Monday, September 17, 2018

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक गुप्ता की रजिस्ट्रेशन की कमी के कारण फ्लॉप होती दिख रही पेम वन को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के प्रमोशन के लिए उपयोग करने की अशोक अग्रवाल की कोशिश सचमुच बचा लेगी क्या ?

गाजियाबाद । 23 सितंबर को होने जा रहे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक गुप्ता के पहले कार्यक्रम पेम (प्रेसीडेंट इलेक्ट मीट) वन के लिए अब जब गिनती के दिन ही बचे हैं, तब भी दीपक गुप्ता को रजिस्ट्रेशन के लिए जूझना पड़ रहा है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार अशोक अग्रवाल के समर्थकों के बड़ी संख्या में पेम वन में उपस्थिति बनाने के अभियान के चलते दीपक गुप्ता की मुश्किलें कुछ आसान तो होती हुई दिख रही हैं, अन्यथा दीपक गुप्ता की पेम वन का बुरा हाल ही होना था । स्थिति कितनी खराब है, इसका अंदाजा इसी बात से लग रहा है कि पर्याप्त रजिस्ट्रेशन न हो पाने  के कारण दीपक गुप्ता को खुद प्रयास करना पड़ रहा है, और फोन कर कर के लोगों से रजिस्ट्रेशन करवाने की रिक्वेस्ट करना पड़ रही है । दीपक गुप्ता का शिकायतभरा रोना यह है कि जो लोग उनके साथ जुड़े हैं और उनके साथ होने का दम भरते हैं, वह लोग भी रजिस्ट्रेशन करवाने में उनकी मदद नहीं कर रहे हैं । दीपक गुप्ता को सबसे ज्यादा आश्चर्य उन लोगों के व्यवहार पर है, जो उनके गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट टीम में पद तो लेना चाहते हैं - और या ले चुके हैं, लेकिन पेम वन को कामयाब बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं । परंपरा और व्यवहार के अनुसार, प्रेसीडेंट इलेक्ट के अलावा पेम वन में ऐसे रोटेरियंस शामिल होते हैं, जिन्हें अगले रोटरी वर्ष की डिस्ट्रिक्ट टीम में पद लेना या मिलना होता है; ऐसे लोगों की एक सीमित संख्या होती है, जिनका रजिस्ट्रेशन तो पेम वन के लिए आसानी से हो जाता है - रजिस्ट्रेशन के 'टारगेट' को पूरा करने के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट और उनकी कोर टीम के सदस्यों को प्रयास करना होता है । दीपक गुप्ता और उनकी कोर टीम के सदस्यों के प्रयासों में कमी के चलते पेम वन के 'टारगेट' को पूरा करना दीपक गुप्ता के लिए मुश्किल हो रहा है; और इसके चलते दीपक गुप्ता और उनकी कोर टीम के सदस्यों के बीच ही आरोप-प्रत्यारोप का सीन बन रहा है । दीपक गुप्ता का अपनी कोर टीम के सदस्यों पर आरोप है कि लोग महत्त्वपूर्ण पद लेकर तो बैठ गए हैं, लेकिन काम कुछ करने को तैयार नहीं हैं; कोर टीम के सदस्यों का कहना लेकिन यह है कि दीपक गुप्ता में लीडरशिप की कोई खूबी ही नहीं है, और उन्हें यह पता व समझ ही नहीं है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर केरूप में उन्हें काम कैसे करने हैं और कैसे लोगों को इंस्पॉयर करना है ।
