Friday, August 16, 2019

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में जीएमसीएस बैच न बन पाने के लिए नितिन कँवर के लिए मुसीबत की बात यह हुई है कि वह जितना ही पंकज गुप्ता और विजय गुप्ता को जिम्मेदार ठहराने/बताने की कोशिश कर रहे हैं, उतने ही और ज्यादा खुद बेनकाब होते जा रहे हैं

नई दिल्ली । नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में जीएमसीएस कमेटी के चेयरमैन के रूप में नितिन कँवर की बेईमानीपूर्ण मनमानी के चलते जीएमसीएस के नए बैच नहीं बन पा रहे हैं और इस कारण चार्टर्ड एकाउंटेंट छात्रों को गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गॉंव की तरफ भागना पड़ रहा है । उल्लेखनीय है कि रिजल्ट आते ही छात्रों के बीच जीएमसीएस के बैच में शामिल होने की होड़ मचती है । दिल्ली में करीब छह बैच बनते हैं, छात्रों की संख्या बढ़ने से अक्सर ही उनकी गिनती आठ/नौ तक हो जाती है । दो दिन पहले रिजल्ट आने के बाद, अभी तक नए बैच बन जाने चाहिए थे, लेकिन उनके बनने की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है । रीजनल काउंसिल के कार्यालय की तरफ से छात्रों को बताया जा रहा है कि वेंडर्स तथा फैकल्टीज को भुगतान न हो पाने के कारण उन्होंने आगे काम करने से इंकार कर दिया है, जिसके चलते नई क्लासेस शुरू होने के हालात नहीं बनते दिख रहे हैं । इस स्थिति में दिल्ली के छात्रों के बीच अफरातफरी का माहौल बन गया है और उन्होंने गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गाँव में जीएमसीएस के बैच में शामिल होने के लिए जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है । नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के इतिहास में यह नजारा पहली बार दिखाई दे रहा है, और इसके लिए जीएमसीएस कमेटी के चेयरमैन नितिन कँवर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है । आरोप सुने जा रहे हैं कि कमीशनबाजी के चक्कर में जीएमसीएस कमेटी के चेयरमैन के रूप में नितिन कँवर जिस तरह की बेईमानियाँ कर रहे हैं, उसके नतीजे में ही यह हालात बने हैं और चार्टर्ड एकाउंटेंट छात्रों को नाहक ही परेशान होना पड़ रहा है ।
नितिन कँवर हालाँकि इस स्थिति के लिए रीजनल काउंसिल के सेक्रेटरी पंकज गुप्ता तथा ट्रेजरर विजय गुप्ता को जिम्मेदार ठहराया रहे हैं । उनका कहना है कि इन दोनों के द्वारा अकाउंट पास न करने तथा भुगतान में अड़ंगा डालने के कारण वेंडर्स तथा फैकल्टीज को भुगतान नहीं हो पा रहा है और उन्होंने आगे काम करने से मना कर दिया है । नितिन कँवर की तरफ से गंभीर आरोप यह सुनने को मिल रहा है कि पंकज गुप्ता वेंडर्स व फैकल्टीज से कमीशन माँग रहे हैं तथा अपनी पसंद की फैकल्टीज लगाना चाहते हैं, और इन मामलों में दाल न गलने के कारण भुगतान रोके हुए हैं । पंकज गुप्ता तथा विजय गुप्ता का कहना लेकिन यह है कि जीएमसीएस क्लासेस के लिए वेंडर्स व फैकल्टीज तय करने में नितिन कँवर ने काउंसिल के सदस्यों व पदाधिकारियों को विश्वास में नहीं लिया है और मनमाने तरीके से उन्हें नियुक्त किया है, जिसका उन्हें कोई अधिकार नहीं है । पंकज गुप्ता व विजय गुप्ता का कहना है कि जीएमसीएस के चेयरमैन के रूप में नितिन कँवर की जिम्मेदारी व्यवस्था देखने की है, खर्चे वाले काम अकेले और मनमाने तरीके से करने का अधिकार उन्हें नहीं है । इनका कहना है कि पंकज गुप्ता पर लगाए जाने वाले अपने आरोपों को लेकर नितिन कँवर यदि सचमुच गंभीर हैं, तो उन्हें तुरंत इस मामले को रीजनल काउंसिल और या रीजनल काउंसिल की एक्जीक्यूटिव कमेटी में रखना चाहिए । नितिन कँवर लेकिन ऐसा करने को तैयार नहीं हो रहे हैं, इससे ही जाहिर है कि वेंडर्स तथा फैकल्टीज से कमीशन वास्तव में वह खा रहे हैं, और अपनी तरफ से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वह पंकज गुप्ता को निशाना बना रहे हैं । 
इस मामले में दूसरे कई लोग भी नितिन कँवर को ही दोषी ठहरा रहे हैं । माना/समझा जा रहा है कि नितिन कँवर को चूँकि सेंट्रल काउंसिल का चुनाव लड़ना है इसलिए वह अपने समर्थकों को फैकल्टीज के रूप में रख/रखवा कर अपना समर्थन-आधार मजबूत कर रहे हैं; साथ ही कमीशन बाजी से पैसे भी बना रहे हैं । मजे की बात यह देखने/सुनने को मिल रही है कि नितिन कँवर के नजदीकी व शुभचिंतकों के रूप में देखे/पहचाने जाने वाले लोग भी नितिन कँवर की बेईमानीपूर्ण हरकतों को उनके लिए घातक मान रहे हैं । उनका कहना है कि नितिन कँवर सेंट्रल काउंसिल के लिए अपनी उम्मीदवारी को लेकर यदि सचमुच गंभीर हैं, तो उन्हें इस तरह की हरकतों से बचना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि किसी को भी उन पर चोरी-चकारी का आरोप लगाने का 'मौका' न मिले तथा उनके फैसलों से प्रोफेशन के लोगों को परेशान न होना पड़े । जीएमसीएस क्लासेस के वेंडर्स व फैकल्टीज के चयन/चुनाव के मामले में वह यदि रीजनल काउंसिल के सभी पदाधिकरियों व सदस्यों को विश्वास में लेकर काम करें, तो न तो किसी को उन पर आरोप लगाने का मौका मिलेगा और न ही क्लासेस के सस्पेंड होने के कारण चार्टर्ड एकाउंटेंट छात्रों के परेशान होने की नौबत आएगी । नितिन कँवर के लिए मुसीबत की बात यह हुई है कि जीएमसीएस बैच न बन पाने के लिए वह जितना ही पंकज गुप्ता और विजय गुप्ता को जिम्मेदार ठहराने/बताने की कोशिश कर रहे हैं, उतने ही और ज्यादा खुद बेनकाब होते जा रहे हैं । उनके ही नजदीकियों व समर्थकों का कहना है कि नितिन कँवर ने यदि जल्दी ही अपना रवैया नहीं सुधारा, तो उनके लिए मुसीबतें और बढ़ेंगी ही ।