कुरुक्षेत्र । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी लड़ाई में सत्ता खेमे की पक्षपातपूर्ण मनमानियों और बेईमानियों को लेकर होने वाली शिकायतें रोटरी इंटरनेशनल के बड़े और प्रमुख पदाधिकारियों तक जा पहुँची हैं, और इस तरफ डिस्ट्रिक्ट की चुनावी लड़ाई एक बड़ा मुद्दा बन गया है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार पंकज डडवाल के क्लब - रोटरी क्लब शिमला मिडटाऊन के प्रेसीडेंट अनिल सूद ने पहले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमेश बजाज को पत्र लिख कर पक्षपातपूर्ण मनमानियों और बेईमानियों पर लगाम लगाने का अनुरोध किया था; लेकिन अपने अनुरोध पर उन्हें जब कोई कार्रवाई होते हुए नहीं दिखी तो उन्होंने रोटरी इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित साऊथ एशिया ऑफिस के पदाधिकारियों से लेकर इंटरनेशनल प्रेसीडेंट इलेक्ट शेखर मेहता तथा इंटरनेशनल डायरेक्टर्स भरत पांड्या व कमल सांघवी को अपनी शिकायतों से अवगत कराते हुए पत्र लिखे/भेजे और उनसे उचित कार्रवाई का अनुरोध किया । इस घटना ने डिस्ट्रिक्ट में इतिहास को ट्रैजिक रूप में दोहराने का काम किया है । अभी कोई चार/पाँच वर्ष पहले ही, आज के सत्ताधारी तब के सत्ताधारियों की मनमानियों व बेईमानियों की शिकायत किया करते थे; राजा साबू के नेतृत्व वाले तब के सत्ताधारी बड़े अहंकार के साथ दावा किया करते थे कि रोटरी इंटरनेशनल के बड़े पदाधिकारियों तक उनकी चूँकि सीधी पहुँच है, इसलिए उनके खिलाफ होने वाली शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी; विडंबना और ट्रैजिडी यह है कि आज के सत्ताधारी भी वही 'भाषा' बोल रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि पंकज डडवाल के समर्थक रोटरी इंटरनेशनल के किसी भी पदाधिकारी से चाहें जो शिकायत कर लें, उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी ।
इसी दावे के भरोसे, निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जितेंद्र ढींगरा ने घोषणा की है कि अभी वह अपने बेटे की शादी के आयोजन में व्यस्त थे, लेकिन अब वह जल्दी ही 'बिग गेट टुगेदर' आयोजित करेंगे । उनकी इस घोषणा पर उनके उम्मीदवार अरुण मोंगिया खुशी जता रहे हैं । पिछले दिनों पहले सहारनपुर में और फिर अंबाला में अरुण मोंगिया की उम्मीदवारी के समर्थन में वोट जुटाने के उद्देश्य से मीटिंग/पार्टी की गई, जिसमें जितेंद्र ढींगरा के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट अजय मदान और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी नवीन गुलाटी भी शामिल हुए । किसी ने इसे लेकर आपत्ति की, तो उसे जबाव दिया गया कि जितेंद्र ढींगरा अपने बेटे की शादी में भीड़भाड़ से बचने के लिए लोगों को बुला नहीं सके थे, इसलिए वह अब लोगों को पार्टी दे रहे हैं । इस पर लोगों के बीच सुनने को मिला कि अपने बेटे की शादी की पार्टी लोगों को अपने घर बुला कर दी जाती है, जितेंद्र ढींगरा ने अलग रिवाज शुरू किया है, वह लोगों के घर जाकर पार्टी दे रहे हैं । जाहिर है कि उनके तर्क को डिस्ट्रिक्ट में लोग हजम नहीं कर पा रहे हैं, और इसे लोगों की आँखों में धूल झोंकने की कोशिश के रूप में ही देखा/पहचाना जा रहा है ।
