नई दिल्ली । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के प्रति निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी द्वारा निरंतर की जा रही बदजुबानी और बद्तमीजी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के लिए वरदान साबित होती दिख रही है । दरअसल रवि चौधरी द्वारा निरंतर की जा रही बदजुबानी व बद्तमीजी के कारण लोगों ने जिज्ञासावश पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के कामकाजों तथा उनकी उपलब्धियों का जायेजा लिया, तो उन्हें पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की बड़ी उपलब्धियों का रिकॉर्ड मिला - और इस रिकॉर्ड को देखते हुए डिस्ट्रिक्ट में शायद पहली बार ऐसा हुआ है कि पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की विविधतापूर्ण भूमिकाओं को सम्मान के साथ रेखांकित किया जा रहा है । ऐसा नहीं है कि पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के कामकाज का रिकॉर्ड कहीं छिपा/दबा पड़ा हुआ था, और इस कारण वह डिस्ट्रिक्ट के लोगों - खासकर नए सदस्यों की आँखों से ओझल था; वास्तव में होता यह था कि 'मौजूदा' डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सहज व स्वाभाविक रूप में अपने कामकाज का शोर मचाता था, और उसके इस शोर में पिछले गवर्नर्स के काम छिप/दब जाते थे - नतीजतन लोग, खासकर नए सदस्य पिछले गवर्नर्स के कामकाज से अपरिचित ही रह जाते थे । पिछले रोटरी वर्ष में, रवि चौधरी के गवर्नर-काल में लेकिन यह सिलसिला टूटा - क्योंकि रवि चौधरी ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में लोगों के साथ बद्तमीजी तथा लफंगई करने के अलावा ऐसा कुछ किया ही नहीं, जिसका लोग नोटिस लेते । दुनिया में दस्तूर है कि कुछ न करने वाला अपने नाकारापन को छिपाने के लिए दूसरों को नाकारा बताने लगता है । रवि चौधरी ने भी इसी फार्मूले को अपनाया । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रवि चौधरी न तो कुछ अच्छा व बड़ा सोच सके और न कर सके; इसलिए दुनिया के दस्तूर के अनुसार उन्होंने पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को निशाने पर ले लिया । रवि चौधरी जब तब यह कहते फिरे कि पूर्व गवर्नर्स ने कुछ किया नहीं है और उन्होंने सिर्फ राजनीति ही की है । रवि चौधरी ने पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की निरंतर आलोचना करके यह कोशिश की कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अपने नाकारापन को वह छिपा लेंगे । रवि चौधरी की बदकिस्मती से लेकिन उनका दाँव उल्टा पड़ा है ।
रवि चौधरी ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद से हटने के बाद भी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की आलोचना करना जारी रखा, तो लोगों का ध्यान पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के कामकाज पर गया । कुछेक प्रेसीडेंट्स व नए रोटेरियंस ने इन पँक्तियों के लेखक को बताया कि दरअसल रवि चौधरी के मुँह से बार बार पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की आलोचना सुन सुन कर उन्हें जिज्ञासा हुई कि डिस्ट्रिक्ट में जो स्थायी प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, और रोटरी फाउंडेशन में साल-दर-साल डिस्ट्रिक्ट की जो सहभागिता रहती है वह पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की मदद व प्रेरणा के बिना आखिर कैसे संभव होती है ? इस जिज्ञासा को शांत करने के लिए उन्होंने पिछले वर्षों पर नजर डाली, तो उनका परिचय पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की गौरवशाली भूमिकाओं व उपलब्धियों से हुआ । जब जाना, तब पता चला कि पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर व पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुदर्शन अग्रवाल की सक्रियताभरी प्रेरणा न होती, तो डिस्ट्रिक्ट में रोटरी कैंसर हॉस्पिटल तथा रोटरी ब्लड बैंक जैसे प्रमुख व महत्त्वपूर्ण स्थायी प्रोजेक्ट्स अस्तित्व में न आ पाते । सुदर्शन अग्रवाल ने डिस्ट्रिक्ट की भौगोलिक सीमा के बाहर भी, देहरादून में करीब दस करोड़ रुपए की लागत से गर्ल्स स्कूल स्थापित किया है । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर व पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता को देश में वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट्स, लिट्रेसी व एजुकेशन मिशन, रोटरी फाउंडेशन आदि के लिए प्रमुख प्रेरणास्रोत के रूप में तो देखा/पहचाना जाता ही है, साथ ही गिफ्ट ऑफ लाइफ प्रोजेक्ट, पोलियो मिशन तथा विन्स जैसे कार्यक्रमों के संस्थापक सदस्य के रूप में भी उनकी भूमिका को रेखांकित किया जाता है । दीपक कपूर और रमन भाटिया की पोलियो मिशन में जो भूमिका रही हैं, उसकी सर्वत्र प्रशंसा ही होती है । लोगों ने जाना कि मंजीत साहनी ने अपने डिस्ट्रिक्ट में ही नहीं, बल्कि दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स में भी कैटरेक्ट सर्जरी के प्रोजेक्ट्स को क्लब्स के बीच प्रेरित व प्रोत्साहित किया और अपने प्रयत्नों से उन्हें संभव भी बनाया । चार करोड़ रुपए की लागत से दिल्ली में बन रहे आई हॉस्पिटल के मुख्य प्रेरणास्रोत मंजीत साहनी ही हैं, और उन्हीं के प्रयत्नों से पिछले दिनों हरियाणा के मेवात क्षेत्र के करीब 400 गाँवों में टॉयलेट बनने का काम हो सका है ।
