Sunday, September 9, 2018

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी टू में अजय डैंग को लेकर नियमों का पालन करने की नसीहत मिलने पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वंदना निगम ने पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर विनोद खन्ना के साथ-साथ अपने डिस्ट्रिक्ट के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बलविंदर सैनी को भी निशाने पर लिया

कानपुर । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वंदना निगम अपने स्वार्थी और मतलबपरस्ती भरे व्यवहार के कारण एक बार फिर लीडरशिप के निशाने पर आती दिख रही हैं । लखनऊ में आयोजित हुई पहली मल्टीपल काउंसिल की मीटिंग में पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर विनोद खन्ना ने वंदना निगम को आगाह किया कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्हें अजय डैंग से दूरी बना कर रखना चाहिए और उन्हें डिस्ट्रिक्ट के आयोजनों में प्रमुखता देने से बचना चाहिए । विनोद खन्ना का तर्क रहा कि अजय डैंग ने चूँकि लायंस इंटरनेशनल और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की हुई है, और नियमानुसार ऐसे लोगों को लायनिज्म में कोई तवज्जो नहीं मिल सकती है - इसलिए वंदना निगम से उम्मीद की जाती है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में वह लायंस इंटरनेशनल के नियमों का पालन करेंगी । मजे की बात यह हुई है कि विनोद खन्ना की बात/सलाह को समझने की कोशिश करने की बजाये वंदना निगम ने इस मामले में फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बलविंदर सैनी को लपेट लिया है । उन्होंने आरोप लगाया है कि बलविंदर सैनी ही विनोद खन्ना तथा लीडरशिप के दूसरे नेताओं को उनके खिलाफ भड़का रहे हैं । वंदना निगम के साथ बड़ी समस्या यह है कि वह अपनी मनमानी पर सवाल उठने से तुरंत भड़क उठती हैं और मामले की गंभीरता पर कतई गौर नहीं करती हैं । पिछले लायन वर्ष में डिस्ट्रिक्ट में जो तमाशा हुआ, उसके लिए यूँ तो कई लोग जिम्मेदार हैं - लेकिन उस तमाशे की मास्टरमाइंड वंदना निगम ही थीं । कुछेक लोगों का हालाँकि कहना है कि मास्टरमाइंड उनके पति श्याम निगम थे, और वह तो बस 'पत्नी-धर्म' निभा रही थीं । मास्टरमाइंड कौन था, इसे लेकर भले ही विवाद हो - लेकिन एक बात सभी स्वीकार करते हैं कि जो हुआ उसमें फजीहत वंदना निगम की ही हुई ।
दिलचस्प नजारा यह है कि पिछले लायन वर्ष में जो तमाशा हुआ, उसके केंद्र/कारण के रूप में अजय डैंग थे - और इस वर्ष अजय डैंग के कारण ही वंदना निगम एक बार फिर विवाद और फजीहत में फँसती नजर आ रही हैं । विनोद खन्ना का कहना है कि पद-भार सँभालने से पहले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की जो ट्रेनिंग होती है, उसमें सबसे महत्त्वपूर्ण और जरूरी पाठ यह पढ़ाया जाता है कि लायनिज्म और लायंस इंटरनेशनल की पहचान और प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए क्या क्या नियम हैं । इन्हीं नियमों में एक बड़ा खास नियम यह है कि लायंस इंटरनेशनल और उसके पदाधिकारियों को कानूनी मामलों में फँसाने वाले लोगों को किसी भी आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जायेगा । विनोद खन्ना का कहना/मानना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने के नाते वंदना निगम को इस नियम की जानकारी होगी ही, और उनसे उम्मीद की जाती है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में वह लायंस इंटरनेशनल के उक्त नियम का पालन करेंगी । देखने में लेकिन यह आ रहा है कि लायंस