डिस्ट्रिक्ट में इतिहास अपने आप को सिर्फ ट्रैजिक रूप में ही नहीं दोहरा रहा है, बल्कि कुछेक मामलों में वह कॉमेडी भी बन गया है । लोगों को याद है कि डेविड हिल्टन के गवर्नर-वर्ष में टीके रूबी के पक्ष में आयोजित की गई मीटिंग में शामिल होने के 'अपराध' में डिस्ट्रिक्ट टीम के 12 प्रमुख सदस्यों को टीम से निलंबित कर दिया गया था, उसी तरह की 'मानसिकता' को प्रकट करते हुए पंकज डडवाल की उम्मीदवारी के एक समर्थक - रोटरी क्लब सोलन सिटी के पूर्व प्रेसीडेंट वीरेंद्र अग्रवाल को वाट्स-ऐप ग्रुपों से निकाल दिया गया है । वीरेंद्र अग्रवाल का 'अपराध' ठीक वही है, जो डेविड हिल्टन के गवर्नर-वर्ष में टीके रूबी और उन 12 सदस्यों का था - सत्ताधारियों की पक्षपातपूर्ण मनमानियों व बेईमानियों का विरोध करना । डेविड हिल्टन की डिस्ट्रिक्ट टीम से 12 सदस्यों को निकालने का कोई कारण नहीं बताया गया था, वीरेंद्र अग्रवाल को वाट्स-ऐप ग्रुपों से निकालने का भी कोई कारण नहीं बताया गया है । एक ग्रुप में एक सदस्य ने जितेंद्र ढींगरा से कारण पूछा तो जितेंद्र ढींगरा ने उन्हें जबाव दिया कि वह फोन पर उन्हें कारण बताते हैं । फोन पर क्यों ? वीरेंद्र अग्रवाल को आपने ग्रुपों से निकाला, यह बात सभी को पता है - तो कारण भी सभी को पता होना चाहिए ! कारण आप किसी के कान में क्यों बतायेंगे ? इस रवैये पर हर किसी को हैरानी है, और आरोप सुने जा रहे हैं कि कारण सार्वजनिक रूप से बताएंगे, तो हो सकता है कि वह झूठे साबित हों !
वीरेंद्र अग्रवाल, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट अजय मदान के एक 'झूठे' बताये जा रहे आरोप के पहले भी शिकार हो चुके हैं । अजय मदान ने कई लोगों को अलग अलग बताया है कि वीरेंद्र अग्रवाल ने शेखर मेहता वाले कार्यक्रम में उनकी पत्नी के साथ बदतमीजी की थी । कुछेक लोगों के जरिये यह बात जब वीरेंद्र अग्रवाल के सामने पहुँची, तो उन्होंने पूरी घटना बताते हुए हैरानी प्रकट की कि एक सामान्य सी बात को बदतमीजी घोषित कर अजय मदान उन्हें बदनाम करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं ? वीरेंद्र अग्रवाल के अनुसार, हुआ यह था कि कुरुक्षेत्र में आयोजित शेखर मेहता के सम्मान समारोह का आयोजन देर रात तक चलता रहा था । रात 12 बजे के करीब, कई लोगों को जब भूख सताने लगी और उन्होंने घर लौटने के बारे में भी सोचना शुरू किया, तो वह खाने के स्टॉल की तरफ बढ़े और खाना खाने की तैयारी करने लगे । तभी अजय मदान की पत्नी ने वहाँ आकर कहा कि अभी कार्यक्रम चल रहा है, इसलिए अभी खाना शुरू नहीं किया जाना चाहिए । इस पर कुछेक अन्य लोगों के साथ-साथ वीरेंद्र अग्रवाल ने भी कहा कि रात के 12 बज रहे हैं, लोगों को भूख लग रही है और वह घर लौटना चाहते हैं; जिन लोगों की कार्यक्रम में रुचि हो, वह रुकें - और जिन लोगों की रुचि न हो, उन्हें खाना खाकर घर जाने दिया जाए । वीरेंद्र अग्रवाल के इन तर्कों से दूसरे लोगों को भी बल मिला, और तब अजय मदान की पत्नी की खाना रोकने की कोशिश सफल नहीं हो सकी । अजय मदान इस घटना को अपनी पत्नी के साथ बदतमीजी करना कह/बता रहे हैं । यहाँ यह याद करना प्रासंगिक होगा कि तीन-चार वर्ष पहले तब के सत्ताधारी अपने विरोधियों को इसी तरह की बहानेबाजियों से बदनाम किया करते थे; विडंबना, ट्रैजिडी और कॉमेडी यह है कि तब के विरोधियों ने आज सत्ताधारी बन कर अपने विरोधियों से निपटने के लिए वैसे ही हथकंडे अपना लिए हैं ।