इलाहाबाद । कुँवर बीएम सिंह की
सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवारी प्रस्तुत करवाने तथा
उसके लिए समर्थन जुटवाने में लगने के चलते जगदीश गुलाटी को डिस्ट्रिक्ट में
जिस तरह की आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है - उसके चलते एक दिलचस्प
नजारा देखने को मिल रहा है । जगदीश गुलाटी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर
होने के साथ साथ पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर भी हैं, और इस नाते लोगों के
बीच उनकी एक अलग तरह की पहचान होनी चाहिए तथा लोगों के बीच उनके प्रति खास
तरह का सम्मान होना चाहिए । लेकिन कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी का
झंडा उनके हाथ में होने के कारण न सिर्फ इलाहाबाद में, बल्कि डिस्ट्रिक्ट
के दूसरे शहरों व कस्बों में भी लोगों के बीच उनकी कारस्तानियों के जिक्र
के साथ उनकी इज्जत उछल रही है और लगभग हर कोई उन्हें छोटी सोच का एक
घटिया आदमी साबित कर देने के अभियान में लगा हुआ नजर आ रहा है । यह नजारा
देख कर डिस्ट्रिक्ट में जो लोग जगदीश गुलाटी के नजदीकी और समर्थक हैं वह भी कहने को मजबूर हुए हैं कि कुँवर बीएम
सिंह की उम्मीदवारी के चक्कर में जगदीश गुलाटी ने नाहक ही अपनी फजीहत करवा
ली है ।
जगदीश गुलाटी की फजीहत सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में किसी एक उम्मीदवार का समर्थन करने के कारण नहीं हो रही है - लोग इस बात को जानते/समझते हैं कि जब चुनाव होता है तब हर कोई इस तरफ या उस तरफ होता ही है । जगदीश गुलाटी पिछले वर्षों में भी किसी न किसी उम्मीदवार के समर्थन में थे; उस समय लोगों को यह बात जरा भी बुरी नहीं लगी थी कि जगदीश गुलाटी 'उनको' समर्थन क्यों दे रहे हैं ? लेकिन इस वर्ष कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी के चक्कर में पड़ने के चक्कर में जगदीश गुलाटी लोगों के निशाने पर आ गए हैं, तो इसका कारण यह है कि लोग यह मान रहे हैं कि कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी जगदीश गुलाटी अपनी घटिया व टुच्ची राजनीति को डिस्ट्रिक्ट पर थोपने के उद्देश्य से लाए हैं; और उन्होंने डिस्ट्रिक्ट को नाहक ही चुनावी दलदल में धकेला है । उल्लेखनीय है कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए जगदीश गुलाटी पहले प्रभात चतुर्वेदी की उम्मीदवारी के ही समर्थक थे और खुल कर प्रभात चतुर्वेदी की तथा लायनिज्म में किये गए उनके कामों की तारीफ किया करते थे । शुरू के दिनों में जगदीश गुलाटी डिस्ट्रिक्ट में लोगों को बताया करते थे कि प्रभात चतुर्वेदी के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने से डिस्ट्रिक्ट का और लायनिज्म का भला होगा और नाम बढ़ेगा । लेकिन फिर अचानक से लोगों ने देखा/पाया कि जगदीश गुलाटी ने डिस्ट्रिक्ट के और लायनिज्म के भले की बात करना छोड़ कर कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी का झंडा उठा लिया है ।
प्रभात चतुर्वेदी के गवर्नर बनने में डिस्ट्रिक्ट का और लायनिज्म का भला देख रहे जगदीश गुलाटी ने अचानक से रंग क्यों बदल लिया, इसका कोई कारण उन्होंने तो नहीं बताया है - लेकिन डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच जो चर्चा है उसमें कहा/सुना जा रहा है कि जगदीश गुलाटी को एक उम्मीदवार के रूप में प्रभात चतुर्वेदी का निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अशोक सिंह को तवज्जो देना पसंद नहीं आया और इसी नापसंदगी के कारण उन्होंने प्रभात चतुर्वेदी का विरोध करने का फैसला कर लिया । अशोक सिंह के साथ जगदीश गुलाटी का दरअसल छत्तीस का संबंध बना हुआ है और वह तरह तरह से अशोक सिंह को नीचा दिखाने का प्रयास करते रहते हैं । प्रभात चतुर्वेदी को अशोक सिंह से दूर रहने के बाबत उन्होंने शुरू में जताने/समझाने का प्रयास तो खूब किया था; लेकिन जब उन्होंने देखा/पाया कि प्रभात चतुर्वेदी लगातार अशोक सिंह को तवज्जो देते ही जा रहे हैं, तो फिर उन्होंने डिस्ट्रिक्ट और लायनिज्म के भले की बात छोड़ कर प्रभात चतुर्वेदी को सबक सिखाने का निश्चय कर लिया - और अपने निश्चय को पूरा करने के लिए कुँवर बीएम सिंह को मोहरा बना लिया ।
