नई दिल्ली । 14 अक्टूबर की कार रैली के दीपक कपूर के आयोजन को और नबंवर के पहले सप्ताह में जयपुर में सुशील गुप्ता का सम्मान करने की अशोक गुप्ता की तैयारी को विनोद बंसल के 13 अक्टूबर के कार्यक्रम के 'जबाव' के रूप में जिस तरह से देखा जा रहा है, उसमें इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी लड़ाई की पोजीशंस बनने के संकेतों को छिपा माना जा रहा है । उल्लेखनीय है कि यह तीनों कार्यक्रम हो तो डिस्ट्रिक्ट्स की तरफ से रहे हैं, लेकिन इन्हें क्रमशः विनोद बंसल, दीपक कपूर और अशोक गुप्ता के कार्यक्रमों के रूप में ही देखा/पहचाना जा रहा है । माना/समझा जा रहा है कि इन कार्यक्रमों के जरिये यह तीनों इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के उम्मीदवारों के रूप में अपनी अपनी सक्रियता बनाने/जमाने का प्रयास कर रहे हैं । सुशील गुप्ता के इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी चुने जाने पर इंटरनेशनल डायरेक्टर पद को लेकर उठा-पटक अचानक से तेज हो गई है । इसका 'श्रेय' विनोद बंसल को दिया जा रहा है । उन्होंने दरअसल जिस तरह से दिल्ली में सुशील गुप्ता के इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी बनने को सेलीब्रेट करने की योजना बनाई, उसने उनके डिस्ट्रिक्ट में ही नहीं - बल्कि जोन 4 के रोटरी नेताओं के बीच भी हलचल मचा दी । रोटरी की व्यवस्था और राजनीति में इस तरह की हलचलें जब मचा करती हैं, तब कई दिलचस्प नजारे देखने को मिलते हैं । दिल्ली के कार्यक्रम को लेकर विनोद बंसल के जोश की हवा निकालने के लिए उनके अपने डिस्ट्रिक्ट में कई लोग सक्रिय हो गए । विनोद बंसल के लिए बड़े झटके की बात यह रही कि उनके अपने समझे जाने वाले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया को ही विनोद बंसल की योजना को बिगाड़ते देखा/पहचाना गया । विनय भाटिया दरअसल विनोद बंसल की योजना के खर्चे से डर गए; उन्हें लगा कि विनोद बंसल कार्यक्रम का खर्च डिस्ट्रिक्ट पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं, जिस कारण वह बगावती रूप में आ गए - विनय भाटिया के बगावती रूप का इस्तेमाल करके डिस्ट्रिक्ट के कुछेक लोगों ने विनोद बंसल को निशाने पर ले लिया । कार्यक्रम की बागडोर हाथ से निकलती देख विनोद बंसल ने डैमेज कंट्रोल कर हालात को संभालने की कोशिश की - और अपनी कोशिश में काफी हद तक कामयाब होने के बावजूद विनोद बंसल लेकिन कार्यक्रम का वह रूप बचाये नहीं रख सके, जैसा उन्होंने सोचा था । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया की बेवकूफी के कारण डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर विनोद बंसल कार्यक्रम को अपने तरीके से करने/चलाने का मौका गवाँ बैठे और कार्यक्रम की तैयारी में वह दूसरे लोगों को भी शामिल करने के लिए मजबूर हुए ।
विनोद बंसल को मिले इस झटके का फायदा उठाने का प्रयास अशोक गुप्ता ने किया । डिस्ट्रिक्ट 3054 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अशोक गुप्ता ने जयपुर में सुशील गुप्ता के सम्मान में कार्यक्रम करने की घोषणा की, तो विनोद बंसल के दिल्ली के कार्यक्रम की रौनक स्वतः फीकी सी पड़ गई । दरअसल अशोक गुप्ता की रोटरी के 'शो-मैन' के रूप में खासी ख्याति है । उनके कार्यक्रम व्यवस्था, भव्यता और मेहमानदारी(हास्पिटैलिटी) के लिहाज से रोटरी में हर किसी को लुभाते और आकर्षित करते हैं । तीन वर्ष पहले जयपुर में आयोजित हुए रोटरी इंस्टीट्यूट की रौनक ने छोटे-बड़े हर रोटेरियंस को प्रभावित