Wednesday, October 14, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव राय मेहरा की मिलीभगत से रोट्रेक्ट डिस्ट्रिक्ट 3011 के अनमोल चावला का बेईमानीपूर्ण हरकतों से जीता सीरिक प्रेसीडेंट का चुनाव रद्द हुआ; और इसके चलते न सिर्फ डिस्ट्रिक्ट 3011 की, बल्कि रोट्रेक्ट्स मूवमेंट्स की भी भारी बदनामी हुई है

नई दिल्ली । रोट्रेक्ट्स की संस्था सीरिक (एसईएआरआईसी - साऊथ ईस्ट एशियन रोट्रेक्ट इन्फॉर्मेशन सेंटर) के प्रेसीडेंट पद पर रोट्रेक्ट डिस्ट्रिक्ट 3011 के अनमोल चावला की जीत के फैसले को रद्द कर देने की घोषणा अनमोल चावला के साथ-साथ रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव राय मेहरा को भी बदनामी और फजीहत की कालिख का निशाना बनाती है । संजीव राय मेहरा ने अभी तक के अपने करीब तीन महीने के गवर्नर-काल में कई मौकों पर अपनी हरकतों से डिस्ट्रिक्ट तथा रोटरी को लज्जित व शर्मिंदा किया है, और खुद अपना मजाक उड़वाया है । सीरिक प्रेसीडेंट के चुनाव में धांधली करके जीत हासिल करने वाले अनमोल चावला ने रोट्रेक्ट डिस्ट्रिक्ट 3011 की जो बदनामी करवाई है, उसके लिए संजीव राय मेहरा को भी इसलिए जिम्मेदार माना जा रहा है क्योंकि सीरिक के प्रेसीडेंट पद के लिए अनमोल चावला की उम्मीदवारी वास्तव में संजीव राय मेहरा की ही नाजायज कार्रवाई का परिणाम है । उल्लेखनीय है कि अनमोल चावला पिछले दो वर्षों से सीरिक प्रेसीडेंट पद के लिए उम्मीदवार बनने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन डीआरआर (डिस्ट्रिक्ट रोट्रेक्ट रिप्रेजेंटेटिव) उनके बेईमानी व धांधलीबाज 'स्वभाव' को देखते/समझते हुए उनकी उम्मीदवारी को हरी झंडी नहीं दे रहे थे । उन्हें डर था कि अनमोल चावला अपनी बेईमानियों व धांधलियों से रोट्रेक्ट तथा डिस्ट्रिक्ट का नाम बदनाम ही करेंगे ।
उल्लेखनीय है कि अनमोल चावला पर डीआरआर पद पर रहते हुए पैसों में घपलेबाजी करने के गंभीर आरोप रहे हैं । आरोपों पर अनमोल चावला का रवैया चूँकि 'चोरी और सीनाजोरी' वाला रहा, जिसे देखते हुए पिछले दो वर्षों के डीआरआर ने यही समझा और पाया कि सीरिक प्रेसीडेंट के रूप में भी अनमोल चावला पैसों की घपलेबाजी ही करेंगे और इसलिए उन्हें सीरिक प्रेसीडेंट पद के लिए उम्मीदवार न बनाना ही उचित होगा । मौजूदा वर्ष की डीआरआर यामिनी थरेजा भी जब अनमोल चावला को सीरिक प्रेसीडेंट पद की उम्मीदवारी के लिए हरी झंडी देती हुई नहीं दिखीं, तब अनमोल चावला ने संजीव राय मेहरा से मदद माँगी । रोट्रेक्ट के पैसों की घपलेबाजी के आरोपों से घिरे अनमोल चावला के साथ संजीव राय मेहरा की पता नहीं किस तरह की क्या साँठगाँठ है कि संजीव राय मेहरा ने उनकी मदद करने के लिए यामिनी थरेजा को मनमाने तरीके और मनगढंत आरोपों के साथ डीआरआर पद से हटा दिया, और मनमाने तरीके से एक कठपुतली के रूप में सार्थक बंसल को डीआरआर नियुक्त कर दिया । सार्थक बंसल ने डिस्ट्रिक्ट 3011 के डीआरआर के रूप में सबसे पहला काम सीरिक प्रेसीडेंट पद के लिए अनमोल चावला की उम्मीदवारी को हरी झंडी देने का किया ।
सीरिक प्रेसीडेंट पद के उम्मीदवार के रूप में अनमोल चावला ने उन आशंकाओं व डर को सही साबित किया, जिनके कारण पिछले दो वर्षों से उनकी उम्मीदवारी को हरी झंडी देने से इंकार किया जा रहा था । उम्मीदवार के रूप में अनमोल चावला पर जिस तरह की गड़बड़ियों को करने के आरोप लगे, और जिन आरोपों को सही पाते हुए उनके चुनाव को रद्द कर दिया गया है, उससे लगता है कि बेईमानी व हेराफेरी करने की अनमोल चावला ने जैसे कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली हुई है । आरोपों का हवाला देते हुए रोट्रेक्ट्स को लगता है कि सीरिक प्रेसीडेंट तो दूर, अनमोल चावला को रोट्रेक्ट भी नहीं बने रहने देना चाहिए और उनकी सदस्यता तुरंत प्रभाव से खत्म कर देना चाहिए । अनमोल चावला की जीत के फैसले को रद्द करने के फैसले का स्वागत करते हुए कई रोट्रेक्ट्स का कहना है कि चुनाव रद्द करने का फैसला वास्तव में आधा-अधूरा फैसला है, और अनमोल चावला को चुनाव लड़ने के अयोग्य भी घोषित किया जाना चाहिए । रोट्रेक्ट्स का कहना है कि अनमोल चावला की हरकतों के कारण रोट्रेक्ट्स की पहचान व साख को बहुत बुरी चोट पहुँची है; और न सिर्फ रोट्रेक्ट डिस्ट्रिक्ट 3011 की बल्कि रोट्रेक्ट्स मूवमेंट्स की भारी बदनामी हुई है । इस बदनामी के लिए रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव राय मेहरा को भी यह कहते/बताते हुए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है कि संजीव राय मेहरा यदि अनमोल चावला को उम्मीदवार बनवाने के लिए नियमों व व्यवस्था को रौंदते हुए मनमानी न करते, तो रोट्रेक्ट डिस्ट्रिक्ट 3011 को इस मनहूस स्थिति को न देखना पड़ता ।