रंजन ढींगरा ने विभिन्न राज्यों में वाटर हार्वेस्टिंग प्रोग्राम के तहत चकडैम बनवाने में जो दिलचस्पी दिखाई है, उसके बारे में सुन/जान कर लोगों को पता चला कि उनके डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर्स की सोच कितनी व्यापक रही है । विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के लीडर्स को ट्रेनिंग देने में रंजन ढींगरा की जो सक्रियता व संलग्नता रही है, उसने भी डिस्ट्रिक्ट 3011 की पहचान को समृद्ध करने का काम किया है । सुरेश जैन की उदारताभरी बड़ी सोच व संलग्नता के चलते डिस्ट्रिक्ट को रोटरी डायबेटिक सेंटर तथा रोटरी हैबिटेट सेंटर जैसे महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स मिले हैं । अशोक घोष ने लिट्रेसी मिशन व रोटरी फाउंडेशन के लिए जो काम किया है, उसके लिए उन्हें रोटरी इंटरनेशनल से अवॉर्ड/सम्मान मिले हैं । राजेश बत्रा ने लीडर्स की ट्रेनिंग के मामले में तथा सदस्यता वृद्धि के लिए किये गए कामों के लिए विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स में तारीफ प्राप्त की है । रमेश चंद्र ने लिट्रेसी व विन्स प्रोग्राम में; दमनजीत सिंह ने पर्यावरण से जुड़े प्रोजेक्ट्स में; वीरेंदर उर्फ बॉबी जैन ने हैल्थ प्रोजेक्ट्स में; सुशील खुराना ने गुड़गाँव स्थित रोटरी पब्लिक स्कूल की स्थापना में; सुधीर मंगला ने विन्स व पोलियो कार्यक्रम में जो योगदान दिया है, वह रोटरी के प्रति उनकी गहरी जिम्मेदारी तथा उनकी संलग्नता को जाहिर करता है । दीपक तलवार ने रोटरी फ्रेंडशिप एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत 40 से अधिक देशों के साथ जो संबंध बनाए और मैचिंग ग्रांटस के तहत प्रोजेक्ट्स करने की जो शुरुआत की, उसने डिस्ट्रिक्ट को एकअलग ही पहचान दिलाई है । आशीष घोष ने अपने संपर्कों का इस्तेमाल करते हुए विदेशों तक से रोटरी फाउंडेशन के लिए जो डोनेशंस जुटाए, उसके चलते रोटरी इंटरनेशनल में उनकी बड़ी पहचान बनी और वहाँ उन्हें महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ मिलीं । अमित जैन ने पोलियो मिशन में उल्लेखनीय सहभागिता दिखाई और पोलियो मिशन के काम को व्यापक पहचान दिलाई । विनोद बंसल ने रोटरी ब्लड बैंक को नई और प्रभावी पहचान देने/दिलाने का काम जितने कम समय में किया है, वह रोटरी में एक अनुकरणीय उदाहरण बना है । रोटरी फाउंडेशन और समृद्ध करने में विनोद बंसल के योगदान को भी उल्लेखनीय माना/पाया गया है और सीएसआर (कार्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी) स्कीम के जरिये कार्पोरेट सेक्टर को रोटरी के साथ जोड़ने में उनकी सक्रियता का लाभ दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स ने भी खूब उठाया है । संजय खन्ना ने मल्टीनेशनल कंपनियों के साथ रोटरी के प्रोजेक्ट्स को जोड़ने का जो काम किया है, और जिसके तहत माइक्रोसॉफ्ट प्रोजेक्ट व सिंगर मशीन सेंटर प्रोजेक्ट्स के तहत 75 से अधिक जो सेंटर अभी तक स्थापित किए हैं, उसने डिस्ट्रिक्ट ही नहीं रोटरी को भी एक अलग व व्यापक पहचान दी है । डॉक्टर सुब्रमणियन की रोटरी विकलांग केंद्र को स्थापित करने व निरंतरता के साथ चलाने में जो भूमिका है, वह हर किसी के लिए प्रेरणास्पद है ।
इन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की सक्रियताओं व उपलब्धियों के सामने रवि चौधरी अपने नाकारापन व निकम्मेपन के कारण बौने बन कर रह गए हैं । रवि चौधरी ने अपनी हरकतों से रोटरी और डिस्ट्रिक्ट का नाम खराब करने का ही काम किया है । रवि चौधरी पहले और अकेले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हैं, जिनके बदतमीजी व अशालीन व्यवहार के लिए रोटरी इंटरनेशनल तक में शिकायत हुई । वास्तव में, अपने नाकारापन तथा अपनी हरकतों और अपनी बदनामियों को छिपाने के लिए ही रवि चौधरी ने डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर्स को निशाना बनाया और यह कहते हुए लोगों के बीच उन्हें बदनाम करने की कोशिश की कि उन्होंने तो कुछ किया ही नहीं है और वह तो सिर्फ राजनीति ही करते हैं । रवि चौधरी की इस तरह की बातों से डिस्ट्रिक्ट के लोगों को, खासतौर से नए सदस्यों को यह जानने की उत्सुकता हुई कि पिछले वर्षों के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने आखिर किया क्या क्या है - और तब उन्हें पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के कार्यों व उपलब्धियों का ब्यौरा मिला और रवि चौधरी के झूठ की पोल खुली । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को नीचा दिखाने की कोशिश के जरिये अपने नाकारापन को छिपाने की रवि चौधरी की चाल उल्टी पड़ी और अन्य पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के मुकाबले अपने नाकारापन के जाहिर हो जाने से रवि चौधरी डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच खुद तमाशा बन गए हैं ।