नई दिल्ली । सुनील मल्होत्रा की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए प्रस्तुत उम्मीदवारी के प्रति समर्थन 'दिखाने' तथा जुटाने के उद्देश्य से आयोजित किए गए स्वतंत्रता दिवस को सेलीब्रेट करने के कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट के आम और खास रोटेरियंस की जुटी भीड़ ने सुनील मल्होत्रा तथा उनके नजदीकियों व समर्थकों को खासा उत्साहित किया है । दरअसल इस कार्यक्रम पर सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी के अभियान का सारा दारोमदार टिका हुआ था और इस कार्यक्रम के जरिये सुनील मल्होत्रा तथा उनके नजदीकियों व समर्थकों को कई तरह के संदेश 'देने' थे । असल में, चुनावी राजनीति की एक बड़ी गहरी समस्या यह होती है कि उसमें उम्मीदवारों पर आरोप तो 'शब्दों' व बातों में लगते हैं, लेकिन उनके जबाव संकेतों व संदेशों के जरिये देने होते हैं । किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ नकारात्मक माहौल तो शब्द-बाणों में व्यक्त किए जाने वाले आरोपों से बन जाता है, लेकिन उस नकारात्मक माहौल को पलटने तथा सकारात्मक माहौल बनाने का काम संकेतों व संदेशों में छिपे सुबूतों के माध्यम से देना होता है । संकेतों व संदेशों में छिपाकर सुबूत देने का काम जो उम्मीदवार प्रभावी तरीके से कर लेता है, चुनावी बाजी वही जीत ले जाता है । इसीलिए उम्मीदवारों की बॉडी-लैंग्वेज तथा उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यक्रमों से मिलने वाले संकेतों व संदेशों का चुनावी राजनीति - खासतौर से रोटरी की चुनावी राजनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका मानी व देखी जाती है । सुनील मल्होत्रा तथा उनके नजदीकियों व समर्थकों ने इसीलिए स्वतंत्रता दिवस को सेलीब्रेट करने का कार्यक्रम डिजाइन किया था और संकेतों व संदेशों के जरिए माहौल बनाने की तैयारी की थी ।
अपने पक्ष में माहौल बनाने तथा 'दिखाने' की तैयारी के नतीजे ने सुनील मल्होत्रा तथा उनके नजदीकियों व समर्थकों को खासा उत्साहित किया है । उनका कहना/बताना है कि खुद उन्हें भी उम्मीद नहीं थी कि उनके कार्यक्रम में इतने रोटेरियंस जुटेंगे और उन्हें डिस्ट्रिक्ट के आम व खास रोटेरियंस का ऐसा जोरदार समर्थन मिलेगा । दावा किया गया है कि कार्यक्रम में करीब छह सौ लोगों की उपस्थिति रही, जिनमें करीब 70 क्लब्स के प्रेसीडेंट्स थे । दिल्ली, सोनीपत, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़ क्षेत्र के साथ-साथ छोटे कस्बों के क्लब्स से भी रोटेरियंस कार्यक्रम में पहुँचे । सुनील मल्होत्रा ने यूँ तो पिछले दिनों विभिन्न क्लब्स के पदाधिकारियों तथा वरिष्ठ रोटेरियंस के बीच संपर्क अभियान चलाया था, लेकिन उनके संपर्क अभियान के प्रभावी होने को लेकर खुद उनके नजदीकी व समर्थक ही सशंकित थे । सुनील मल्होत्रा के व्यक्तित्व में तथा उनके व्यवहार में चूँकि कोई तड़क-भड़क नहीं 'दिखती' है, इसलिए उनके नजदीकियों व समर्थकों को ही आशंका रही है कि उनके संपर्क अभियान का डिस्ट्रिक्ट के लोगों पर कोई प्रभावी असर हो भी रहा है या नहीं । स्वतंत्रता दिवस को सेलीब्रेट करने के लिए हुए कार्यक्रम में वास्तव में