Tuesday, May 21, 2019

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय मित्तल ने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए जीत हासिल करते हुए मल्टीपल की राजनीति में एक नया अध्याय भी जोड़ा है और अपने डिस्ट्रिक्ट को 19 वर्ष बाद मल्टीपल का नेतृत्व करने का अवसर उपलब्ध करवाया है

गाजियाबाद । विनय मित्तल ने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए निर्वाचित होते हुए कई एक दिलचस्प किस्म के संयोग बनाए हैं । सबसे ज्यादा मजे की बात यह रही कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए जिन चार उम्मीदवारों की चर्चा थी, उनमें विनय मित्तल को सबसे पीछे देखा/पहचाना जा रहा था, लेकिन मुकाबले का मौका आते आते ऐसा माहौल बना कि बाकी तीनों उम्मीदवार बीच दौड़ में ही मुकाबले से बाहर हो गए और विनय मित्तल निर्विरोध मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन चुने गए । मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 के इतिहास में इससे पहले शायद ही कभी यह हुआ होगा कि सभी दसों डिस्ट्रिक्ट्स के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने किसी एक उम्मीदवार के समर्थन में हस्ताक्षर किए हों ।हालाँकि निर्विरोध तो पहले भी कई लोग मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बने हैं, किंतु वह मजबूरी के 'सौदे' रहे हैं - किसी को शर्तिया जीतता देख, दूसरा कोई उम्मीदवार बना ही नहीं तो उसके विरोध में रहने वाले फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स भी मनमसोस कर चुप बैठ गए । इस बार का नजारा लेकिन बिलकुल अलग था । ऐसा नहीं है कि सभी फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय मित्तल के समर्थक ही थे; लेकिन ऐसा जरूर है कि किसी भी फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का - और उसे 'कंट्रोल' करने वाले नेता का भी - विनय मित्तल के साथ (अंध)विरोध का संबंध नहीं था । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के चुनाव में यही बात विनय मित्तल के पक्ष में गई; और उन्होंने अपने डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन को 19 वर्ष बाद मल्टीपल काउंसिल का प्रतिनिधित्व करने का अवसर उपलब्ध करवाया ।
उल्लेखनीय है कि विनय मित्तल के अलावा बाकी जिन तीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स - वीके हंस, बिरिंदर सोहल तथा तेजपाल खिल्लन के नाम मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए चर्चा में थे, उन्हें अलग अलग कारणों से विनय मित्तल की तुलना में मजबूत तो समझा जा रहा था; लेकिन उन तीनों के साथ एक समान समस्या यह थी कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की चुनावी राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाले लोगों में से कुछेक लोग उनके खिलाफ ताल ठोके खड़े थे । विनय मित्तल के विरोध में भी लोग सक्रिय तो थे - खुद उनके डिस्ट्रिक्ट से निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अजय सिंघल उनके खिलाफ लॉबीइंग करने के लिए अपनी पत्नी के साथ मौजूदा मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पारस अग्रवाल के घर तक गए और पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मुकेश गोयल ने भी अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किए; लेकिन इन दोनों की चूँकि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की चुनावी राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाले लोगों में गिनती नहीं होती है, इसलिए इनके विरोध का बाल बराबर भी असर नहीं पड़ा । जैसा कि पहले कहा जा चुका है, उसे फिर दोहराया जा रहा है कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की चुनावी राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाले लोगों में कई लोग विनय मित्तल की उम्मीदवारी के समर्थक नहीं थे, लेकिन उनकी उम्मीदवारी का धुर विरोधी भी कोई नहीं था - और यही कारण रहा कि चेयरमैन पद के लिए विनय मित्तल की उम्मीदवारी का भार जैसे जैसे बढ़ना शुरू हुआ, तो फिर पलड़ा विनय मित्तल के पक्ष में झुकता ही चला गया ।
विनय मित्तल के मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन चुने जाने में डिस्ट्रिक्ट 321 सी टू के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जितेंद्र चौहान और मौजूदा मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पारस अग्रवाल की निर्णायक भूमिका रही । वास्तव में यही दोनों शुरू से विनय मित्तल की उम्मीदवारी के समर्थक थे; और इनमें भी जितेंद्र चौहान ने अपने निरंतर प्रयासों से विनय मित्तल की उम्मीदवारी को न सिर्फ चौथे नंबर से पहले नंबर तक पहुँचाया, बल्कि विनय मित्तल की उम्मीदवारी के पक्ष में सभी फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स का समर्थन 'इकट्ठा' किया । एक बार उस समय जरूर विनय मित्तल की उम्मीदवारी को मिल रहे जितेंद्र चौहान के सक्रिय समर्थन को खतरे में पड़ा देखा जा रहा था, जब इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के एंडोर्समेंट के लिए जितेंद्र चौहान के साथ साथ तेजपाल खिल्लन के उम्मीदवार के रूप में वीएस कुकरेजा की उम्मीदवारी आ गई थी । नेताओं के बीच चर्चा छिड़ी थी कि तेजपाल खिल्लन ने वीएस कुकरेजा की उम्मीदवारी प्रस्तुत ही इसलिए की/करवाई है, ताकि वह मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के पद के लिए जितेंद्र चौहान के साथ सौदेबाजी कर सकें । हालाँकि इस चर्चा को ज्यादा 'हवा' मिली नहीं और फिर मल्टीपल कॉन्फ्रेंस स्थगित हो जाने से इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के एंडोर्समेंट का मामला भी हवाहवाई हो गया । विनय मित्तल इससे पहले अपने डिस्ट्रिक्ट में चौतरफा षड्यंत्रों और विरोध के बावजूद सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए 'अपने' उम्मीदवार को बड़ी जीत दिलवा कर डिस्ट्रिक्ट तथा लायन राजनीति में इतिहास रच चुके हैं; उसके ठीक बाद मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए उन्होंने सिर्फ जीत ही हासिल नहीं की है - बल्कि मल्टीपल की चुनावी राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ा है ।