Thursday, September 6, 2018

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 के मिलियन डॉलर फंडरेजर डिनर कार्यक्रम में गुलाम वहनवती के सामने राजेश गुप्ता और विनोद बंसल के खिलाफ बकवासबाजी करके रवि चौधरी ने अब अपने ही समझे जाने वाले लोगों के खिलाफ मोर्चा खोला

नई दिल्ली । निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी की एक हरकत ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया, पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद बंसल और राजेश गुप्ता के 'प्लान' में लगता है कि एक साथ 'बत्ती' लगा दी है । राजेश गुप्ता, विनोद बंसल के क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली राजधानी के पूर्व प्रेसीडेंट हैं, और डिस्ट्रिक्ट से एकेएस सोसायटी के अभी तक बने पाँच सदस्यों में एक सदस्य हैं और दूसरे नंबर पर बने सदस्य हैं । एक सामान्य रोटेरियन होते हुए राजेश गुप्ता ने रोटरी में जितने पैसे दान किए हैं, उसके कारण वह रोटेरियंस के बीच कुछेक के लिए प्रशंसा व प्रेरणा तो कुछेक के बीच ईर्ष्या के पात्र बने हैं । अभी हाल ही में डिस्ट्रिक्ट में आयोजित हुए मिलियन डॉलर फंडरेजर डिनर में रोटरी फाउंडेशन ट्रस्टी गुलाम वहनवती के सामने रवि चौधरी ने राजेश गुप्ता और विनोद बंसल के खिलाफ जिस तरह का जहर उगला, उससे जाहिर हुआ कि रवि चौधरी उन लोगों में हैं जो राजेश गुप्ता से ईर्ष्या करते हैं । राजेश गुप्ता के प्रति रवि चौधरी की खुन्नस व बौखलाहट को देखते/सुनते हुआ कुछेक लोगों ने कहा भी कि रवि चौधरी ने खुद तो रोटरी के लिए कुछ किया नहीं है, राजेश गुप्ता आगे बढ़ कर कुछ कर रहे हैं तो उनसे जल रहे हैं, और उन पर अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं । प्रत्यक्षदर्शियों में से कुछेक को गुलाम वहनवती का रवैया और व्यवहार भी नागवार लगा । उन्हें यह देख कर बुरा लगा और अफसोस हुआ कि फाउंडेशन ट्रस्टी के पद पर बैठा व्यक्ति रोटरी फाउंडेशन के लिए बढ़चढ़ कर काम करने वाले राजेश गुप्ता और विनोद बंसल के लिए रवि चौधरी द्वारा की जा रही बकवास में मजे ले रहा है और इस तरह रवि चौधरी को उत्साहित कर रहा है ।
मिलियन डॉलर फंडरेजर डिनर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे गुलाम वहनवती को एक मौके पर राजेश गुप्ता दरअसल यह बता रहे थे कि वह इस वर्ष हंड्रेड परसेंट मेजर डोनर सदस्यों का एक क्लब बना रहे हैं; गुलाम वहनवती यह सुन कर खुश हो रहे थे और उन्हें शाबासी व शुभकामनाएँ देते हुआ बता रहे थे कि रोटरी के इतिहास में यह पहला ऐसा क्लब होगा । राजेश गुप्ता और गुलाम वहनवती की यह बातचीत पास ही खड़े रवि चौधरी भी सुन रहे थे - किसी को कुछ अच्छा करता देख बर्दाश्त न करने की फितरत के चलते रवि चौधरी ने भड़क कर गुलाम वहनवती को कहना/बताना शुरू किया कि यह लोग रोटरी के नाम पर धंधा करते हैं और पैसे बनाते हैं; रवि चौधरी ने उन्हें यह भी बताया कि पिछले वर्ष इन्होंने ग्लोबल ग्रांट के लिए एक प्रोजेक्ट बनाया/दिया था, लेकिन इनकी नीयत को पहचान कर मैंने तो इनका प्रोजेक्ट रिजेक्ट कर दिया था; आदि-इत्यादि । रवि चौधरी ने उन्हें यह भी बताया/कहा कि राजेश गुप्ता की इन हरकतों को विनोद बंसल की शह है । रवि चौधरी की इस तरह की बातों को सुन कर और गुलाम वहनवती को उनकी बातों में दिलचस्पी लेता देख कर राजेश गुप्ता के लिए असहज-सी स्थिति बन गई । वहाँ मौजूद दो-एक लोगों ने बात को सँभाला और रवि चौधरी को अलग ले जा कर यह कहते हुए उन्हें चुप करवाने की कोशिश की कि उन्हें राजेश गुप्ता या उनके किसी काम से कोई शिकायत है तो उसे डिस्ट्रिक्ट में हल करो, बाहर के और रोटरी के बड़े पदाधिकारियों के सामने इस तरह डिस्ट्रिक्ट की बदनामी क्यों करते हो ? रवि चौधरी को यह भाँपने/समझने में देर नहीं लगी कि उन्होंने यदि अपनी बदतमीजी जारी रखी, तो उन्हें ही फजीहत का सामना करना पड़ेगा - लिहाजा उस समय तो वह शांत हो गए, लेकिन बाद में वह राजेश गुप्ता और विनोद बंसल को अलग अलग लोगों के बीच निशाना बनाने से नहीं चूके ।
