Thursday, September 20, 2018

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की चुनावी राजनीति में 'सीए प्रीमियर लीग' के जरिये सुधीर अग्रवाल ने जो बाउंसर फेंका है, उसने इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल के चुनावी माहौल में गर्मी पैदा करने के साथ-साथ बाकी उम्मीदवारों को चिंतित व परेशान करने का काम भी किया है

नई दिल्ली । सुधीर अग्रवाल की 'क्रिकेट डिप्लोमेसी' ने चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल की चुनावी राजनीति में खासी गर्मी पैदा कर दी है । नॉर्दर्न इंडिया सीए फेडरेशन की तरफ से दो अक्टूबर को शुरू हो रही 'सीए प्रीमियर लीग' को सुधीर अग्रवाल की तरफ से एक ऐसे मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है, जिसने नॉर्दर्न रीजन में सेंट्रल काउंसिल के प्रायः सभी उम्मीदवारों और उनके समर्थकों को चिंतित और परेशान कर दिया है । चिंतित और परेशान हों भी क्यों न ? इस बार की प्रीमियर लीग में दिल्ली से बाहर की भी कई टीम आ रही हैं, और इससे भी बड़ी बात यह कि बिग फोर का प्रतिनिधित्व करती हुईं भी कुछेक टीम इस बार प्रीमियर लीग का हिस्सा बन रही हैं । इन तथ्यों को सुधीर अग्रवाल की चार्टर्ड एकाउंटेंट्स खिलाड़ियों के बीच बनी और बढ़ती स्वीकार्यता के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । यूँ कहने को तो खिलाड़ियों की संख्या हालाँकि ज्यादा नहीं होगी; किंतु एक खिलाड़ी सिर्फ एक ईकाई ही नहीं होता है - उसके नजदीकी और उसके प्रशंसक होते हैं, उसकी एक फॉलोइंग होती है और उसका एक ऑरा (आभामंडल) होता है; ऐसे में एक खिलाड़ी वास्तव में कई लोगों पर प्रभाव छोड़ता है । अंतर्राष्ट्रीय ख्याति और मान्यता प्राप्त फिरोजशाह कोटला की पिच पर खेलने के लिए जालंधर, हिसार, यमुनानगर, गुड़गाँव आदि से आयेंगे तो कुछ ही चार्टर्ड एकाउंटेंट्स खिलाड़ी, लेकिन वहाँ के बाकी चार्टर्ड एकाउंटेंट्स खिलाड़ियों और चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए भी यह तथ्य स्वाभाविक रूप से उत्सुकता और दिलचस्पी का होगा ही । जो भी क्रिकेट का बल्ला पकड़ता है, उसकी इच्छा और हसरत अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा प्राप्त फिरोजशाह कोटला की पिच पर खेलने की तो होती ही है । यह सच है कि सीए प्रीमियर लीग में खेलने का मौका कुछ ही चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को मिलेगा, लेकिन क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले बाकी चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए भी यह मौका भावनात्मक जुड़ाव का होगा ही - और ऐसा कौन चार्टर्ड एकाउंटेंट होगा, जिसे क्रिकेट में दिलचस्पी न होगी । यही तथ्य सेंट्रल काउंसिल के चुनाव के संदर्भ में सुधीर अग्रवाल की 'क्रिकेट डिप्लोमेसी' को महत्त्वपूर्ण बना देता है, और सेंट्रल काउंसिल के बाकी उम्मीदवारों की नींद उड़ा देता है ।
इस वर्ष दो अक्टूबर से शुरू हो रही 'सीए प्रीमियर लीग' नॉर्दर्न इंडिया सीए फेडरेशन का चौथा आयोजन है । पहले के तीन आयोजनों की सफलता ने सीए प्रीमियर लीग को नॉर्दर्न रीजन के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच जो पहचान और प्रतिष्ठा दी है, उसके चलते भी इस चौथे आयोजन के प्रति रीजन के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच खासा उत्साह है । इस उत्साह को बनाने/जमाने में सुधीर अग्रवाल की तरकीब भी है - जिन्होंने सीए प्रीमियर लीग के रूप में प्रोफेशन और क्रिकेट का ऐसा 'कॉकटेल' तैयार किया है, जिसमें चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को दोहरा फायदा मिलता/दिखता है । इसका नजारा तीसरे और पिछले आयोजन के फाइनल व पुरुस्कार वितरण समारोह में देखने को मिला था । उक्त समारोह में इंस्टीट्यूट के दो पूर्व प्रेसीडेंट्स - एनडी गुप्ता और वेद जैन समारोह में मौजूद चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए आकर्षण के प्रमुख केंद्र थे । उक्त समारोह में मौजूद चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सक्रियता और संलग्नता में देखा/पाया भी गया और उनमें से कईयों ने कहा भी कि यहाँ क्रिकेट के रोमांच के साथ एनडी गुप्ता और वेद जैन जैसे इंस्टीट्यूट के प्रतिष्ठित लोगों के साथ नजदीकी बनाने और दिखाने के मौके भी मिल रहे हैं । मौजूदा वर्ष के शुरू में हुए उक्त समारोह में एनडी गुप्ता और वेद जैन के साथ जिन कई चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने तस्वीरें खिंचवाईं और सोशल मीडिया में उन तस्वीरों को लगाया/दिखाया, उन तस्वीरों ने उक्त समारोह में न पहुँच सके चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को 'सीए प्रीमियर लीग' के प्रति उत्सुक व गंभीर बनाया । यह भी एक प्रमुख कारण है कि 'सीए प्रीमियर लीग' के करीब बारह दिन बाद शुरू हो रहे चौथे आयोजन के प्रति चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, खासकर युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का जोश जोरों पर दिख रहा है । संयोग है कि यह चौथा आयोजन इंस्टीट्यूट के चुनाव के मौके पर हो रहा है । इस आयोजन के मुख्य कर्ता-धर्ता के रूप में सुधीर अग्रवाल ने इस मौके और जोश का अपनी उम्मीदवारी के लिए पूरा पूरा फायदा उठाने के उद्देश्य से चौथे आयोजन को और खास बनाने की तैयारी भी की है । दरअसल सुधीर अग्रवाल की बहुआयामी तैयारी ने ही चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इंस्टीट्यूट के सेंट्रल काउंसिल के चुनावी माहौल में गर्मी पैदा कर दी है ।
'तैयारी' के तहत ही व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक टीम को एक लीग मैच फिरोजशाह कोटला की पिच पर खेलने का मौका अवश्य ही मिलेगा । पिछले आयोजन में सिर्फ फाइनल मैच ही फिरोजशाह कोटला की पिच पर हो सका था । इस बार की व्यवस्था में लेकिन लीग में शामिल प्रत्येक खिलाड़ी को फिरोजशाह कोटला की अंतर्राष्ट्रीय पिच पर अपने खेल का कौशल दिखाने का मौका मिलेगा । दो अक्टूबर को 'सीए प्रीमियर लीग' का उद्घाटन दिल्ली स्थित अक्षर धाम मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी वत्सल मुनि कर रहे हैं, और बाद के आयोजनों में भी प्रयास रहेगा कि देश के मुख्य क्रिकेटर और इंस्टीट्यूट के प्रमुख पदाधिकारी और सदस्य खिलाड़ियों की हौंसला-आफजाई के लिए मौजूद रहें । यह व्यवस्था लीग की पहचान और प्रतिष्ठा बढ़ाने के उद्देश्य से तो होगी ही, साथ ही इस व्यवस्था में सेंट्रल काउंसिल के लिए प्रस्तुत सुधीर अग्रवाल की उम्मीदवारी के प्रमोशन का लक्ष्य भी स्वाभाविक रूप से होगा ही । सुधीर अग्रवाल ने सारी व्यवस्था इतनी चतुराई से की है कि प्रीमियर लीग के हर मौके का फायदा उनकी उम्मीदवारी को मिल सके । चुनावी आचार-संहिता का पालन करते हुए सुधीर अग्रवाल ने हालाँकि नॉर्दर्न इंडिया सीए फेडरेशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, और प्रीमियर लीग के छह पृष्ठों के ब्रॉशर पर कहीं भी उनका नाम नहीं है - लेकिन पूरे आयोजन पर उनकी छाप इतनी गहरी है कि नॉर्दर्न इंडिया सीए फेडरेशन और/या सीए प्रीमियर लीग का जिक्र होते ही लोगों की जुबान पर सहज ही सुधीर अग्रवाल का नाम आ जाता है । दरअसल नॉर्दर्न इंडिया सीए फेडरेशन तथा सीए प्रीमियर लीग और सुधीर अग्रवाल आपस में एक दूसरे के इतने पर्याय बन चुके हैं; और लोगों के दिलों-दिमाग में ऐसे बैठ चुके हैं कि ब्रॉशर में सुधीर अग्रवाल का नाम होने या न होने का कोई अर्थ नहीं रह गया है । प्रीमियर लीग के जरिये सुधीर अग्रवाल ने सेंट्रल काउंसिल के चुनाव में जो बाउंसर फेंका है, उसने इंस्टीट्यूट की चुनावी राजनीति में गर्मी पैदा करने तथा सेंट्रल काउंसिल के बाकी उम्मीदवारों को चिंतित व परेशान करने का काम जरूर किया है - लेकिन इंस्टीट्यूट की चुनावी राजनीति के खिलाड़ियों का मानना और कहना है कि अपने इस आयोजन को मिलने वाले जोरदार समर्थन को वोट में बदलने का मैकेनिज्म सुधीर अग्रवाल को अभी तैयार करना है । वास्तव में वह मैकेनिज्म ही सेंट्रल काउंसिल में उनकी सफलता को सुनिश्चित करने का काम करेगा ।