नई दिल्ली । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी के गुस्से का नया शिकार अजीत जालान बने हैं । एक समय हालाँकि दोनों के बीच बड़े अच्छे संबंध थे । लेकिन रवि चौधरी के बदतमीजीपूर्ण व्यवहार का कब कौन शिकार हो जाये - यह कोई नहीं जानता है । रवि चौधरी लोगों के साथ बदतमीजी करने के मामले में खासे कुख्यात हैं । एक मामले में तो उनकी शिकायत रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय तक पहुँची थी, और बड़ी मुश्किल से उन्हें बचाया जा सका था । लेकिन अपनी बदतमीजीपूर्ण हरकतों के चलते रवि चौधरी अपने क्लब की सदस्यता नहीं बचा सके । क्लब में उनसे साफ कह दिया गया कि क्लब से निलंबन की कार्रवाई से वह यदि बचना चाहते हैं, तो किसी दूसरे क्लब में ट्रांसफर ले लें । रवि चौधरी ने हालाँकि अपने क्लब में बने रहने के लिए हाथ-पैर तो खूब चलाये, लेकिन अंततः उन्हें क्लब से निकलना ही पड़ा । इस तरह की फजीहतों के बाद भी रवि चौधरी ने लेकिन कोई सबक नहीं सीखा है; और अभी हाल ही में उन्होंने अजीत जालान को अपनी बदतमीजी का शिकार बनाया है । मजे की बात यह है कि अजीत जालान अपने शिकार होने की बात जिस तरह से खुद ही फैला रहे हैं, रवि चौधरी उसके पीछे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद बंसल का षड्यंत्र बता रहे हैं । रवि चौधरी के नजदीकियों के अनुसार, रवि चौधरी का कहना है कि अजीत जालान बात का बतंगड़ बना रहे हैं और यह सब वह विनोद बंसल के भड़काने पर कर रहे हैं । रवि चौधरी का कहना है कि विनोद बंसल का रवैया उनके लिए पहेली बना हुआ है, क्योंकि वह खुद तो उनके नजदीक आने/रहने का प्रयास कर रहे हैं, और हर जगह दूसरों के सामने उन्हें तवज्जो देने की कोशिश करते हैं; लेकिन अजीत जालान के जरिये लोगों के बीच उन्हें बदनाम करवा रहे हैं ।
रवि चौधरी के नजदीकियों के अनुसार, अभी हाल ही में एक क्लब के कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के संदर्भ में रवि चौधरी ने अजीत जालान को हतोत्साहित करते हुए कुछ बातें कहीं । जिन कुछेक लोगों के सामने वह बातें हुईं, उनके हवाले से बताया गया है कि रवि चौधरी ने ज्यादा कुछ कहा तो नहीं, लेकिन कहने का उनका तरीका 'खराब' था । अजीत जालान उस समय तो चुप रहे, लेकिन बाद में उन्होंने लोगों से कहना/बताना शुरू किया कि रवि चौधरी ने उनके साथ बदतमीजी की और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी से हट जाने के लिए उन पर दबाव बनाया । जानकारों के अनुसार, रवि चौधरी ने उनसे कहा था कि वह नाहक ही अपनी उम्मीदवारी को लेकर मेहनत कर रहे हैं, और उनकी उम्मीदवारी को डिस्ट्रिक्ट में कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है । रवि चौधरी ने अजीत जालान से 'बड़ी बात' यह कही कि वह जिसके इशारे पर उम्मीदवार बने हुए हैं, वह अपनी राजनीति के चक्कर में उन्हें इस्तेमाल कर रहा है; रवि चौधरी ने अजीत जालान को आगाह किया कि जिसके चक्कर में तुम इस बार उम्मीदवार बने हो, उसने अगले रोटरी वर्ष के लिए मोहन भाटिया को उम्मीदवार के रूप में आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है - यानि तुम्हें अगले वर्ष में भी नंबर नहीं मिलेगा और तुम इस्तेमाल भर हो कर रह जाओगे । उस 'घटना' के गवाह रहे लोगों तथा खुद अजीत जालान के अनुसार, रवि चौधरी ने हालाँकि किसी का नाम नहीं लिया - लेकिन अजीत जालान व दूसरे लोगों को यह समझने में देर नहीं लगी कि रवि चौधरी का इशारा विनोद बंसल की तरफ है । उल्लेखनीय है कि अजीत जालान की उम्मीदवारी के पीछे डिस्ट्रिक्ट में हर कोई विनोद बंसल को ही देख/पहचान रहा है । हर किसी को हैरानी है कि अजीत जालान की