किया था और इसके लिए हर किसी ने अशोक गुप्ता की कार्यशैली को श्रेय दिया था । इसीलिए जयपुर में सुशील गुप्ता के इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी के रूप में होने वाले स्वागत समारोह की खबर ने रोटेरियंस के बीच एक अलग तरह का करंट पैदा किया, जिसने दिल्ली में हो रहे सुशील गुप्ता के स्वागत समारोह की तैयारी को धुँधला कर दिया । कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से आयोजित करने में हालाँकि विनोद बंसल को भी महारत है, जो पिछले दिनों ही पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन के सान्निध्य में 'एक शाम' के आयोजन में उन्होंने दिखाई थी, जिसकी खासी प्रशंसा हुई थी । विनोद बंसल के लिए मुसीबत की बात लेकिन यह है कि उन्हें अपने डिस्ट्रिक्ट में बहुत विरोध का सामना करना पड़ता है, जिस कारण उन्हें अपना पूरा हुनर दिखाने का मौका ही नहीं मिल पाता है । सुशील गुप्ता के सम्मान-समारोह के बहाने रोटरी के बड़े नेताओं और खासकर जोन 4 के लोगों के बीच धाक जमाने की कोशिश करने के मामले में उनके लिए बदकिस्मती की बात यह रही कि जिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया को उनके बड़े मददगार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा था, वही विनय भाटिया उनके सबसे बड़े 'दुश्मन' साबित हुए हैं - कार्यक्रम के खर्चे को लेकर विनय भाटिया ने डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर्स के बीच जो रोना-धोना मचाया, उसने विनोद बंसल की योजना के जोश पर जैसे पानी फेर दिया ।
रही-सही कसर दीपक कपूर की विनोद बंसल के कार्यक्रम के ठीक अगले ही दिन की जा रही कार-रैली की तैयारी ने पूरी कर दी है । दीपक कपूर इस बात से बुरी तरह खफा बताये जा रहे हैं कि सुशील गुप्ता के सम्मान-समारोह की तैयारी से विनोद बंसल ने उन्हें पूरी तरह दूर रखा है । दीपक कपूर इंडिया नेशनल पोलियो प्लस कमेटी के चेयरमैन हैं, और इस नाते रोटरी के एक बड़े पदाधिकारी के रूप में देखे/पहचाने जाते हैं । इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी के रूप में सुशील गुप्ता के अपने ही डिस्ट्रिक्ट में होने वाले सम्मान-समारोह की तैयारी से दूर रखे जाने के चलते नाराज दीपक कपूर ने कार रैली की तैयारी के जरिये विनोद बंसल से 'बदला' लेने का पूरा इंतजाम कर लिया है । कार-रैली के आयोजन में जोन 4 के कई डिस्ट्रिक्ट्स को शामिल करके दीपक कपूर ने संकेत देने की कोशिश की है कि डिस्ट्रिक्ट्स के बीच लॉबीइंग को लेकर उन्हें कमजोर न समझा जाए; मौका और जरूरत पड़ने पर वह पलटवार कर सकते हैं । 14 अक्टूबर की कार रैली के आयोजन के जरिये दीपक कपूर ने जोन 4 के लोगों को यह संदेश देने का भी प्रयास किया है कि अपनी 'राजनीति' के लिए उन्हें सुशील गुप्ता की 'वैसाखी' की जरूरत नहीं है । दीपक कपूर की यह चाल विनोद बंसल को दो तरफा झटका देती है - यह एक तरफ तो डिस्ट्रिक्ट को राजनीतिक रूप से विभाजित करती है, और दूसरी तरफ सुशील गुप्ता पर संभल कर चलने का दबाव बनाती है । विनोद बंसल और दीपक कपूर के बीच मचने वाली इस उठा-पटक का फायदा उठाने के लिए अशोक गुप्ता कमर कसते नजर आ रहे हैं । सुशील गुप्ता के स्वागत में जयपुर में समारोह करने की उनकी घोषणा ने जिस तरह से इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति में गर्मी पैदा कर दी है, उससे और क्या हुआ है - यह तो आगे पता चलेगा, अभी लेकिन उनकी घोषणा ने दिल्ली में होने वाले विनोद बंसल के कार्यक्रम की चमक को फीका कर दिया है ।