Tuesday, October 13, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3054 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद पर मेहुल राठौर की ताजपोशी करवाने के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजेश अग्रवाल ने डिस्ट्रिक्ट व रोटरी की वैल्यूज के साथ खिलवाड़ करने की जो कोशिश की है, उससे डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति का पारा चढ़ा

कोटा । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजेश अग्रवाल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए मेहुल राठौर के पक्ष में अन्य उम्मीदवारों पर दबाव डाल/बना कर उनकी उम्मीदवारी वापस करवाने का जो प्रयास किया है, उसका कुछेक उम्मीदवारों के साथ-साथ इलेक्शन कमेटी के सदस्यों ने भी विरोध किया है - और इस विरोध के चलते कल शाम कोटा में बुलाई गई मीटिंग में शामिल होने से उन्होंने इंकार किया । राजेश अग्रवाल ने कल शाम कोटा में सभी उम्मीदवारों तथा इलेक्शन कमेटी के सदस्यों की जो मीटिंग बुलाई थी, उसे गैरकानूनी तथा रोटरी इंटरनेशनल के नियमों के उल्लंघन के रूप में ही देखा/पहचाना गया है । मजे की बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में राजेश अग्रवाल ने आज अभी 13वें दिन तक उम्मीदवारों को लेकर नोटीफिकेशन जारी नहीं किया है; नामांकन की अंतिम तारीख 30 सितंबर थी, राजेश अग्रवाल ने लेकिन आज - 13 अक्टूबर तक भी आधिकारिक रूप से डिस्ट्रिक्ट में लोगों को यह जानकारी नहीं दी है कि कौन कौन उम्मीदवार हैं; यह अलग बात है कि अनधिकृत रूप से सभी को उम्मीदवारों के बारे में पता है । इस तरह, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में राजेश अग्रवाल को जो काम करने चाहिए, उन्हें करने में वह कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं - लेकिन चुनावी राजनीति में रोटरी इंटरनेशनल द्वारा तय किए गए नियम-कानूनों की ऐसीतैसी करते हुए मनमानी करने में वह आगे से आगे चल रहे हैं ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में मनमानी करने तथा डिस्ट्रिक्ट पर अपने उम्मीदवार को थोपने की तैयारी के तहत राजेश अग्रवाल ने कल शाम को कोटा में जो मीटिंग बुलाई, उसमें 9 उम्मीदवारों में से 5 उम्मीदवार ही पहुँचे तथा 4 सदस्यीय इलेक्शन कमेटी के तीन सदस्यों ने भी उक्त मीटिंग में शामिल होने से इंकार किया । एक अकेले इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन सीएम बिड़ला उक्त मीटिंग में शामिल हुए । उक्त मीटिंग में सीएम बिड़ला की मौजूदगी को दुर्भाग्य और विडंबना के रूप में देखा/पहचाना गया है । डिस्ट्रिक्ट में हर किसी का मानना और कहना है कि सीएम बिड़ला वरिष्ठ पूर्व गवर्नर हैं, उनसे उम्मीद की जाती है कि वह डिस्ट्रिक्ट और रोटरी की वैल्यूज का सम्मान रखने/करने में दिलचस्पी लेंगे । वह डिस्ट्रिक्ट के चीफ एडवाईजर भी हैं; इस नाते भी उनसे उम्मीद की जाती है कि डिस्ट्रिक्ट व रोटरी की वैल्यूज के साथ खिलवाड़ करने की राजेश अग्रवाल की कोशिशों पर वह अंकुश लगाने का काम करेंगे । लोगों का कहना है कि उन्हें लेकिन यह जान/सुन कर बहुत दुःख पहुँचा और निराशा हुई है कि सीएम बिड़ला अंकुश लगाने की बजाये डिस्ट्रिक्ट व रोटरी की वैल्यूज के साथ खिलवाड़ करने की राजेश अग्रवाल की कार्रवाई में उनके सहयोगी तथा मददगार बने हुए हैं ।
कोटा में कल शाम हुई मीटिंग में मौजूद लोगों के हवाले से डिस्ट्रिक्ट के लोगों को पता चला है कि राजेश अग्रवाल और सीएम बिड़ला ने मीटिंग में मौजूद मेहुल राठौर की उम्मीदवारी के प्रति अपना समर्थन दिखाया/जताया तथा बाकी चार उम्मीदवारों पर तरह तरह से अपनी अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए दबाव बनाया । लोगों के बीच सुनी जा रही चर्चाओं में यह जिक्र भी आ रहा है कि मीटिंग में नहीं पहुँचे उम्मीदवारों को फोन करके राजेश अग्रवाल ने उन्हें अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए कहा है । कुछेक उम्मीदवारों ने राजेश अग्रवाल को ध्यान दिलाया कि रोटरी इंटरनेशनल के नियमों के अनुसार, उनकी उम्मीदवारी उन्होंने प्रस्तुत नहीं की है बल्कि उनके क्लब ने प्रस्तुत की है और उम्मीदवारी वापस लेने का अधिकार उन्हें नहीं बल्कि उनके क्लब को है । डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में मनमानी करने के चक्कर में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजेश अग्रवाल इतने 'अंधे' हो गए हैं कि रोटरी इंटरनेशनल के इस नियम व व्यवस्था को ही भूल गए । मेहुल राठौर को निर्विरोध डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुनवाने/बनवाने के उद्देश्य से अनधिकृत रूप से बुलाई गई कल की मीटिंग में चार उम्मीदवारों तथा इलेक्शन कमेटी के तीन सदस्यों के न पहुँचने से राजेश अग्रवाल की कसरत को फिलहाल तो धक्का लगा नजर आ रहा है, लेकिन इससे डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति का पारा जरूर चढ़ गया है ।