प्रभात चतुर्वेदी का कहना रहा कि एक उम्मीदवार के रूप में उनकी जरूरत यह है कि वह सभी को उचित सम्मान दें; और एक उम्मीदवार के रूप में ही नहीं एक लायन सदस्य के रूप में भी वह अपनी जिम्मेदारी समझते हैं कि वह प्रत्येक लायन को समान भाव से देखें और सभी को तवज्जो दें । प्रभात चतुर्वेदी के नजदीकियों का कहना है कि उन्होंने हमेशा ही जगदीश गुलाटी को तवज्जो दी और उनकी हर बात मानी; लेकिन अशोक सिंह से दूरी रखने की बात उन्हें लायनिज्म की भावना के खिलाफ लगी, इसलिए यह बात उन्होंने नहीं मानी । जगदीश गुलाटी को लेकिन यह बात बिलकुल भी रास नहीं आई कि उनके 'दुश्मन' अशोक सिंह के साथ प्रभात चतुर्वेदी किसी भी तरह का कोई संबंध रखें; उनकी इच्छा और माँग रही कि उनकी तरह प्रभात चतुर्वेदी भी अशोक सिंह को अपना दुश्मन मानें/समझें । प्रभात चतुर्वेदी ने चूँकि ऐसा नहीं किया, लिहाजा जगदीश गुलाटी ने उन्हें भी अपना दुश्मन मान लिया और उनकी राह में रोड़े बिछाने में लग गए ।
इस तरह जगदीश गुलाटी ने अपनी निजी खुन्नसबाजी को डिस्ट्रिक्ट में और लायनिज्म में लागू करने की जो कोशिश की, उस पर लोगों के बीच बड़ी तीखी प्रतिक्रिया हुई है - और कई लोग बढ़चढ़ कर पूर्व में की गई जगदीश गुलाटी की इसी तरह की हरकतों को याद कर रहे हैं । पूर्व में जगदीश गुलाटी द्धारा सताये गए लोग अचानक से मुखर होते हुए दिखे हैं, और इसके कारण जगदीश गुलाटी की भारी फजीहत हो रही है । लोगों की नाराजगी इस कारण से और बढ़ी है कि प्रभात चतुर्वेदी जैसे पुराने और अनुभवी लायन के खिलाफ जगदीश गुलाटी उन कुँवर बीएम सिंह को ले आये हैं जिन्हें कुल तीन-चार वर्ष का ही लायनिज्म का अनुभव है । लोगों का कहना है कि जगदीश गुलाटी को यदि प्रभात चतुर्वेदी के खिलाफ कोई उम्मीदवार लाना ही था, तो कम-अस-कम उनके जितना अनुभव रखने वाले और उनके जितना काम कर चुके लायन सदस्य को लाना चाहिए था । जगदीश गुलाटी ने जो किया उससे तो उन्होंने डिस्ट्रिक्ट में और लायनिज्म में अनुभव रखने वाले तथा काम करने वाले लोगों को पीछे धकेलने का ही काम किया है । इंटरनेशनल डायरेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सँभाल चुके जगदीश गुलाटी के इस रवैये ने डिस्ट्रिक्ट में उनके समर्थकों व शुभचिंतकों तक को हैरान और परेशान किया है - और इसीलिए जगदीश गुलाटी डिस्ट्रिक्ट में अधिकतर लोगों के निशाने पर हैं ।
जगदीश गुलाटी की फजीहत सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में किसी एक उम्मीदवार का समर्थन करने के कारण नहीं हो रही है - लोग इस बात को जानते/समझते हैं कि जब चुनाव होता है तब हर कोई इस तरफ या उस तरफ होता ही है । जगदीश गुलाटी पिछले वर्षों में भी किसी न किसी उम्मीदवार के समर्थन में थे; उस समय लोगों को यह बात जरा भी बुरी नहीं लगी थी कि जगदीश गुलाटी 'उनको' समर्थन क्यों दे रहे हैं ? लेकिन इस वर्ष कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी के चक्कर में पड़ने के चक्कर में जगदीश गुलाटी लोगों के निशाने पर आ गए हैं, तो इसका कारण यह है कि लोग यह मान रहे हैं कि कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी जगदीश गुलाटी अपनी घटिया व टुच्ची राजनीति को डिस्ट्रिक्ट पर थोपने के उद्देश्य से लाए हैं; और उन्होंने डिस्ट्रिक्ट को नाहक ही चुनावी दलदल में धकेला है । उल्लेखनीय है कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए जगदीश गुलाटी पहले प्रभात चतुर्वेदी की उम्मीदवारी के ही समर्थक थे और खुल कर प्रभात चतुर्वेदी की तथा लायनिज्म में किये गए उनके कामों की तारीफ किया करते थे । शुरू के दिनों में जगदीश गुलाटी डिस्ट्रिक्ट में लोगों को बताया करते थे कि प्रभात चतुर्वेदी के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने से डिस्ट्रिक्ट का और लायनिज्म का भला होगा और नाम बढ़ेगा । लेकिन फिर अचानक से लोगों ने देखा/पाया कि जगदीश गुलाटी ने डिस्ट्रिक्ट के और लायनिज्म के भले की बात करना छोड़ कर कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी का झंडा उठा लिया है ।
