नई दिल्ली । ललित खन्ना ने डिस्ट्रिक्ट में फैली 'शांति' का पूरा पूरा फायदा उठाते हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए प्रभावी अभियान चलाया है, और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में महत्त्वपूर्ण व निर्णायक भूमिका निभाने वाले पदाधिकारियों के बीच अपनी पैठ बनाने की सुनियोजित कोशिश की है । ललित खन्ना डिस्ट्रिक्ट के 16 जोन में से 8 जोन में जोनल सेमीनार किस्म के कार्यक्रम कर चुके हैं, तथा बाकी बचे जोन में ऐसे ही कार्यक्रम करने की रूपरेखा बना चुके हैं । अभी तक जो कार्यक्रम हुए हैं, उनमें जोन के क्लब्स के प्रेसीडेंट इलेक्ट तथा अगले रोटरी वर्ष में असिस्टेंट गवर्नर के रूप में जोन का प्रतिनिधित्व करने वाले रोटेरियंस शामिल हुए हैं । ललित खन्ना की तरफ से उनके अलावा, उनके क्लब के मौजूदा प्रेसीडेंट, प्रेसीडेंट इलेक्ट तथा प्रेसीडेंट नॉमिनी कार्यक्रमों में उपस्थित रहे हैं । इन कार्यक्रमों ने ललित खन्ना तथा अगले रोटरी वर्ष के प्रेसीडेंट्स तथा असिस्टेंट गवर्नर्स को एक दूसरे के 'नजदीक' लाने का काम किया है । कुछेक प्रेसीडेंट्स ने इन पंक्तियों के लेखक को बताया है कि यूँ तो ललित खन्ना और उनकी बातें/मुलाकातें कई बार हो चुकी हैं, और दोनों ने एक-दूसरे को काफी हद तक जान/पहचान लिया है - लेकिन जोनल सेमीनार किस्म के कार्यक्रमों ने एक-दूसरे को और विस्तार व नजदीक से जानने/पहचानने का मौका उपलब्ध करवाया है; और इस लिहाज से यह कार्यक्रम दोनों लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण साबित हो रहे हैं ।
जोनल सेमीनार किस्म के अभी तक हुए 8 कार्यक्रमों में शामिल होने वाले प्रेसीडेंट्स को ललित खन्ना से रोटरी के बारे में जानने/सीखने को भी बहुत कुछ मिला, जिस कारण से भी वह ललित खन्ना से खासे प्रभावित हुए हैं । कुछेक प्रेसीडेंट्स ने बताया कि यूँ तो उन्होंने रोटरी इंटरनेशनल के तथा डिस्ट्रिक्ट के ट्रेनिंग प्रोग्राम में काफी कुछ जाना/समझा है; किंतु ललित खन्ना के साथ बातचीत करते हुए उन्हें रोटरी के बारे में ऐसी बहुत सी बातें पता चली, जो इंटरनेशनल व डिस्ट्रिक्ट के ट्रेनिंग प्रोग्राम में भी नहीं बताई गईं थीं । असल में, बहुत सी बातें ऐसी होती ही हैं, जो 'बड़े' ट्रेनिंग प्रोग्राम के 'सिलेबस' में आ भी नहीं सकती हैं, और जो किसी वरिष्ठ रोटेरियन से बातचीत करते हुए ही जानी जा सकती हैं । इसके लिए सेमी-फॉर्मल सेमी-इनफॉर्मल कार्यक्रम होने चाहिए, लेकिन जो होते नहीं हैं । ललित खन्ना ने पहली बार यह आईडिया अपनाया और क्लब व डिस्ट्रिक्ट के जिम्मेदार पदाधिकारी के रूप में अपनी अपनी भूमिका निभाने की तैयारी करने वाले प्रेसीडेंट व असिस्टेंट गवर्नर के साथ जोनल सेमीनार के रूप में छोटी छोटी मीटिंग्स करने की योजना बनाई और अपनी योजना को क्रियान्वित करने का काम किया । उनकी इस योजना में अगले रोटरी वर्ष के प्रेसीडेंट्स व असिस्टेंट गवर्नर्स जिस तरह से लाभान्वित महसूस कर रहे हैं, और ललित खन्ना से प्रभावित हो रहे हैं - उसके कारण डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के संदर्भ में ललित खन्ना की उम्मीदवारी की खास स्थिति बन गई है ।
इस खास स्थिति को बनाने में डिस्ट्रिक्ट में फिलहाल फैली 'शांति' की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है । दरअसल डिस्ट्रिक्ट के कई एक प्रमुख नेता लोग जर्मनी में हो रही इंटरनेशनल कन्वेंशन में गए हुए हैं; जो नहीं गए हैं, उन्हें कुछ करने को नहीं सूझ रहा है - जिस कारण वह भी शांत बैठे हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के दूसरे उम्मीदवार सुनील मल्होत्रा भी चूँकि इंटरनेशनल कन्वेंशन में गए हुए हैं, इसलिए राजनीतिक सरगर्मियाँ बिलकुल ही ठप्प पड़ी हुई हैं । इसके साथ-साथ, पिछले दिनों डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक गुप्ता के आयोजनों में ललित खन्ना को बार-बार जो तवज्जो मिली, उसे प्रेसिडेंट्स इलेक्ट के बीच ललित खन्ना की उम्मीदवारी को दीपक गुप्ता के समर्थन के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । फायदे की इस दोहरी स्थिति का उपयोग करते हुए ललित खन्ना ने जोनल सेमीनार किस्म के कार्यक्रमों के जरिये डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में महत्त्वपूर्ण व निर्णायक भूमिका निभाने वाले पदाधिकारियों के बीच अपनी पैठ बनाने तथा उसे मजबूत करने का काम कर लिया है । जोनल स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों का डिजाईन ललित खन्ना ने कुछ इस तरह का रखा है कि उसमें रोटरी के बारे में ज्ञानवर्धक व उपयोगी बातें भी हों, और उपस्थित लोगों के बीच आपसी संवाद भी बने - जिससे उनके बीच विश्वास के संबंध बने । ललित खन्ना और उनके साथियों को विश्वास है कि इससे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उनकी उम्मीदवारी को फायदा पहुँचेगा ।