दीपक गुप्ता का 'टारगेट' दरअसल सुभाष जैन की पेम वन से 'अच्छी' पेम वन करने का है । हालाँकि जगह के मामले में दीपक गुप्ता गच्चा खा गए हैं । सुभाष जैन ने पेम वन का आयोजन पुलमैन होटल में किया था, जहाँ रोटेरियंस को नया अनुभव मिला था, जबकि दीपक गुप्ता पेम वन का आयोजन ताज पैलेस में कर रहे हैं, जो पुलमैन से सस्ता पड़ता है । दीपक गुप्ता इस कमी की भरपाई संख्या बल से पूरा करना चाहते हैं । पिछले वर्ष पेम वन में साढ़े पाँच सौ से अधिक लोग जुटे थे, दीपक गुप्ता इससे अधिक लोग अपनी पेम वन में चाहते हैं । लेकिन रजिस्ट्रेशन की जो रफ्तार है, उसे देख कर लगता नहीं है कि दीपक गुप्ता इस 'टारगेट' को प्राप्त कर सकेंगे । लोगों का आरोप है कि दीपक गुप्ता रजिस्ट्रेशन के लिए ज्यादा रकम ले रहे हैं, और यही कारण है कि उन्हें रजिस्ट्रेशन की कमी का सामना करना पड़ रहा है । पिछले वर्ष पेम वन में एक दंपति के लिए रजिस्ट्रेशन चार्ज 5500 रुपए था, लेकिन दीपक गुप्ता एक दंपति के लिए आठ हजार रुपए बसूल रहे हैं । पिछली बार की तुलना में इस बार का होटल सस्ता है, इसलिए उम्मीद तो यह की जा रही थी कि इस बार रजिस्ट्रेशन चार्ज कम होगा, लेकिन दीपक गुप्ता तो करीब डेढ़ गुना रकम बढ़ा कर चार्ज बसूल कर रहे हैं । पेम वन को स्पॉन्सर करने वाले क्लब्स से तो दीपक गुप्ता ने पिछले वर्ष की तुलना में करीब तीन गुना रकम बसूलने की कोशिश की है । अपने पहले ही कार्यक्रम में दीपक गुप्ता ने जो लूट मचाई है, उसके कारण वह डिस्ट्रिक्ट में आलोचना व आरोपों के पात्र बन रहे हैं । हालाँकि कुछेक लोग इसके लिए दीपक गुप्ता के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर मुकेश अरनेजा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं; उनका मानना/कहना है कि दीपक गुप्ता रोटरी के नाम पर पैसे बनाने का काम शायद न करें - और यह काम उन्हें अँधेरे में रख कर मुकेश अरनेजा कर रहे हैं ।
मजे की बात यह है कि दीपक गुप्ता एक तरफ तो यह दावा कर रहे हैं कि पेम वन के आयोजन में जो/जितना पैसा खर्च होना है, वह स्पॉन्सरशिप तथा अभी तक हुए रजिस्ट्रेशन के जरिये आ चुका है - इसलिए उन्हें और रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है; लेकिन दूसरी तरफ वह फोन कर कर के लोगों पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए दबाव बना रहे हैं । लोगों का कहना/पूछना है कि दीपक गुप्ता को जब पेम वन का खर्च जुट गया है, तो उन्हें और रजिस्ट्रेशन की जरूरत क्या है, जिसके लिए वह तरह तरह से दबाव बना रहे हैं । अपने पहले ही कार्यक्रम, पेम वन को लेकर दीपक गुप्ता जिस तरह से विवादों व आरोपों के घेरे में आ गए हैं, और लीडरशिप व संगठनक्षमता के मामले में अपनी कमजोरी को जाहिर कर रहे हैं - उससे उनके गवर्नर वर्ष के बेहाल होने/रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं । पेम वन के मामले में दीपक गुप्ता की कुछ लाज बचाने का काम अशोक अग्रवाल और उनके समर्थक करते नजर आ रहे हैं । दरअसल पेम वन के जरिये अशोक अग्रवाल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए अपनी उम्मीदवारी को प्रमोट करने के उद्देश्य से प्रयास किया है कि पेम वन के आयोजन में उनके समर्थक अच्छी संख्या में रहें, ताकि लोगों को यह बताया/दिखाया जा सके कि दीपक गुप्ता और उनके बीच एक दूसरे की मदद करने वाले संबंध हैं तथा दीपक गुप्ता की टीम में अशोक अग्रवाल के समर्थकों व नजदीकियों को प्रमुखता से जगह मिलने जा रही है । अशोक अग्रवाल और उनके समर्थकों को लगता है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक गुप्ता के साथ अपने और अपने समर्थकों के दोस्ताना संबंधों को दिखा/जता कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में अशोक अग्रवाल की उम्मीदवारी के लिए अच्छा समर्थन जुटाया जा सकेगा ।