प्रभात चतुर्वेदी के गवर्नर बनने में डिस्ट्रिक्ट का और लायनिज्म का भला देख रहे जगदीश गुलाटी ने अचानक से रंग क्यों बदल लिया, इसका कोई कारण उन्होंने तो नहीं बताया है - लेकिन डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच जो चर्चा है उसमें कहा/सुना जा रहा है कि जगदीश गुलाटी को एक उम्मीदवार के रूप में प्रभात चतुर्वेदी का निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अशोक सिंह को तवज्जो देना पसंद नहीं आया और इसी नापसंदगी के कारण उन्होंने प्रभात चतुर्वेदी का विरोध करने का फैसला कर लिया । अशोक सिंह के साथ जगदीश गुलाटी का दरअसल छत्तीस का संबंध बना हुआ है और वह तरह तरह से अशोक सिंह को नीचा दिखाने का प्रयास करते रहते हैं । प्रभात चतुर्वेदी को अशोक सिंह से दूर रहने के बाबत उन्होंने शुरू में जताने/समझाने का प्रयास तो खूब किया था; लेकिन जब उन्होंने देखा/पाया कि प्रभात चतुर्वेदी लगातार अशोक सिंह को तवज्जो देते ही जा रहे हैं, तो फिर उन्होंने डिस्ट्रिक्ट और लायनिज्म के भले की बात छोड़ कर प्रभात चतुर्वेदी को सबक सिखाने का निश्चय कर लिया - और अपने निश्चय को पूरा करने के लिए कुँवर बीएम सिंह को मोहरा बना लिया ।
प्रभात चतुर्वेदी का कहना रहा कि एक उम्मीदवार के रूप में उनकी जरूरत यह है कि वह सभी को उचित सम्मान दें; और एक उम्मीदवार के रूप में ही नहीं एक लायन सदस्य के रूप में भी वह अपनी जिम्मेदारी समझते हैं कि वह प्रत्येक लायन को समान भाव से देखें और सभी को तवज्जो दें । प्रभात चतुर्वेदी के नजदीकियों का कहना है कि उन्होंने हमेशा ही जगदीश गुलाटी को तवज्जो दी और उनकी हर बात मानी; लेकिन अशोक सिंह से दूरी रखने की बात उन्हें लायनिज्म की भावना के खिलाफ लगी, इसलिए यह बात उन्होंने नहीं मानी । जगदीश गुलाटी को लेकिन यह बात बिलकुल भी रास नहीं आई कि उनके 'दुश्मन' अशोक सिंह के साथ प्रभात चतुर्वेदी किसी भी तरह का कोई संबंध रखें; उनकी इच्छा और माँग रही कि उनकी तरह प्रभात चतुर्वेदी भी अशोक सिंह को अपना दुश्मन मानें/समझें । प्रभात चतुर्वेदी ने चूँकि ऐसा नहीं किया, लिहाजा जगदीश गुलाटी ने उन्हें भी अपना दुश्मन मान लिया और उनकी राह में रोड़े बिछाने में लग गए ।
इस तरह जगदीश गुलाटी ने अपनी निजी खुन्नसबाजी को डिस्ट्रिक्ट में और लायनिज्म में लागू करने की जो कोशिश की, उस पर लोगों के बीच बड़ी तीखी प्रतिक्रिया हुई है - और कई लोग बढ़चढ़ कर पूर्व में की गई जगदीश गुलाटी की इसी तरह की हरकतों को याद कर रहे हैं । पूर्व में जगदीश गुलाटी द्धारा सताये गए लोग अचानक से मुखर होते हुए दिखे हैं, और इसके कारण जगदीश गुलाटी की भारी फजीहत हो रही है । लोगों की नाराजगी इस कारण से और बढ़ी है कि प्रभात चतुर्वेदी जैसे पुराने और अनुभवी लायन के खिलाफ जगदीश गुलाटी उन कुँवर बीएम सिंह को ले आये हैं जिन्हें कुल तीन-चार वर्ष का ही लायनिज्म का अनुभव है । लोगों का कहना है कि जगदीश गुलाटी को यदि प्रभात चतुर्वेदी के खिलाफ कोई उम्मीदवार लाना ही था, तो कम-अस-कम उनके जितना अनुभव रखने वाले और उनके जितना काम कर चुके लायन सदस्य को लाना चाहिए था । जगदीश गुलाटी ने जो किया उससे तो उन्होंने डिस्ट्रिक्ट में और लायनिज्म में अनुभव रखने वाले तथा काम करने वाले लोगों को पीछे धकेलने का ही काम किया है । इंटरनेशनल डायरेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सँभाल चुके जगदीश गुलाटी के इस रवैये ने डिस्ट्रिक्ट में उनके समर्थकों व शुभचिंतकों तक को हैरान और परेशान किया है - और इसीलिए जगदीश गुलाटी डिस्ट्रिक्ट में अधिकतर लोगों के निशाने पर हैं ।