उम्मीदवारी को डिस्ट्रिक्ट में जब कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है, तब विनोद बंसल आखिर अपनी कौन सी राजनीति को साधने के लिए अजीत जालान को जबर्दस्ती उम्मीदवार बनाए हुए हैं । पहले तो लोगों का अनुमान था कि अजीत जालान को उम्मीदवार बनवा कर विनोद बंसल वास्तव में अगले रोटरी वर्ष के लिए उनकी 'जमीन पक्की' कर रहे हैं; लेकिन अगले वर्ष के लिए उनके द्वारा रोटरी क्लब फरीदाबाद अरावली के मोहित भाटिया को 'हवा' देने की चर्चा से उक्त अनुमान गफलत में पड़ गया है । लोग अब कहने लगे हैं कि विनोद बंसल रोटरी की राजनीति में एक साथ इतनी चालें चलते हैं, कि वह चालें आपस में ही उलझ कर उन्हें और उनके लोगों को ही 'घायल' कर देती हैं । रवि गुगनानी उनकी बहुस्तरीय चालों का ऐसे शिकार हुए हैं, कि अभी तक संभल नहीं पाए हैं । रवि चौधरी की सुनें/मानें तो विनोद बंसल की चालों के अगले शिकार अजीत जालान होंगे ।
रवि चौधरी दरअसल अजीत जालान को यह समझाने/बताने की कोशिश कर रहे थे कि उनकी उम्मीदवारी के चलते अशोक कंतूर की जीतने की संभावना धूल में मिली जा रही है, और इससे खुद उन्हें (यानि अजीत जालान को) भी कोई फायदा नहीं होगा । रवि चौधरी ने अन्य मौकों पर अपने नजदीकियों व दूसरे लोगों के बीच कई बार कहा है कि विनोद बंसल दरअसल उन्हें नीचा दिखाने तथा 'कमजोर' करने के उद्देश्य से अशोक कंतूर को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी का चुनाव हरवाना चाहते हैं, और इसके लिए ही उन्होंने अजीत जालान को जबर्दस्ती उम्मीदवार 'बनाया' हुआ है । उन्होंने अजीत जालान को समझाया है कि वह सीधे मुकाबले में नहीं, बल्कि त्रिकोणीय मुकाबले में चुनाव जीत सकते हैं; अजीत जालान को भी यह बात समझ में आ गई है और इसी उम्मीद में वह उम्मीदवार बन बैठे हैं । रवि चौधरी के अनुसार, विनोद बंसल डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को लेकर जो चाल चल रहे हैं, उसके पीछे इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की उनकी राजनीति है । विनोद बंसल इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चुनाव/चयन करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए विनय भाटिया को अपना उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन रवि चौधरी के भी उक्त कमेटी के लिए उत्सुकता दिखाने से विनोद बंसल को अपनी तैयारी कमजोर पड़ती लग रही है । रवि चौधरी को कमजोर करने तथा 'दिखाने' के लिए विनोद बंसल ने अशोक कंतूर को निशाने पर लिया है । अशोक कंतूर को चूँकि रवि चौधरी के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जाता है, इसलिए विनोद बंसल को लगता है कि अशोक कंतूर की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में दोबारा होने वाली हार रवि चौधरी को कमजोर करेगी - और इससे विनय भाटिया को नोमीनेटिंग कमेटी के चुनाव में फायदा होगा । मजे की बात यह है कि रवि चौधरी को तो लग रहा है कि विनोद बंसल उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं, लेकिन डिस्ट्रिक्ट में लोगों को 'दिख' यह रहा है कि विनोद बंसल तो रवि चौधरी को बहुत तवज्जो दे रहे हैं । ऐसे में रवि चौधरी के लिए भी यह बात बड़ी मुसीबत बनी हुई है कि विनोद बंसल के इस दोहरे रवैये से वह निपटें तो कैसे निपटें ? इस असमंजस में रवि चौधरी के गुस्से का शिकार फिलहाल अजीत जालान बन गए हैं । प्रतिक्रिया में अजीत जालान ने जिस तरह जगह जगह रवि चौधरी के व्यवहार का रोना रोना शुरू किया है, और उनके इस रोने को रवि चौधरी ने विनोद बंसल की 'रणनीति' बताया है - उससे लग रहा है कि इस तरह के और तमाशे अभी आगे भी देखने को मिलेंगे ।