Saturday, May 18, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने से पहले ही दीपक गुप्ता ने पहले इंटरनेशनल डायरेक्टर और फिर डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने की तैयारी शुरू करके रोटरी और डिस्ट्रिक्ट में एक नया तमाशा खड़ा कर दिया है तथा अपने आप को मजाक का पात्र भी बना लिया है

गाजियाबाद । दीपक गुप्ता की आलोक गुप्ता के गवर्नर-काल का डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने की कोशिशों ने आलोक गुप्ता और मुकेश अरनेजा को एक साथ मुसीबत में डाल दिया है । हालाँकि कई लोगों को दीपक गुप्ता का मजाक बनाने का मौका भी मिल गया है । उनका कहना है कि दीपक गुप्ता का अभी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का कार्यकाल शुरू नहीं हुआ है, और वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर की जिम्मेदारी संभालने के लिए भी तैयार हो गए हैं । उल्लेखनीय है कि इससे पहले, दीपक गुप्ता इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने की फुनगी छोड़ कर अपना मजाक उड़वा चुके हैं । उन्होंने घोषणा की थी कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए नामांकन भरने का मौका जिस वर्ष आयेगा, उस वर्ष वह निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होंगे और इस तरह इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की उम्मीदवारी के लिए पात्रता पूरी कर चुके होंगे । दीपक गुप्ता की उक्त घोषणा पर उनके कलीग गवर्नर्स के बीच तथा देश के प्रमुख नेताओं व पदाधिकारियों के बीच उनका जैसा मजाक बना, उसे देखते/सुनते हुए उन्होंने फिर इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की उम्मीदवारी की बात करना छोड़ दिया । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रहते हुए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने की कोशिशों के जरिये दीपक गुप्ता लेकिन एक बार फिर अपने आप को मजाकिया चर्चाओं के केंद्र में ले आये हैं । दीपक गुप्ता की बदकिस्मती ही है कि वह अपने आप को जितना होशियार समझते हैं, और तरह तरह से जैसे जैसे 'दिखाने' की और साबित करने की कोशिश करते हैं - वैसे वैसे वह डिस्ट्रिक्ट के लोगों के साथ रोटरी के नेताओं के बीच मजाक का पात्र बन जाते हैं, और कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता है ।
इंटरनेशनल डायरेक्टर वाले मामले में तो चलो मान लिया जा सकता है कि दीपक गुप्ता कुछ ज्यादा ऊँचा 'उड़' गए थे; लेकिन डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर वाले मामले में उन्होंने अपनी 'उड़ान' को नीचा भी किया - लेकिन इस मामले में भी उन्हें कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है; खुद वह आलोक गुप्ता भी इस मामले में उन्हें गंभीरता से लेते नहीं नजर आ रहे हैं, वास्तव में जिनकी मदद करने के उद्देश्य से वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने के लिए 'तैयार' हो गए हैं । दीपक गुप्ता के नजदीकियों के अनुसार, डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर आलोक गुप्ता चूँकि असमंजस ने फँसे दिख रहे हैं, इसलिए दीपक गुप्ता ने उनकी असमंजसता को दूर करने के लिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के लिए अपनी सेवाएँ देने की पेशकश की है । माना/समझा जा रहा है कि सीमित उपलब्धता, खेमेबाजी और व्यक्तिगत पसंद/नापसंद के चलते आलोक गुप्ता के सामने डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के लिए उचित चयन करना खासा मुश्किल बना हुआ है । ले दे कर बार बार मुकेश अरनेजा का नाम ही सामने आ रहा है । मुकेश अरनेजा हालाँकि कई बार डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बन चुके हैं, लेकिन लगता है कि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद की उनकी 'भूख' मिटी नहीं है । एक समस्या और है - मुकेश अरनेजा डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर तो कई बार बन चुके हैं, लेकिन बेचारे को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनरी ठीक से करने का मौका नहीं मिल पाया है । एक बार वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये जाने के बाद हटा दिए गए, एक बार डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का कार्यकाल पूरा न हो पाने के कारण उनकी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनरी बीच में ही छिन गई । दीपक गुप्ता ने उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया तो है, लेकिन उन्हें किनारे बैठाया हुआ है; दीपक गुप्ता के तौर-तरीकों से मुकेश अरनेजा परेशान तो रहते हैं और कई बार अपमानित भी महसूस करते हैं - जिसके चलते कुछेक मौकों पर मुकेश अरनेजा कार्यक्रम बीच में ही छोड़ कर निकल गए हैं । मुकेश अरनेजा अपमान सह कर भी चुप इसलिए बने हुए हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनरी करने को लेकर उन्होंने ज्यादा चूँ-चपड़ की तो कहीं अमित जैन की तरह दीपक गुप्ता भी उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद से हटा ही न दें ।
मुकेश अरनेजा को लगता है कि आलोक गुप्ता के गवर्नर-वर्ष में उन्हें पूरी स्वतंत्रता और मनमाने तरीके से डिस्ट्रिक्ट ट्रेनरी करने का अवसर मिल जायेगा, इसलिए वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने के लिए आलोक गुप्ता पर डोरे डाले बताये/सुने जा रहे हैं । मुकेश अरनेजा की बदनामी और उनके रवैये को देखते हुए आलोक गुप्ता उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने से बचना चाहते हैं । मुकेश अरनेजा यह सुन/जान कर परेशान भी हुए कि आलोक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के लिए रूपक जैन से बात कर रहे हैं । रूपक जैन का पत्ता काटने के लिए मुकेश अरनेजा ने आलोक गुप्ता तक संदेश पहुँचवाए हैं कि रूपक जैन डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद की जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं कर पायेंगे और इसलिए रूपक जैन को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना कर उन्हें पछताना ही पड़ेगा । जेके गौड़ का नाम भी बीच बीच में आलोक गुप्ता के गवर्नर-वर्ष के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के रूप में उछलता रहा है । जेके गौड़ के नाम पर आलोक गुप्ता को कोई बड़ा ऐतराज तो नहीं बताया जाता है, लेकिन उन्हें डर यह है कि उनके बाद यदि अशोक अग्रवाल ने भी जेके गौड़ को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया, तो गाजियाबाद और उत्तर प्रदेश में जेके गौड़ का रुतबा थोड़ा बढ़ जायेगा - और इसीलिए जेके गौड़ का नाम आलोक गुप्ता उठाते हैं और फिर छोड़ देते हैं । डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के चयन में आलोक गुप्ता की असमंजसता को देखते हुए ही दीपक गुप्ता ने अपना नाम आगे बढ़ाया है । पिछले एक वर्ष में आलोक गुप्ता को कई मौकों पर दीपक गुप्ता पर निर्भर देखा गया है, जिसके चलते दीपक गुप्ता को लगता है कि आलोक गुप्ता उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद देने के लिए सहर्ष ही राजी हो जायेंगे । दीपक गुप्ता सचमुच डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बन पायेंगे या नहीं, यह तो बाद में पता चलेगा - अभी लेकिन लोगों के बीच उनका मजाक जरूर बन रहा है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने से पहले दीपक गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने की तैयारी शुरू करके रोटरी और डिस्ट्रिक्ट में एक नया तमाशा खड़ा कर दिया है ।