इस बात का 'रिजल्ट' भी मिलना था कि डिस्ट्रिक्ट के रोटेरियंस ने सुनील मल्होत्रा के संपर्क अभियान को तथा उनकी उम्मीदवारी को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया भी है, या नहीं । इसीलिए कार्यक्रम की तैयारी करते हुए खुद सुनील मल्होत्रा तथा उनके नजदीकी व समर्थक थोड़ा आशंकित भी थे । लेकिन कार्यक्रम में जुटे रोटेरियंस की भीड़ तथा उनके उत्साह ने सुनील मल्होत्रा तथा उनके नजदीकियों व समर्थकों को राहत तो दी ही, साथ ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के प्रति उन्हें आश्वस्त भी किया ।
सुनील मल्होत्रा तथा उनकी उम्मीदवारी के समर्थक व शुभचिंतक असल में उन तथ्यों को लेकर तो आश्वस्त रहे हैं, जो किसी भी उम्मीदवार की ताकत होते हैं - लेकिन उक्त तथ्य सचमुच उनके काम आयेंगे, उन तथ्यों से सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी को वास्तव में कोई फायदा पहुँचेगा; इसे लेकर उनके बीच एक संशय था । सुनील मल्होत्रा का क्लब डिस्ट्रिक्ट का सबसे बड़ा क्लब है; प्रेसीडेंट के रूप में सुनील मल्होत्रा को एक बड़े क्लब का नेतृत्व करने का मौका मिला - जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता का सुबूत लोगों को मिला । सहज ही समझा जा सकता है कि विभिन्न अनुभव, स्वभाव व विचार रखने वाले लोगों के क्लब को नेतृत्व देना सुनील मल्होत्रा के लिए खासा चुनौतीपूर्ण रहा होगा । एक बड़े क्लब का नेतृत्व करना वास्तव में एक डिस्ट्रिक्ट का नेतृत्व करने जैसा ही चुनौतीपूर्ण मामला होता है - या शायद उससे भी मुश्किल । डिस्ट्रिक्ट में तो बहुत से क्लब्स तथा सदस्य इस बात पर ध्यान भी नहीं देते/रखते हैं कि नेतृत्व आखिर कर क्या रहा है; लेकिन क्लब का नेतृत्व हमेशा ही क्लब के हर सदस्य के 'राडार' पर होता है - इस बिना पर सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी के समर्थक दावा तो करते रहे हैं कि एक बड़े क्लब का नेतृत्व करने - और खासी सफलता के साथ करने वाले सुनील मल्होत्रा डिस्ट्रिक्ट का नेतृत्व करने के लिए बिलकुल परफेक्ट हैं; लेकिन उनके लिए यह समझना मुश्किल हो रहा था कि उनके इस दावे को डिस्ट्रिक्ट के लोग स्वीकार भी कर रहे हैं क्या ? स्वतंत्रता दिवस को सेलीब्रेट करने के कार्यक्रम में उपस्थित हुई रोटेरियंस की भीड़ को सुनील मल्होत्रा तथा उनकी उम्मीदवारी के समर्थकों ने सकारात्मक जबाव के संकेत व संदेश के रूप में ही देखा/पहचाना है । संदर्भित समारोह में रोटरी को करीब सौ करोड़ रूपए का दान देने वाले रोटेरियन रवि शंकर दाकुजो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करके सुनील मल्होत्रा व उनके क्लब के पदाधिकारियों ने यह भी दिखाया/जताया है कि कार्यक्रम के जरिये उनका उद्देश्य भले ही सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी के लिए समर्थन देखने/ दिखाने / जताने का हो, लेकिन यह काम भी वह रोटरी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ ही कर रहे हैं । इससे कार्यक्रम में उपस्थित न हो सके डिस्ट्रिक्ट के रोटेरियंस के बीच भी सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी को लेकर एक सकारात्मक संदेश गया है ।