकमत से विजयी घोषित हुए । सत्ता खेमे के नेताओं को उम्मीद थी कि नरेश अग्रवाल अपने प्रभाव से दविंदर पाल अरोड़ा को विजयी घोषित करने वाले चुनावी नतीजे को लायंस इंटरनेशनल कार्यालय में 'स्वीकार' नहीं होने देंगे । लेकिन लायंस इंटरनेशनल ने दविंदर पाल अरोड़ा को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में स्वीकार करके उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है ।
डिस्ट्रिक्ट 321 डी में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव को लेकर पिछले करीब छह महीनों में जो तमाशा हुआ है, उसके चलते सबसे ज्यादा फजीहत नरेश अग्रवाल की हुई है । डिस्ट्रिक्ट में और मल्टीपल में कई लोगों को मानना और कहना है कि नरेश अग्रवाल चाहते और कोशिश करते, तो इतना सब तमाशा नहीं होता; लेकिन नरेश अग्रवाल ने कोई प्रयास नहीं किया । उनके नजदीकियों का कहना है कि वह ऐसे ही हैं, वह कोई स्टैंड नहीं लेते हैं, और जो हो रहा होता है उसे चुपचाप बैठे देखते रहते हैं - और इस तरह अधिकतर मामलों में अपनी फजीहत करवाते रहते हैं । डिस्ट्रिक्ट 321 डी में हुए हालिया तमाशे को लेकर उनके एक नजदीकी ने जो किस्सा सुनाया है, वह खासा मजेदार है : मामले में नरेश अग्रवाल का समर्थन पाने के उद्देश्य से एक दिन सत्ता पक्ष के नेता लोग उनके घर गए और अपनी तरह से उन्होंने मामले को बयान किया । नरेश अग्रवाल ने उनकी बात ध्यान से सुनी और बोले कि आप ठीक कह रहे हैं, यू आर राइट; यू आर एब्सोल्यूटली राइट; यू आर कम्प्लीटली राइट ! अगले दिन विरोधी खेमे के नेता उनके घर पहुँचे और उन्होंने अपनी तरह से मामले को बयान किया । नरेश अग्रवाल ने उनकी बात ध्यान से सुनी और बोले कि आप ठीक कह रहे हैं, यू आर राइट; यू आर एब्सोल्यूटली राइट; यू आर कम्प्लीटली राइट ! नरेश अग्रवाल के इस रवैये को दोनों दिन उनकी पत्नी नविता अग्रवाल ने देखा तो वह थोड़ा नाराज हुईं; उन्होंने कहा 'नरेश, आप इंटरनेशनल प्रेसीडेंट रहे हो, लोग आपकी तरफ इस उम्मीद से देखते हैं कि आप सही को सही और गलत को गलत कहेंगे, आप स्टैंड लेंगे; आपको स्टैंड लेना चाहिए ।' नरेश अग्रवाल ने उनकी बात को ध्यान से सुना और बोले - 'नविता, आप ठीक कह रही हैं; यू आर राइट; यू आर एब्सोल्यूटली राइट; यू आर कम्प्लीटली राइट !' नविता अग्रवाल ने यह सुन कर सिर पकड़ लिया । दरअसल, इसी रवैये के चलते, डिस्ट्रिक्ट 321 डी में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद को लेकर चल रहे मामले में फिलहाल तो विराम लग गया है, लेकिन नरेश अग्रवाल की मुश्किलें अभी कम होती हुई नहीं दिख रही हैं ।