Monday, May 13, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में हापुड़ में हुए जोनल सेमीनार के 'डिजाईन' ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के संदर्भ में रमेश अग्रवाल की उम्मीदों को झटका दिया और ललित खन्ना की उम्मीदवारी के अभियान को महत्त्वपूर्ण बनाया

हापुड़ । हापुड़ में आयोजित हुए जोनल सेमीनार में ललित खन्ना को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किए जाने ने पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमेश अग्रवाल और उनके समर्थन के भरोसे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी को लेकर हाँ और न के बीच फँसे अशोक जैन को भारी झटका दिया है । रमेश अग्रवाल और अशोक जैन के लिए दरअसल झटके की बात यह रही कि नेता बनने की कोशिश करते रहने वाले हापुड़ के जो दो/एक लोग रमेश अग्रवाल के घनघोर प्रशंसक के रूप में देखे/पहचाने जाते हैं, वह जोनल सेमीनार में 'राग ललित' का आलाप लेते हुए देखे/सुने गए ।यह देख/सुन कर रमेश अग्रवाल और अशोक जैन को हापुड़ में अपनी राजनीतिक दुनिया बसने से पहले ही उजड़ती हुई लगी है । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में हापुड़ क्षेत्र का महत्त्व बढ़ता जा रहा है; इसी महत्त्व को देखते हुए रमेश अग्रवाल हापुड़ में अपने प्रशंसक के भरोसे अशोक जैन के लिए समर्थन जुटाने की उम्मीद बाँधे हुए थे - लेकिन जोनल सेमीनार में ललित खन्ना को मिलती अहमियत देख कर रमेश अग्रवाल की उम्मीद नाउम्मीदी में बदल गई है । जोन 9 और जोन 10 के दसों क्लब्स द्वारा 'विजन ऑफ रोटरी' विषय पर आयोजित किए गए जोनल सेमीनार की खास बात यह रही कि इसमें हापुड़ क्षेत्र के सभी प्रमुख रोटेरियंस और पदाधिकारी मौजूद थे । गाजियाबाद और नोएडा को छोड़ कर उत्तर प्रदेश के बाकी सभी क्लब्स का प्रतिनिधित्व करने वाले मौजूदा रोटरी वर्ष तथा आगामी रोटरी वर्ष के सभी पदाधिकारी इस जोनल सेमीनार के हिस्सा थे । क्षेत्र से बाहर के सिर्फ एक ही रोटेरियन की इस सेमीनार में मौजूदगी थी - और वह एक रोटेरियन ललित खन्ना थे । क्षेत्र के बाहर से अकेले रोटेरियन होने के नाते ललित खन्ना को आयोजन में खास अहमियत मिली । 
ललित खन्ना चूँकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार हैं, इसलिए हापुड़ में हुए जोनल सेमीनार में उन्हें मिलने वाली अहमियत का एक राजनीतिक संदेश भी है - और यही संदेश रमेश अग्रवाल व अशोक जैन के लिए मुसीबत खड़ी करने वाला है । रमेश अग्रवाल और अशोक जैन के लिए मुसीबत की बात यह है कि रमेश अग्रवाल ने जब से अशोक जैन को बहका/फुसला/भड़का कर और न जाने कौन से सब्जबाग दिखा कर जबर्दस्ती डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के लिए राजी किया है, तभी से रमेश अग्रवाल और अशोक जैन लगातार मुश्किलों में फँसे हैं । उनके अपने क्लब में उनके खिलाफ ऐसा बड़ा झमेला खड़ा हुआ है, जिसके प्रकोप से वह अभी तक पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाए हैं । रमेश अग्रवाल ने गाजियाबाद के पूर्व, मौजूदा और भावी गवर्नर्स के साथ ऐसा झगड़ा कर रखा है कि उत्तर प्रदेश के क्लब्स में अशोक जैन के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश कर पाना रमेश अग्रवाल के लिए बड़ी चुनौती है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक गुप्ता और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी आलोक गुप्ता ने डीआरएफसी बनने की रमेश अग्रवाल की कोशिश को जिस 'बेरहमी' से झटका दिया है, उसे देखते हुए इनके रमेश अग्रवाल के आगे किसी काम आ सकने की कोई संभावना नहीं ही दिखती है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी डेजिग्नेट अशोक अग्रवाल को इसी वर्ष हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में हरवाने की रमेश अग्रवाल ने जिस तरह की कोशिशें की थीं, उन्हें देखते हुए उनके लिए अशोक जैन के लिए अशोक अग्रवाल का समर्थन जुटा पाना मुश्किल ही नहीं, बल्कि असंभव ही होगा । ऐसे में, रमेश अग्रवाल को नेता बनने की कोशिश में इधर से उधर डोलते रहने वाले अपने गिनती के प्रशंसकों से ही उम्मीद थी कि वह अशोक जैन की उम्मीदवारी के लिए कुछ करेंगे; लेकिन उनकी इस उम्मीद को हापुड़ क्षेत्र में ललित खन्ना ने झटका दे दिया है । 
गौर करने वाला तथ्य यह भी है कि हापुड़ क्षेत्र में हुए जिस जोनल सेमीनार में ललित खन्ना को अहमियत मिली, उस तरह के जोनल सेमीनार डिस्ट्रिक्ट में इससे पहले कभी होते हुए नहीं सुने/देखे गए हैं । संभवतः पहली बार एक क्षेत्र में पड़ने वाले डिस्ट्रिक्ट के दो जोन्स के क्लब्स के पदाधिकारियों ने मिलकर 'विजन ऑफ रोटरी' जैसे गंभीर विषय पर सेमीनार किया और संभवतः पहली ही बार ऐसा हुआ है कि क्षेत्र के सभी क्लब्स के महत्त्वपूर्ण पदाधिकारी और सदस्य एक कार्यक्रम में जुटे और संभवतः पहली ही बार ऐसा हुआ कि इतने महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट के किसी 'बड़े' पदाधिकारी और/या नेता को आमंत्रित नहीं किया गया और 'अपने' लोगों के बीच बातचीत के जरिये ही रोटरी के विजन को रेखांकित करने और समझने की कोशिश की गई । इस तरह हापुड़ में हुए जोनल सेमीनार का वास्तव में एक अलग ही डिजाईन बना । ऐसे कार्यक्रम में क्षेत्र से बाहर से एक अकेले ललित खन्ना को आमंत्रित किए जाने से कार्यक्रम ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को एक राजनीतिक संदेश भी दे दिया है । इस राजनीतिक संदेश ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी राजनीति के संदर्भ में ललित खन्ना की उम्मीदवारी के अभियान को महत्त्वपूर्ण बना दिया है ।