वाराणसी । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए राजीव अग्रवाल तथा गुरचरण सिंह भोला की दावेदारी के कमजोर पड़ने के साथ ही डिस्ट्रिक्ट 321 ई के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर क्षितिज शर्मा का दावा मजबूत होता नजर आने लगा है । उनके नजदीकियों का भी कहना/बताना है कि क्षितिज शर्मा ने पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर जगदीश गुलाटी के जरिये लीडरशिप के नेताओं को भी अपनी उम्मीदवारी के पक्ष में लेने/करने का काम शुरू कर दिया है । क्षितिज शर्मा की उम्मीदवारी को हालाँकि डिस्ट्रिक्ट 321 एफ के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गोपाल कृष्ण शर्मा से चुनौती मिलने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन क्षितिज शर्मा को विश्वास है कि फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में पिछले वर्ष गोपाल कृष्ण शर्मा की जैसी जो राजनीति रही, उससे लीडरशिप के नेता उनसे नाराज हैं, और इसके चलते गोपाल कृष्ण शर्मा की उम्मीदवारी की तरफ से मिल सकने वाली चुनौती से निपटना उनके लिए आसान होगा । उल्लेखनीय है कि पिछले लायन वर्ष में बिरिंदर सिंह सोहल के खिलाफ गोपाल कृष्ण शर्मा की जैसी जो जिद रही थी, उसके चलते बिरिंदर सिंह सोहल की राजनीति तो खराब हुई ही, लीडरशिप को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा । क्षितिज शर्मा मान रहे हैं कि लीडरशिप इसका बदला गोपाल कृष्ण शर्मा से अवश्य ही लेगी, और इसके चलते मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की तरफ उनकी राह आसान हो जाएगी । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए क्षितिज शर्मा का पलड़ा इसलिए भी भारी लग रहा है क्योंकि उनके अलावा बाकी जो संभावित उम्मीदवार हैं, उनमें से किसी के पास कोई उनकी उम्मीदवारी के पक्ष में बात करने के लिए कोई 'वकील' नहीं है - एक अकेले क्षितिज शर्मा ही हैं, जिनकी उम्मीदवारी की वकालत के लिए जगदीश गुलाटी मुस्तैद हैं ।
'वकील' न होने के कारण ही डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजीव अग्रवाल की स्थिति में भारी उलटफेर हो गया है । उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले तक मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए उनकी स्थिति को सबसे मजबूत माना/पहचाना जा रहा था । लीडरशिप के साथ उनकी जैसी निकटता है, वैसी किसी की नहीं है; चुनावी राजनीति के खिलाड़ियों को साधने का 'हुनर' भी उनमें खूब है । लेकिन उनके डिस्ट्रिक्ट के झगड़ों ने उनके लिए मुसीबतें खड़ी कर दी हैं; डिस्ट्रिक्ट के नेताओं के बीच के झगड़ों ने उनके लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नरी करना मुश्किल बना दिया है - और ऐसे में लीडरशिप के नेताओं का समर्थन मिलने की उम्मीद भी कमजोर पड़ गई है । डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के गवर्नर गुरचरण सिंह भोला लीडरशिप के नेताओं के समर्थन के भरोसे मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की उम्मीद में थे, लेकिन अपने डिस्ट्रिक्ट के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन गुप्ता का समर्थन जुटाना मुश्किल होने के कारण उन्हें अपनी दाल गलना मुश्किल ही लग रहा है । लीडरशिप के नेताओं ने पिछले वर्ष बिरिंदर सिंह सोहल के चक्कर में अपनी जैसी फजीहत करवाई है, उसे वह इस वर्ष गुरचरण सिंह भोला के चक्कर में दोहराना नहीं चाहेंगे । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के पद को लेकर डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मनोज रुहेला तथा डिस्ट्रिक्ट 321 बी टू के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बलविंदर सिंह सैनी ने भी अपनी अपनी उत्सुकता दिखाई है, लेकिन अभी तक इनकी उम्मीदवारी को किसी ने भी गंभीरता से लिया/देखा नहीं है । मनोज रुहेला ने हालाँकि विरोधी खेमे के नेताओं के साथ 'दोस्ती' करने के प्रयास तो खूब किए हैं, लेकिन पिछले वर्ष वाइस चेयरमैन पद के लिए एके सिंह का समर्थन करने के कारण विरोधी खेमे के मुखिया गुरनाम सिंह ने उन्हें धमकी दी थी कि वह देखेंगे कि मनोज रुहेला गवर्नरी कैसे करते हैं । ऐसे में, मनोज रुहेला के लिए अपने डिस्ट्रिक्ट के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कमल गुप्ता का समर्थन पाना ही मुश्किल होगा ।
मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के अधिकतर संभावित उम्मीदवारों के अलग अलग तरह की मुसीबतों में घिरे होने के कारण क्षितिज शर्मा को अपनी उम्मीदवारी को सफल बनाना आसान दिखने लगा है । हालाँकि मल्टीपल काउंसिल की चुनावी राजनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रमुख नेताओं ने अभी अपने अपने इरादे जाहिर नहीं किए हैं, इसलिए मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद को लेकर बनने वाले समीकरण अभी अस्पष्ट हैं - और अभी कोई भी दावे के साथ नहीं कह सकता है कि मल्टीपल की चुनावी राजनीति में प्रभावी समीकरण का ऊँट किस करवट बैठेगा ? मल्टीपल काउंसिल की राजनीति को प्रभावित कर सकने वाले नेता लोग अभी जिस तरह से चुप्पी साधे बैठे हैं, और हालात की टोह ले रहे हैं - उससे यह आभास भी लग रहा है कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के पद को लेकर बनने वाले समीकरणों में खासा उलटफेर हो सकता है । क्षितिज शर्मा के नजदीकियों का हालाँकि कहना है कि नेताओं का रवैया अभी स्पष्ट न होने का कारण ही यह है कि नेता लोग किसी अन्य उम्मीदवार में ऐसा दम ही नहीं देख रहे हैं, जिस पर वह दाँव लगाने की हिम्मत कर सकें; इसलिए नेता लोग अंततः क्षितिज शर्मा के समर्थन में आ जायेंगे । क्षितिज शर्मा के नजदीकियों व समर्थकों का कहना/बताना है कि अभी क्षितिज शर्मा ने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए अपनी उम्मीदवारी को लेकर गंभीरता से काम करना वास्तव में शुरू भी नहीं किया है, लेकिन फिर भी अभी से उन्हें सबसे मजबूत व काफी बढ़त बनाते हुए देखा/पहचाना जा रहा है - ऐसे में सोचने की बात यही है कि जब वह सचमुच अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने निकलेंगे, तब फिर दूसरे उम्मीदवार और नेता उनके सामने कहाँ और कैसे टिकेंगे ?