नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीके हंस ने पुनीत
बंसल व ओंकार सिंह रेनु के व्यवहार से तंग आकर अगले लायन वर्ष के गवर्नर
आरके अग्रवाल को लॉस बेगास में एक महत्त्वपूर्ण सलाह यह दी है कि अपना
गवर्नर-काल यदि ठीक से चलाना है, तो भूल कर भी किसी वरिष्ठ लायन को कैबिनेट
सेक्रेटरी मत बनाना । मजे की बात यह है कि वीके हंस ने आरके अग्रवाल
को दी गई इस सलाह को कुछेक दूसरों तक पहुँचाने का काम भी किया है । इसके
जरिये वीके हंस ने वास्तव में जाहिर किया है कि पुनीत बंसल व ओंकार सिंह
रेनु को कैबिनेट सेक्रेटरी बना कर वह पछता रहे हैं । वीके हंस के लिए
मुसीबत की बात यह भी हुई है कि डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी के रूप में पुनीत
बंसल व ओंकार सिंह रेनु के रवैये की वह किसी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर से
शिकायत भी करते हैं, तो उन्हें यही सुनने को मिलता है कि इन्हें सेक्रेटरी
बनाने से पहले हम से सलाह की थी क्या; तुम्हीं ने तो इन्हें सेक्रेटरी
बनाया है, तो तुम्हीं भुगतो - हम क्या करें ? वीके हंस को ज्यादा शिकायत
करता देख/सुन लोग यहाँ तक कहने लगे हैं कि इन दोनों से अच्छी/मोटी रकम
ऐंठने के चक्कर में वीके हंस ने इन्हें सेक्रेटरी बनाया है, तो अब शिकायत
क्यों कर रहे हैं ? उल्लेखनीय है कि पुनीत बंसल को अगले लायन वर्ष में
सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का उम्मीदवार बनना है, और ओंकार सिंह
रेनु इसी वर्ष सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए उम्मीदवार बनने की
'तैयारी' में हैं - इसलिए इन्हें डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी बनने में
अपना अपना राजनीतिक फायदा दिखा और वीके हंस को इन्हें बनाने में आर्थिक फायदा हुआ, तो
इस दोहरे फायदे के चलते यह डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी बन गए ।
लोगों
को हैरानी हालाँकि इस बात पर है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में वीके
हंस का कामकाज अभी शुरू भी नहीं हुआ है, तब फिर वह पुनीत बंसल व ओंकार सिंह
रेनु से आखिर किस बात पर नाराज हो गए हैं और उन्हें सेक्रेटरी बनाने के
अपने फैसले पर पछताने लगे हैं ? वीके हंस के नजदीकियों का कहना है कि वीके
हंस इन दोनों से दरअसल इस बात पर खफा हैं कि यह दोनों उन्हें फोन करके कुछ
पूछते/बताते ही नहीं हैं; इसलिए जब कुछ काम होता है, तब वीके हंस को ही
इन्हें फोन करना पड़ता है । पिछले कई दिनों से अमेरिका और कनाडा में घूम
रहे तथा काम कर रहे वीके हंस इस बात से भी आहत हैं कि सेक्रेटरी होने के
बावजूद पुनीत बंसल और ओंकार सिंह रेनु दिल्ली लौटने के अवसर पर उनके स्वागत
के लिए कोई तैयारी ही नहीं कर रहे हैं । आरके शाह के रवैये से भी वीके हंस
को झटका लगा है । उन्हें उम्मीद थी कि कम से कम आरके शाह तो उनके वापस
लौटने के अवसर पर उनके स्वागत की तैयारी करेंगे/करवायेंगे, क्योंकि आरके
शाह को इस वर्ष सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'बनना' है और इसके लिए वह
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनके मान/सम्मान का ध्यान रखेंगे । वीके हंस
ने अपने नजदीकियों से शिकायती लहजे में कहा है कि आरके शाह ने लगता है
कि अपने आपको सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मान ही लिया है, और इसलिए एक
उम्मीदवार के रूप में वह कुछ भी करने को तैयार नहीं दिखते हैं । पुनीत
बंसल, ओंकार सिंह रेनु और आरके शाह के रवैये से निराश/हताश हो कर वीके हंस
ने दिल्ली लौटने के अवसर पर अपने स्वागत की तैयारी करवाने की जिम्मेदारी
फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर आरके अग्रवाल को सौंपी है, और आरके अग्रवाल ही वीके हंस के स्वागत में जुटने के लिए लोगों को राजी करने के काम में लगे हैं ।
पुनीत बंसल और ओंकार सिंह रेनु को लेकर
वीके हंस की शिकायत यह भी है कि यह दोनों गोवा में होने वाले डिस्ट्रिक्ट
पदाधिकारियों के अधिष्ठापन समारोह के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने के काम में भी
दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, और जिस कारण अधिष्ठापन समारोह की तैयारी पिछड़ी
हुई है । तैयारी तो पिछड़ी हुई है ही, रजिस्ट्रेशन चार्जेज को लेकर भी
विवाद खड़ा हो गया है । गोवा में इन महीनों में ऑफ सीजन है, इसलिए दो रातों
के लिए दस हजार रुपये प्रति व्यक्ति के रजिस्ट्रेशन चार्जेज लोगों को
ज्यादा लग रहे हैं । कुछेक लोगों का दावा है कि वह इस सीजन में गोवा के अच्छे से अच्छे रिसॉर्ट्स में इससे काफी कम रकम में बुकिंग दिलवा सकते हैं । महँगे रजिस्ट्रेशन की शिकायत करते हुए लोगों का कहना है कि लगता है कि अधिष्ठापन समारोह के नाम पर वीके हंस ने मोटी कमाई की 'व्यवस्था' कर ली है ।
वास्तव में इसी तरह के आरोपों के चलते अधिष्ठापन समारोह के लिए
रजिस्ट्रेशन का काम ढीला पड़ा हुआ है । अधिष्ठापन समारोह की तैयारी से जुड़े
लोगों का कहना है कि वीके हंस ने एक तो महँगा पैकेज बनाया, जिसमें ज्यादा
लोगों को विश्वास में भी नहीं लिया - और फिर खुद अमेरिका/कनाडा घूम रहे हैं, तथा लोगों के नाराजगी भरे सवालों का सामना हमें करना पड़ रहा है । वास्तव में, महँगे पैकेज की शिकायत करने वाले लोगों का गुस्सा यह देख/जान कर और भड़क रहा है कि पैकेज महँगा क्यों है, यह बताने वाला भी कोई नहीं है । वीके हंस की शिकायत है कि महँगे पैकेज का वास्ता देकर लोगों को भड़काने का काम डिस्ट्रिक्ट के कुछेक लोग ही कर रहे हैं; किंतु उनकी बड़ी शिकायत अपने साथ के पुनीत बंसल व ओंकार सिंह रेनु जैसे
उन लोगों से है, जो बड़े बड़े पद लेकर तो बैठ गए हैं, लेकिन जिम्मेदारी
निभाने के लिए तैयार नहीं हैं । इसीलिए लॉस बेगास में ही उन्होंने आरके
अग्रवाल को 'गहरा मंत्र' दे दिया है कि वरिष्ठ लायन को सेक्रेटरी बनाओगे,
तो मेरी ही तरह पछताओगे । हालाँकि दूसरे कई लोगों का कहना है कि वीके हंस को ही काम करना/लेना नहीं आता है, और वह समझ रहे हैं कि गवर्नर के रूप में उन्हें तो बस घूमना/फिरना है और तरह तरह से 'कमाई' करनी है - काम दूसरे लोग करेंगे ।