Tuesday, October 6, 2020

रोटरी इंटरनेशनल जोन 7 में डायरेक्टर पद के चुनाव में महेश कोटबागी की जीत के साथ, रोटरी की राजनीति व व्यवस्था में शेखर मेहता के दबदबे के बढ़ने से, जोन 4 की इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति में शेखर मेहता के नजदीकियों का हौंसला बढ़ा

नई दिल्ली । महेश कोटबागी के इंटरनेशनल डायरेक्टर चुने जाने से देश की रोटरी की चुनावी राजनीति में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट इलेक्ट शेखर मेहता का 'इकबाल' एक बार फिर स्थापित होता हुआ दिखा है । रोटरी की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले बड़े नेताओं का भी कहना है कि जोन 7 में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए दोबारा हुए चुनाव में महेश कोटबागी की जीत की खुद महेश कोटबागी को जितनी जरूरत थी, उससे कहीं ज्यादा जरूरत शेखर मेहता को थी । माना/समझा जा रहा है कि महेश कोटबागी की जीत के जरिये शेखर मेहता ने उस चोट का बदला ले लिया है, जो इंटरनेशनल डायरेक्टर के लिए पहले हुए चुनाव में जीते रवि वदलमानी की जीत को निरस्त करके उन्हें पहुँचाई गई थी । दरअसल रवि वदलमानी की जीत को निरस्त करने के फैसले तथा अन्य कुछेक घटनाओं के चलते रोटरी की राजनीति के खिलाड़ियों के बीच शेखर मेहता की स्थिति कमजोर हो चली थी, जिसका नतीजा यह देखने को मिल रहा है कि वर्षों से उनके साथ जुड़े रहे कई महत्त्वाकांक्षी रोटेरियंस ने दूसरे ठिकानों पर जगहें खोजने/बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं । ऐसे रोटेरियंस में लोगों को सबसे ज्यादा हैरान करने वाला उदाहरण डिस्ट्रिक्ट 3011 के पूर्व गवर्नर विनोद बंसल का लगा/दिखा है, जो वर्षों से शेखर मेहता के साथ लगे रहे हैं - लेकिन जो अब राजु सुब्रमणियन की 'मदद' करते हुए पूर्व प्रेसीडेंट केआर रविंद्रन के नजदीक होने की कोशिश करने में लगे नजर आ रहे हैं । 
दरअसल रोटरी की राजनीति और व्यवस्था में शेखर मेहता को केआर रविंद्रन से टक्कर और चुनौती मिलती दिख रही है, और देश में रोटरी की राजनीति इन्हीं दोनों के बीच विभाजित होती लग रही है । इसीलिए जिस किसी को शेखर मेहता के यहाँ अपनी दाल गलती हुई नहीं दिखती है, वह अपनी दाल की पतीली लेकर केआर रविंद्रन के दरवाजे पहुँच जाता है । पिछले दिनों घटी कुछेक घटनाओं ने शेखर मेहता की स्थिति को कमजोर होते दिखाया, तो उनके नजदीक जुड़े मतलबी रोटेरियंस के बीच भगदड़ मची देखी गई । इस भगदड़ का सबसे ज्यादा असर जोन 4 में होने वाले इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनावी समीकरणों पर पड़ता नजर आया । जोन 4 में इंटरनेशनल डायरेक्टर के लिए जो भी उम्मीदवार हैं, उनमें से कुछेक को शेखर मेहता के तथा कुछेक को केआर रविंद्रन के नजदीकियों के रूप में देखा/पहचाना जाता है । शेखर मेहता जब इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी चुने गए थे, तब विनोद बंसल ने उनके साथ अपनी नजदीकियत दिखाते/जताते हुए दावा करना शुरू किया था कि बस, अब तो उनका इंटरनेशनल डायरेक्टर बनना पक्का हो गया है । लेकिन जल्दी ही दूसरों के साथ साथ खुद उन्हें भी समझ में आ गया कि शेखर मेहता के यहाँ रंजन ढींगरा और अशोक गुप्ता की स्थिति उनसे मजबूत है । विनोद बंसल ने हालाँकि तरह तरह से शेखर मेहता के यहाँ अपनी स्थिति नंबर वन की बनाने की कोशिश तो बहुत की, लेकिन उन्हें अपनी दाल गलती हुई दिखी नहीं ।
इस बीच शेखर मेहता को रोटरी की राजनीति व व्यवस्था में कुछेक तगड़े वाले झटके लगे, जिनसे उनकी स्थिति को कमजोर होते हुए देखा/पहचाना गया - और केआर रविंद्रन का पलड़ा भारी होते हुए समझा गया । रोटरी की राजनीति व व्यवस्था में शेखर मेहता को कमजोर पड़ते देख विनोद बंसल ने अपनी दाल की पतीली शेखर मेहता के यहाँ से उठा कर केआर रविंद्रन के दरवाजे रखने की तैयारी शुरू कर दी, और इसके लिए उन्होंने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनावी मुकाबले में एक प्रमुख उम्मीदवार के रूप में देखे जा रहे टीएन सुब्रमणियन उर्फ राजु सुब्रमनियन का दामन पकड़ा है । विनोद बंसल और उनके नजदीकियों ने जैसे तय कर लिया है कि यदि वह इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के मुकाबले से बाहर हो रहे हैं, तो वह डिस्ट्रिक्ट के दूसरे उम्मीदवारों को हराने/हरवाने की कोशिश करेंगे । इसी रणनीति के तहत देखने में आ रहा है कि डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चयन करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए विनोद बंसल के उम्मीदवार विनय भाटिया तथा विनय भाटिया को जितवाने की जिम्मेदारी ले बैठे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव राय मेहरा आजकल राजु सुब्रमणियन को प्रमोट कर रहे हैं । संजीव राय मेहरा ने अपने नए जीएमएल में अंतिम पृष्ठ पर राजु सुब्रमणियन को लेकर एक बड़ा आलेख प्रकाशित किया है । विनय भाटिया व संजीव राय मेहरा को हालाँकि यह डर भी है कि राजु सुब्रमणियन का समर्थन करने के कारण डिस्ट्रिक्ट में उन पर डिस्ट्रिक्ट के साथ बेईमानी व धोखेबाजी करने का आरोप लगेगा, इसलिए उन्होंने आपने आप को दीपक कपूर के समर्थकों के रूप में दिखाना/जताना शुरू किया, लेकिन दीपक कपूर ने उन्हें हड़का दिया कि अपने धोखेबाजी के काम में वह उनका नाम क्यों घसीट रहे हैं ? दीपक कपूर ने नोमीनेटिंग कमेटी के लिए दीपक तलवार पर भरोसा जता कर विनोद बंसल तथा विनय भाटिया की कोशिशों को और झटका दिया है ।
महेश कोटबागी की इंटरनेशनल डायरेक्टर पद पर हुई जीत के साथ रोटरी की राजनीति व व्यवस्था में शेखर मेहता की स्थिति के फिर से मजबूत होने के जो संकेत मिले हैं, उससे जोन 4 में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव को लेकर बनने वाले समीकरणों के शेखर मेहता खेमे के उम्मीदवारों के पक्ष में संयोजित होने की संभावना को और बल मिला है । उम्मीद की जा रही है कि शेखर मेहता की टीम के सदस्यों ने जिस तरह से जोन 7 में काम किया है, वह वैसे ही जोन 4 में भी काम करेगी - इसलिए भी करेगी, ताकि रोटरी की राजनीति व व्यवस्था में शेखर मेहता का पलड़ा भारी रहे ।