नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार अजीत जालान के 'मैनेजर' की भूमिका निभा रहे संजीव वर्मा 'रोटरी ट्रु रिइंकार्नेशन' नाम की फर्जी टाइप की संस्था को लेकर फिर से सक्रिय हो गए हैं, और इस बार उन्होंने इंटरनेशनल डायरेक्टर भरत पांड्या तथा इंटरनेशनल प्रेसीडेंट इलेक्ट शेखर मेहता के नाम का सहारा लेकर अपने आलोचकों का मुँह बंद करने की 'तैयारी' दिखाई है । उल्लेखनीय है कि संजीव वर्मा इस तथाकथित संस्था को लेकर काउंसिल ऑफ गवर्नर्स के निशाने पर आ चुके हैं, और काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में उन्हें रोटरी के नाम पर निजी संस्था चलाने के लिए लताड़ पड़ चुकी है । इस लताड़ के चलते ही संजीव वर्मा ने पिछले करीब दो वर्षों से इस तथाकथित संस्था की तथाकथित गतिविधियों को बंद किया हुआ था; लेकिन अजीत जालान की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी को मदद पहुँचाने के उद्देश्य से संजीव वर्मा ने इसे फिर से सक्रिय कर लिया है । इस सक्रियता के तहत वह 17 अक्टूबर को वर्चुअल ट्रु रिइंकार्नेशन इंटरसिटी कर रहे हैं, जिसमें स्पीकर के रूप में उन्होंने भरत पांड्या और शेखर मेहता को शामिल होने के लिए तैयार कर लिया है । संजीव वर्मा को विश्वास है कि भरत पांड्या और शेखर मेहता जैसे रोटरी के बड़े पदाधिकारियों की मौजूदगी से वह अपनी संस्था के फर्जी टाइप होने तथा रोटरी के नाम व लोगो का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल करने के आरोपों से बच जायेंगे ।
रोटेरियंस को यह समझना भी मुश्किल हो रहा है कि भरत पांड्या तथा शेखर मेहता जैसे बड़े पदाधिकारी रोटरी के नाम व लोगो का फर्जी तरीके से इस्तेमाल करने वाले रोटेरियन के निजी कार्यक्रम में क्यों तो शामिल हो रहे हैं, और क्यों रोटरी का नाम व लोगो फर्जी तरीके से इस्तेमाल होने दे रहे हैं । गौर करने वाला तथ्य यह है कि 'रोटरी ट्रु रिइंकार्नेशन' न तो क्लब का प्रोजेक्ट है, न डिस्ट्रिक्ट का प्रोजेक्ट है । दरअसल यह कोई प्रोजेक्ट ही नहीं है । इसकी वेबसाइट में खुद संजीव वर्मा ने बताया है कि यह उनकी सोच व भावना का उपक्रम है; और वास्तव में यह लोगों को अंगदान के प्रति शिक्षित करने का 'ऑनलाइन प्लेटफॉर्म' है । 'रोटरीऑर्गनडोनेशनडॉटओआरजी' नाम की वेबसाइट में संजीव वर्मा ने दावा किया है कि वह 'वैरी हार्ड वर्किंग' कर रहे हैं; लेकिन उनकी 'वैरी हार्ड वर्किंग' की पोल इसी वेबसाइट में 'लेटेस्ट न्यूज' कॉलम की सूचनाओं से खुल रही है - जहाँ 4 अगस्त 2020 की खबर से पहले 28 सितंबर 2018 की खबर है । यानि संजीव वर्मा अंगदान को लेकर लोगों को शिक्षित करने के लिए वर्चअल प्लेटफॉर्म तैयार करते हैं, और उसमें दो वर्ष तक उनके पास शेयर करने के लिए कोई सूचना या खबर नहीं होती है - और इसे वह 'वैरी हार्ड वर्किंग' कहते हैं ।
संजीव वर्मा इस इंटरसिटी को डीआरआर सार्थक बंसल के साथ मिल कर कर रहे हैं, जो रोट्रेक्ट वर्ष शुरू होने के दो महीने बाद नियम व व्यवस्थानुसार का उल्लंघन करते हुए मनमाने तरीके से डीआरआर बनाये गए हैं, और जिस पर खासा विवाद है । इस इंटरसिटी के आयोजन में संजीव वर्मा के क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ वेस्ट के साथ रोटरी क्लब दिल्ली इलीट भी शामिल है, जिसके प्रेसीडेंट अनमोल चावला ने अभी पिछले दिनों रोट्रेक्ट की संस्था सीरिक के प्रेसीडेंट का चुनाव लड़ा था, जिसे जमकर धांधली करके उन्होंने जीता था । धांधली की शिकायत हुई, जाँच हुई, जाँच में आरोपों को सही पाया गया और चुनाव रद्द हुआ । इस तरह, सहज ही देखा/समझा जा सकता है कि 17 अक्टूबर को हो रही इस इंटरसिटी के आयोजन में प्रमुख भूमिका रोटरी व रोट्रेक्ट के नाम पर तरह तरह की धांधली करने वाले लोगों की ही है । इसमें विडंबना और मजे की बात यह है कि इस आयोजन को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव राय मेहरा की पूरी पूरी शह और समर्थन है । उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कई क्लब्स के सहयोग तथा उनकी भागीदारी से रोटरी क्लब दिल्ली राजेंद्र प्लेस द्वारा किए जा रहे आयोजन को, जिसमें मुख्य स्पीकर के रूप में शेखर मेहता ने शामिल होने की स्वीकृति दे दी थी, संजीव राय मेहरा ने यह कहते हुए जबर्दस्ती रद्द करवा दिया था कि चूंकि क्लब की सदस्या आभा झा चौधरी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवार हैं इसलिए उक्त आयोजन चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन होगा । उन्हीं संजीव राय चौधरी को लेकिन अब यह नहीं दिख रहा है कि 17 अक्टूबर के आयोजन के मुख्य कर्ताधर्ता संजीव वर्मा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के एक अन्य उम्मीदवार अजीत जालान के 'चुनावी मैनेजर' की भूमिका निभाते रहे हैं, और कार्यक्रम का आयोजक क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ वेस्ट अजीत जालान का क्लब है । रोटरी क्लब दिल्ली राजेंद्र प्लेस के आयोजन में चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन देखने वाले संजीव राय मेहरा को रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ वेस्ट के आयोजन में चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन होता हुआ नहीं नजर आ रहा है - इसे उनकी पक्षपाती और बेईमान रवैये रूप में देखा/पहचाना जा रहा है ।