Sunday, October 18, 2020

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सेंट्रल काउंसिल के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने की तैयारी शुरू कर चुके पंकज पेरिवाल अपनी बिल्डिंग के किरायेदार एक उद्यमी की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के आरोप में फँसे

लुधियाना । नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के पूर्व चेयरमैन पंकज पेरिवाल के बारे में चर्चा तो यह सुनी/सुनाई जा रही थी कि वह इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल में जाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन अखबारों में पढ़ने को मिल रहा है कि लुधियाना पुलिस उन्हें जेल ले जाने के लिए खोज रही है और वह बचते/छिपते फिर रहे हैं । अखबारी खबरों के अनुसार, पंकज पेरिवाल को एक उद्यमी सुरिंदर सिंह को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोपी बताया जा रहा है । मृतक की बेटी द्वारा लिखवाई रिपोर्ट में पंकज पेरिवाल पर आरोप है कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर सुरिंदर सिंह का पैसा और जमीन हड़प लिया, जिससे परेशान और निराश होकर उन्होंने अपनी जान दे दी । यहाँ यह याद करना प्रासंगिक होगा कि दो वर्ष पहले भी लगभग इन्हीं दिनों पंकज पेरिवाल के ऑफिस पर पड़े इनकम टैक्स विभाग के छापे की खबरें प्रकाशित हुई थीं । उस समय पंकज पेरिवाल नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन थे । अपने ऑफिस पर पड़े छापे की खबर के अखबारों में छपने से पंकज पेरिवाल इस कदर फजीहत का शिकार बने थे, कि रीजनल काउंसिल के चेयरमैन पद की जिम्मेदारियों का वह ठीक से निर्वाह नहीं कर पाए थे । 
अपने ऑफिस पर पड़े छापे की खबर के अखबारों में छपने के कारण हुई फजीहत के चलते पंकज पेरिवाल उस वर्ष हुए सेंट्रल काउंसिल का चुनाव भी नहीं लड़ पाए थे । वर्ष 2018 में पंकज पेरिवाल ने रीजनल काउंसिल का चेयरमैन बनने की तिकड़म दरअसल की ही इसलिए थी, क्योंकि उन्हें सेंट्रल काउंसिल का चुनाव लड़ना था - और इसीलिए अपनी तिकड़म में कामयाब होने पर वह खासे उत्साहित थे और सेंट्रल काउंसिल पद के लिए उन्होंने जोरशोर से तैयारी शुरू कर दी थी । लेकिन ऑफिस पर पड़े इनकम टैक्स विभाग के छापे की खबरों ने उनकी तैयारी पर पानी फेर दिया था । उन्होंने छापे की खबरों को एक अलग रूप देने तथा अपने आप को पाकसाफ दिखाने/बताने का प्रयास तो खूब किया, लेकिन उन्होंने खुद महसूस किया कि उनके प्रयास ज्यादा सफल नहीं हो सके हैं - और इसलिए उन्होंने उस वर्ष सेंट्रल काउंसिल के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने का विचार छोड़ दिया । दो वर्ष पहले हुए सेंट्रल काउंसिल के चुनाव में उम्मीदवार न बन सकने की कमी को पंकज पेरिवाल ने इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल के लिए अगले वर्ष होने वाले चुनाव में दूर करने की बात करना शुरू कर दिया था और उन्हें अगले चुनाव के संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जाने लगा था ।
लेकिन, पंकज पेरिवाल ने अपनी उम्मीदवारी की चर्चा अभी शुरू ही की/करवाई थी कि वह एक बार फिर अखबारी सुर्खियों में छा गए । इस बार का मामला बल्कि ज्यादा गंभीर बताया/समझा जा रहा है ।पंकज पेरिवाल को एक उद्यमी की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है । मामला हालाँकि अभी आरोप की शक्ल में है, और जाँच के बाद ही सारी सच्चाई सामने आ सकेगी - लेकिन आरोप चूँकि संगीन प्रकृति के हैं, इसलिए पंकज पेरिवाल के लिए मुसीबत की बात तो है ही । पंकज पेरिवाल पर आरोप है कि पहले तो उन्होंने सुरिंदर सिंह की कंपनी में तीन-तिकड़म से चार्टर्ड एकाउंटेंट का काम लिया । सुरिंदर सिंह की कंपनी का ऑफिस चूँकि पंकज पेरिवाल की बिल्डिंग में किराए पर है, इसलिए पंकज पेरिवाल के लिए उनका विश्वास जीतना आसान हुआ । विश्वास जीत कर पंकज पेरिवाल ने कंपनी के कामकाज तथा हिसाब-किताब में गड़बड़ियाँ करना शुरू किया, जिसके चलते कंपनी का घाटा बढ़ता गया । घाटे की भरपाई के लिए पंकज पेरिवाल ने सुरिंदर सिंह पर दबाव बना कर उनकी संपत्ति के कागज ले लिए । इसी बात से परेशान व निराश होकर सुरिंदर सिंह ने आत्महत्या कर ली । सुरिंदर सिंह की बेटी द्वारा लिखवाई गई पुलिस रिपोर्ट में पंकज पेरिवाल को ही सुरिंदर सिंह की आत्महत्या के लिए दोषी ठहराया गया है । पंकज पेरिवाल के नजदीकियों को भी लग रहा है कि इस मामले के चलते लगता है कि पंकज पेरिवाल की सेंट्रल काउंसिल की उम्मीदवारी अबकी बार भी खतरे में पड़ गई है ।