रवि चौधरी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को अलग-अलग आरोपों के निशाने पर लेते रहे हैं, और उन पर रोटरी के नाम पर धंधा करने तथा प्रोजेक्ट्स में हेराफेरी करने के आरोप लगाते रहे हैं । राजेश गुप्ता और विनोद बंसल पर उनका आरोप है कि यह रोटरी में एक रुपया खर्च करके रोटरी से चार रुपए ले लेते हैं, और फिर उसमें से अपना रुपया तो निकाल ही लेते हैं, और कमाई भी कर लेते हैं । रवि चौधरी उनके क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली राजधानी को मिली एक करीब सवा चार करोड़ रुपए की मैचिंग ग्रांट से जुड़े प्रोजेक्ट का हवाला देते हैं, जो लगातार विवाद तथा संदेह के घेरे में रहा है - जिस कारण रोटरी इंटरनेशनल को इस ग्रांट का तीन बार ऑडिट करवाना पड़ा, और उसके बावजूद उक्त प्रोजेक्ट रोटरी क्लब दिल्ली राजधानी से छिन भी गया । रवि चौधरी लोगों को बता रहे हैं कि विनोद बंसल और राजेश गुप्ता की जोड़ी ने पिछले वर्ष उन्हें एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें ग्लोबल ग्रांट के तहत रोटरी फाउंडेशन से एक मोटी रकम लेने की उनकी योजना थी - लेकिन प्रोजेक्ट से संबंधित डिटेल्स वह यह कहते हुए देने से मना कर रहे थे कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में मैं प्रोजेक्ट को बस आगे बढ़ा दूँ, बाकी काम वह करवा लेंगे । रवि चौधरी कह/बता रहे हैं कि विनोद बंसल और राजेश गुप्ता के तरीके और इरादे उन्हें उचित नहीं लगे और इसलिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्होंने उनके प्रोजेक्ट को वापस कर दिया । रवि चौधरी का कहना है कि हंड्रेड परसेंट मेजर डोनर सदस्यों का क्लब भी राजेश गुप्ता और विनोद बंसल इसलिए बनवा रहे हैं, ताकि इसकी आड़ में वह ग्लोबल ग्रांट के नाम पर मोटी रकम ले सकें - वह जो रकम रोटरी को देंगे, उसकी चार गुनी ग्लोबल ग्रांट के नाम पर रोटरी से ले लेंगे । रवि चौधरी का आरोप है कि इस तरह यह लोग रोटरी को दान नहीं देते हैं, बल्कि रोटरी में इन्वेस्ट करते हैं - और फिर मुनाफे सहित अपने पैसे को वापस पाने के लिए तिकड़में करते हैं ।
रवि चौधरी के इन आरोपों पर राजेश गुप्ता और विनोद बंसल की तरफ से यही कहा/सुना गया है कि रवि चौधरी की इस तरह की बातों से रोटरी की छवि ही खराब होगी और रोटरी से जुड़ने से तथा रोटरी फाउंडेशन में पैसे देने से लोग बचेंगे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया को चिंता यह होने लगी है कि रवि चौधरी के इस रवैये से विनोद बंसल तथा राजेश गुप्ता द्वारा हंड्रेड परसेंट मेजर डोनर सदस्यों वाले क्लब बनाने के काम में कहीं बाधा न पड़ जाये - और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में वह एक 'उपलब्धि' से कहीं वंचित न हो जाएँ ? मजे की बात है कि विनय भाटिया के साथ रवि चौधरी के खासे अच्छे संबंध रहे हैं, और दोनों लोग लोगों के सामने 'छोटे भाई-बड़े भाई' बनते रहे हैं, और विनोद बंसल भी जब-तब रवि चौधरी की बदतमीजियों पर पर्दा डालने  तथा उन पर लीपापोती करने और या उन्हें उचित ठहराने का प्रयास करते रहे हैं और उनका पक्ष लेते रहे हैं । रवि चौधरी कुछेक बार सार्वजनिक रूप से विनोद बंसल की लानत-मलानत भी करते रहे हैं, लेकिन विनोद बंसल ने उनकी हरकतों की अनदेखी ही की है । लोगों को लगता है कि इसी कारण से रवि चौधरी का हौंसला अब इतना बढ़ गया है कि वह विनोद बंसल को रोटरी के बड़े नेताओं के सामने भी बेइज्जत करने लगे हैं । लोगों का कहना है कि विनोद बंसल ने रवि चौधरी के रूप में जो 'भस्मासुर' पाला है, वही अब उनके और - राजेश गुप्ता तथा विनय भाटिया जैसे उनके नजदीकियों के लिए मुसीबत बन गया है ।