इंटरनेशनल तथा उसके पदाधिकारियों के खिलाफ कोर्ट-कचहरी करने वाले अजय डैंग को वंदना निगम डिस्ट्रिक्ट के आधिकारिक आयोजनों में खासी तवज्जो दे/दिला रही हैं । विनोद खन्ना ने इसी हरकत के लिए मल्टीपल काउंसिल की मीटिंग में वंदना निगम को आगाह किया । डिस्ट्रिक्ट के लोगों का ही कहना/बताना है कि वंदना निगम ने विनोद खन्ना से सामने सामने तो कुछ नहीं कहा, लेकिन डिस्ट्रिक्ट में अपने नजदीकियों के बीच वह सवाल उठा रही हैं कि विनोद खन्ना किस हैसियत से उन्हें आगाह कर रहे हैं या सलाह दे रहे हैं; उनका कहना है कि विनोद खन्ना उनके डिस्ट्रिक्ट के मामलों में नाहक ही दिलचस्पी ले रहे हैं और हस्तक्षेप कर रहे हैं । विनोद खन्ना के साथ-साथ वंदना निगम अपने डिस्ट्रिक्ट के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बलविंदर सैनी को भी निशाना बना रही हैं । उनका कहना है कि बलविंदर सैनी लीडरशिप के बीच उन्हें बदनाम कर रहे हैं और अपनी नेतागिरी करने/जमाने का प्रयास कर रहे हैं ।
डिस्ट्रिक्ट में लोगों का मानना/कहना है कि वंदना निगम और बलविंदर सैनी को आगे करके डिस्ट्रिक्ट के नेता लोग इस वर्ष की चुनावी राजनीति को साधने का उपक्रम कर रहे हैं । उल्लेखनीय है कि इस वर्ष दो वर्षों के गवर्नर चुने जाने हैं । पिछले वर्ष के तमाशे और उसके नतीजे के चलते वंदना निगम और उनके समर्थक नेता दबाव में हैं, और इसलिए बलविंदर सैनी व उनके समर्थक नेता इस कोशिश में हैं कि दोनों वर्षों पर वह 'अपने' उम्मीदवार 'चुनवा' लें । वंदना निगम और उनके समर्थक नेताओं की डिस्ट्रिक्ट में हालत ऐसी पतली है कि उनके भरोसे कोई उम्मीदवार बनने को तैयार नहीं हो रहा है । ऐसे में वंदना निगम ने अजय डैंग के सहारे/भरोसे ही चुनावी राजनीति में बने/टिके रहने की कोशिश शुरू की है; और इस कोशिश के चलते ही उन्होंने अजय डैंग को डिस्ट्रिक्ट के आयोजनों में आगे आगे रखना/रखवाना शुरू किया है । उन्होंने अजय डैंग को आश्वस्त किया है कि दो वर्षों के लिए गवर्नर चुनने की जब स्थिति आयेगी तब सौदेबाजी के जरिये वह एक वर्ष के लिए अजय डैंग को 'चुनवा' देंगी । कुछेक लोगों को लगता है और उनका कहना है कि इस तरह से वंदना निगम ने वास्तव में अजय डैंग से और पैसे ऐंठने तथा उनके संसाधनों का उपयोग कर लेने का मौका बनाया है । डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों को लगता है कि अजय डैंग लायनिज्म और लायंस इंटरनेशनल के साथ दोहरा खेल नहीं खेल सकते हैं - एक तरफ तो वह लायंस इंटरनेशनल के साथ कोर्ट-कचहरी कर रहे हैं, और दूसरी तरह वंदना निगम के सहारे इस वर्ष होने वाले चुनाव में 'चुने' जाने की उम्मीद कर रहे हैं । अजय डैंग क्या कर रहे हैं, इस पर तो लीडरशिप का कोई बस नहीं है - लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वंदना निगम से तो लीडरशिप के नेता सवाल कर ही सकते हैं कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्हें लायंस इंटरनेशनल व लायनिज्म के साथ इस तरह का खिलवाड़ नहीं करना चाहिए ।
मल्टीपल काउंसिल की मीटिंग में विनोद खन्ना ने वंदना निगम को यही पाठ पढ़ाते हुए उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उनकी जिम्मेदारी याद दिलाई है । अपने नजदीकियों के बीच इस मामले में वंदना निगम भले ही विनोद खन्ना की प्रशासनिक हैसियत पर सवाल उठा रही हों, और बलविंदर सैनी पर दोषारोपण कर रही हों - लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि वास्तव में वह विनोद खन्ना से मिली नसीहत को गंभीरता से लेती हैं, या अजय डैंग से फायदा उठाते हुए उन्हें तवज्जो देती/दिलवाती रहती हैं ?