लखनऊ । बीएम श्रीवास्तव को चीफ डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट ट्रेजरर पद से हटाने को लेकर विशाल सिन्हा और पराग गर्ग की तरफ से पड़ रहे दबाव ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर एके सिंह को खासी मुसीबत में फँसा दिया है । उल्लेखनीय है कि एके सिंह ने बीएम श्रीवास्तव के साथ अपने नजदीकी संबंधों के चलते तथा उनकी काबिलियत को देखते/पहचानते हुए उन्हें चीफ डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट ट्रेजरर बनाया था । अन्य नियुक्तियों के साथ-साथ इस नियुक्ति के लिए भी एके सिंह ने गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा से अनुमति ले ली थी । बीएम श्रीवास्तव के चीफ डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट ट्रेजरर बनने पर किसी को भी आपत्ति नहीं थी । लेकिन बीएम श्रीवास्तव के सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए उम्मीदवार बनने के बाद से हालात बदलने लगे । बीएम श्रीवास्तव को केएस लूथरा खेमे के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । बीएम श्रीवास्तव के केएस लूथरा खेमे से उम्मीदवार बन जाने की बात से गुरनाम सिंह व विशाल सिन्हा बिफरे हुए हैं । दरअसल बीएम श्रीवास्तव के केएस लूथरा खेमे की तरफ से उम्मीदवार बनने से गुरनाम सिंह खेमे से उम्मीदवार बनने की तैयारी कर रहे बीएन चौधरी अपनी उम्मीदवारी को लेकर अगर-मगर करने लगे । उम्मीदवारी को लेकर बीएन चौधरी को अगर-मगर करता देख जगदीश अग्रवाल और पराग गर्ग अपनी अपनी उम्मीदवारी की संभावनाएँ तलाशने गुरनाम सिंह के चक्कर काटने लगे । पराग गर्ग के मामले में स्थिति बड़ी दिलचस्प और विकट है - दरअसल पराग गर्ग कुछ समय पहले तक गुरनाम सिंह की बड़ी खिलाफत और आलोचना किया करते थे, तथा उन्हें लायनिज्म का ठग बताते थे और उनकी ठगी को खत्म करने की शपथ खाते थे; लेकिन अब वह उन्हीं गुरनाम सिंह - और उनके विशाल सिन्हा जैसे बदनाम चेले का समर्थन जुगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं । पराग गर्ग को विश्वास है कि वह गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा का समर्थन तो प्राप्त कर लेंगे; लेकिन बीएम श्रीवास्तव की उम्मीदवारी उन्हें अपने लिए सबसे बड़ी बाधा लग रही है ।
पराग गर्ग दरअसल अब की बार कोई रिस्क नहीं 'रखना' चाहते हैं, अब की बार वह किसी भी तरह से सफलता पाना ही चाहते हैं - और इसके लिए वह कोशिश करना चाहते हैं कि उनके अलावा कोई और उम्मीदवार न हो । बीएम श्रीवास्तव की उम्मीदवारी को वापस करवाने के लिए पराग गर्ग फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मनोज रुहेला पर दबाव बना चुके हैं । एक मौके पर वह मनोज रुहेला को धमकी भरे अंदाज में कह/बता चुके हैं कि बीएम श्रीवास्तव यदि उम्मीदवार बने रह कर उनकी सफलता में बाधा बने तो वह डिस्ट्रिक्ट को ही खत्म करवा देंगे । पराग गर्ग के लिए मुसीबत की बात यह हुई है कि बीएम श्रीवास्तव ने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करने से पहले पराग गर्ग के घर जा कर उनसे सलाह की थी, जिसमें पराग गर्ग ने उनसे साफ कहा था कि उन्हें लायनिज्म की गवर्नरी में कोई दिलचस्पी नहीं है और वह बीएम श्रीवास्तव की उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे । इसलिए अब उनके सामने बीएम श्रीवास्तव को उम्मीदवारी से पीछे हटने के लिए कहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है । इस स्थिति में पराग गर्ग के सामने बीएम श्रीवास्तव के समर्थक नेताओं पर दबाव बनाने तथा उन्हें बीएम श्रीवास्तव की उम्मीदवारी का समर्थन करने से रोकने का ही उपाय बचा है, जिसे उन्होंने मनोज रुहेला पर आजमाया है । पराग गर्ग के लिए बदकिस्मती की बात यह रही कि उनकी इस कार्रवाई को बीएम श्रीवास्तव तथा उनके समर्थकों ने उनकी कमजोरी के रूप में देखा/पहचाना है । उन्हें लगा है कि पराग गर्ग चुनाव से डर रहे हैं और किसी भी तरह से चुनाव को टालना/टलवाना चाहते हैं । इससे बीएम श्रीवास्तव तथा उनके समर्थक नेताओं का हौंसला बढ़ा है,और उनके इस बढ़े हौंसले ने पराग गर्ग के लिए हालात को और मुश्किल बना दिया है ।
हालात की मुश्किल से निपटने के लिए ही पराग गर्ग को एके सिंह की टीम से बीएम श्रीवास्तव को चीफ डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट ट्रेजरर के पद से हटवाना जरूरी लग रहा है । इस मामले में उन्हें विशाल सिन्हा का समर्थन भी मिल रहा है । विशाल सिन्हा का कहना है कि केएस लूथरा खेमे के उम्मीदवार बनते/रहते हुए बीएम श्रीवास्तव 'हमारी' डिस्ट्रिक्ट टीम में नहीं रह सकते हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर एके सिंह के लिए समस्या की बात यह है कि वह अपने आप को विशाल सिन्हा के 'पिटठू' के रूप में नहीं 'दिखने' देना चाहते हैं; वह चाहते हैं कि लोगों को ऐसा न लगे या 'दिखे' कि असली गवर्नर तो विशाल सिन्हा हैं, और वह तो सिर्फ 'मोहरा' हैं । एके सिंह यदि बीएम श्रीवास्तव को चीफ डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट ट्रेजरर के पद से हटाते हैं, तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनकी पहचान और साख पर धब्बा लगेगा ही - लिहाजा वह बीएम श्रीवास्तव को चीफ डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट ट्रेजरर के पद से हटाने से बचना चाहते हैं । एके सिंह ने बीएम श्रीवास्तव को डिस्ट्रिक्ट के आयोजनों में तवज्जो व जगह देना तो हालाँकि बंद किया हुआ है, लेकिन वह बीएम श्रीवास्तव को चीफ डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट ट्रेजरर के पद से हटाने को फिलहाल तैयार नहीं हो रहे हैं । पराग गर्ग और विशाल सिन्हा लेकिन बीएम श्रीवास्तव को चीफ डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट ट्रेजरर के पद पर बने नहीं रहने देना चाहते हैं; उन्हें लगता है कि इससे बीएम श्रीवास्तव की उम्मीदवारी को मनोवैज्ञनिक फायदा मिलेगा, जिसके चलते पराग गर्ग के लिए सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का पहले से ही मुश्किल बना हुआ चुनावी मुकाबला - और मुश्किल हो जायेगा । यह देखना दिलचस्प होगा कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अपनी पहचान व साख के लिए सावधान बने एके सिंह, पराग गर्ग और विशाल सिन्हा के दबाव के सामने समर्पण करते हैं, या बीएम श्रीवास्तव को चीफ डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट ट्रेजरर बनाये रखते हैं ।