Saturday, September 8, 2018

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के सेंट्रल काउंसिल चुनाव में नॉर्दर्न रीजन में संजीव चौधरी की उम्मीदवारी की संभावना बनने के बावजूद संजीव सिंघल के नजदीकियों और समर्थकों का दावा है कि संजीव चौधरी की उम्मीदवारी नहीं आ रही है, और यह बात जल्दी ही स्पष्ट हो जाएगी

नई दिल्ली । संजीव चौधरी के सेंट्रल काउंसिल का चुनाव लड़ने की संभावना के फिर से बलबती होने के संकेतों ने संजीव सिंघल के लिए मुसीबत बढ़ा देने का काम किया है । उल्लेखनीय है कि संजीव चौधरी की उम्मीदवारी को लेकर अभी तक भी हाँ/न की स्थिति बनी हुई है । उनके नजदीकियों के लिए भी दावे के साथ यह बता पाना मुश्किल ही नहीं, बल्कि असंभव ही है कि वह सचमुच उम्मीदवार बनेंगे या नहीं; उनके नजदीकियों का कहना है कि संजीव चौधरी बड़े 'टफ' व्यक्ति हैं, और उनके मन की थाह लेना बड़ा मुश्किल काम है; उनके नजदीकियों को ही लगता है कि उनके दाएँ हाथ के लिए भी यह समझ पाना मुश्किल होता होगा कि उनका बायाँ हाथ क्या कर रहा है ? संजीव चौधरी के इसी रवैये के कारण सेंट्रल काउंसिल के लिए उनकी उम्मीदवारी एक पहेली बनी हुई है । चूँकि वह एक उम्मीदवार के रूप में सक्रिय नहीं दिख रहे हैं, इसलिए उनकी उम्मीदवारी के संदर्भ में अभी तक 'हाँ' की बजाये 'न' का पलड़ा भारी दिख रहा था; लेकिन अभी जिस तरह से इंस्टीट्यूट की बेवसाईट से उनकी तस्वीर छिपा दी गई है, उससे उनकी उम्मीदवारी के संदर्भ में 'हाँ' का पलड़ा अचानक से भारी हो उठा है । उल्लेखनीय है कि चुनावी आचार-संहिता का पालन करने के लिए इंस्टीट्यूट की बेवसाईट में पुनर्निर्वाचन के लिए चुनाव में जाने/उतरने वाले काउंसिल सदस्यों की तस्वीर को छिपा देने का चलन या नियम है । इसी के चलते इंस्टीट्यूट की बेवसाईट में उन काउंसिल सदस्यों की तस्वीरों को छिपा दिया गया है, जो सेंट्रल काउंसिल में पुनर्निर्वाचन के लिए 'तैयारी' कर रहे हैं । छिपाई गई तस्वीरों में चूँकि संजीव चौधरी की भी तस्वीर है, इसलिए लोगों को विश्वास हो चला है कि संजीव चौधरी सेंट्रल काउंसिल में पुनर्निर्वाचन के लिए उम्मीदवार हो रहे हैं ।
संजीव चौधरी के उम्मीदवार हो सकने की संभावना के जोर पकड़ने से संजीव सिंघल की हालत पतली होती दिख रही है । दरअसल दोनों संजीव बिग फोर के प्रतिनिधि के रूप में चुनावी परिदृश्य में हैं, लेकिन चुनावी परिदृश्य में माना/समझा जाता है कि बिग फोर के 'स्टाफ' में जो चार्टर्ड एकाउंटेंट्स हैं, वह सिर्फ एक को ही चुनाव जितवा सकते हैं । प्रैक्टिस करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच बिग फोर की पहचान एक 'दुश्मन' प्रतिद्धंद्धी जैसी है । इसीलिए बिग फोर के उम्मीदवार प्रैक्टिस करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के ज्यादा मुँह नहीं लगते हैं, और वह अपने 'स्टाफ' चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के ही भरोसे रहते हैं । संजीव सिंघल बिग फोर के पहले ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने प्रैक्टिस करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच पिछले दिनों अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के लिए काफी सक्रियता दिखाई है । संजीव सिंघल को यह सब करने की जरूरत दरअसल इसीलिए पड़ी, क्योंकि संजीव चौधरी की उम्मीदवारी के रहते/होते हुए सिर्फ बिग फोर के स्टाफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के भरोसे तो उनका जीत पाना असंभव ही है । बिग फोर के स्टाफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच भी संजीव चौधरी का ज्यादा प्रभाव माना/पहचाना जाता है । इसलिए बिग फोर के उम्मीदवार होने के बावजूद संजीव सिंघल ने प्रैक्टिस करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच पहचान और प्रभाव बनाने का जोरदार प्रयास किया । संजीव सिंघल ने इसके लिए हर हथकंडा आजमाया । गिरीश आहुजा और इंस्टीट्यूट के पूर्व प्रेसीडेंट अमरजीत चोपड़ा के साथ नजदीकी बनाने और उसे 'दिखा' कर भी संजीव सिंघल ने लोगों को भरमाने का प्रयास किया है - लेकिन उनके नजदीकियों का ही कहना/बताना है कि इस तरह की तरकीबों से उन्हें कोई चुनावी फायदा होता हुआ अभी तक तो नहीं नजर आ रहा है ।
संजीव सिंघल तमाम प्रयास कर लेने के बावजूद प्रैक्टिस करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच समर्थन को लेकर आश्वस्त नहीं हो पा रहे हैं । असल में, अपने कई कार्यक्रमों में संजीव सिंघल को प्रैक्टिस करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की तरफ से बिग फोर की भूमिका को लेकर तीखे सवालों का सामना करना पड़ा है - जिसके चलते किसी भी रूप में संजीव सिंघल के पक्ष में माहौल बनता हुआ नहीं दिख रहा है । ऐसे में उनके लिए एक अकेली उम्मीद यही है कि संजीव चौधरी उम्मीदवार न बनें - तो उनकी दाल गले । संजीव चौधरी लेकिन अपनी उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस बनाये हुए हैं । इंस्टीट्यूट की चुनावी राजनीति में बिग फोर की दिलचस्पी का अध्ययन करने वाले लोगों का मानना/कहना है कि संजीव चौधरी जिस तरह से अपनी उम्मीदवारी पर सस्पेंस बना कर संजीव सिंघल को छका रहे हैं, उसके पीछे बिग फोर कंपनियों की आपसी उठा-पटक भी कारण हो सकती है । संजीव चौधरी का रवैया और संजीव सिंघल की प्रैक्टिस करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच पहचान बनाने तथा समर्थन जुटाने की कोशिशों से लगता है कि बिग फोर में संजीव सिंघल के लिए हालात अनुकूल नहीं हैं । संजीव सिंघल के नजदीकियों और समर्थकों का भी मानना और कहना/बताना है कि संजीव चौधरी अपनी उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस सिर्फ इसलिए बनाये हुए हैं, ताकि वह संजीव सिंघल को अपनी 'पकड़' में लाने में कामयाब हो जाएँ; अन्यथा यह तय है कि संजीव चौधरी की उम्मीदवारी प्रस्तुत नहीं हो रही है; नजदीकियों और समर्थकों का दावा है कि संजीव चौधरी की उम्मीदवारी नहीं आ रही है, यह बात जल्दी ही स्पष्ट हो जाएगी - और तब संजीव सिंघल के लिए अभी प्रतिकूल दिख रहे हालात अनुकूल हो जायेंगे ।