Wednesday, March 25, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के लिए फरीदाबाद का पूरा पूरा समर्थन पाने के लिए विनय भाटिया के सामने केसी लखानी और नवदीप चावला के साथ साथ फरीदाबाद के दूसरे नेताओं को भी बराबर बराबर तवज्जो देने की चुनौती

फरीदाबाद । विनय भाटिया की अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए प्रस्तुत होने वाली उम्मीदवारी के समर्थन के संदर्भ में फरीदाबाद की एकता में सेंध लगने की आहट ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के खिलाड़ियों को चौकन्ना कर दिया है । नवदीप चावला के पिता विश्वनाथ चावला के निधन का शोक मनाने जुटे फरीदाबाद के रोटेरियंस के बीच होने वाली चर्चाओं में शामिल रहे लोगों ने पाया कि विनय भाटिया फरीदाबाद में अपनी उम्मीदवारी का झंडा जिस तरह केसी लखानी को सौंपते हुए नजर आ रहे हैं, उससे कुछेक लोग अपने को उपेक्षित महसूस करने लगे हैं और विनय भाटिया की उम्मीदवारी के प्रति उनके स्वर व तेवर बदले बदले से 'दिखने' लगे हैं । फरीदाबाद की चुनावी राजनीति को नजदीक से देखने/समझने वाले लोगों का कहना है कि फरीदाबाद में रोटरी - और रोटरी की राजनीति एक नई शक्ल लेने/बनाने की प्रक्रिया में है; और प्रक्रिया में होने के चलते वह बड़े नाजुक दौर में है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए विनय भाटिया की उम्मीदवारी इस नाजुकता को और नाजुक बना देती है । इसलिए लोगों को लगता है कि एक उम्मीदवार के रूप में विनय भाटिया को बहुत सावधानी के साथ अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने का अभियान चलाना होगा ।
विनय भाटिया की उम्मीदवारी के संदर्भ में फरीदाबाद में उथल-पुथल का संकेत पाने वाले एक वरिष्ट रोटेरियन ने भारतीय परिवारों में रिश्तों में होने वाली उथल-पुथल का उदाहरण देकर मामले को समझने/समझाने का प्रयास किया । उनका कहना रहा कि परिवार में सभी रिश्तेदार आपसे तब तक खुश बने रहते हैं जब तक आप अपने बेटे की शादी नहीं करते हैं । बेटे की शादी में कई रिश्तेदार यह शिकायत करने लगते हैं कि उनका उचित सम्मान नहीं हुआ - और इस शिकायत के साथ वह नाराज हो जाते हैं । फूफा किस्म के रिश्तेदार शिकायत करने और नाराज होने वाले लोगों में सबसे ज्यादा तथा सबसे आगे होते हैं । विनय भाटिया अभी तक एक कार्यकर्ता थे, सभी के साथ मिलकर काम कर रहे थे - इसमें किसी के शिकायत करने और नाराज होने का कोई मौका ही नहीं था; मौका तो अब आया है जब वह उम्मीदवार बने हैं । रोटरी के 'फूफा' लोग अब यह देखेंगे कि एक उम्मीदवार के रूप में विनय भाटिया उन्हें कितनी अहमियत दे रहे हैं । फूफा लोगों का नाटक यह भी रहता है कि उन्हें चाहें जितनी भी अहमियत दो, लेकिन फिर भी उन्हें शिकायत बनी ही रहती है ।
विनय भाटिया के लिए समस्या की बात इसलिए हुई है कि फरीदाबाद में रोटरी की राजनीति में केसी लखानी के रूप में एक नए 'फूफा' का अवतार हुआ है । केसी लखानी चाहते हैं कि उन्हें बड़ा फूफा माना जाए - उनकी इस चाहत को फरीदाबाद में लोगों ने पूरा भी कर दिया । इससे हालाँकि जो कुछेक लोग फरीदाबाद में रोटरी की राजनीति के फूफा बनने की लाइन में थे, उन्हें झटका लगा - किंतु इस झटके को उन्होंने झेल लिया । समस्या तब शुरू हुई जब केसी लखानी की ऊँगली पकड़ कर दूसरे लोग आगे आ गए तथा पहले वाले लोगों को उनके लिए जगह बनाने के लिए और पीछे हटना पड़ा । उल्लेखनीय है कि अभी करीब दो वर्ष पहले तक फरीदाबाद में रोटरी की राजनीति में जीतेंद्र गुप्ता और पप्पुजीत सिंह सरना का नाम आता था । धीरज भूटानी, मनमोहन गुप्ता, अमित अरोड़ा, तीरथराज अरोड़ा, सुधीर आर्य, सुमंत अवस्थी, जतिंदर सिंह छाबड़ा, सतीश गुसाईं, संदीप गोयल, आशीष गुप्ता, संतगोपाल गुप्ता, सुनील गुप्ता, विजय जिंदल, कृष्ण कौशिक, अमरजीत सिंह लाम्बा, जयप्रकाश मल्होत्रा, तजिंदर मलिक, राजेश मैंदीरत्ता, मनोहर पुनिआनी, दिनेश रघुवंशी, जगदीश सहदेव, सुरजीत सिंह सैनी आदि को भी बड़ी भूमिका निभाने के लिए तथा अपने अपने लिए जगह बनाने के प्रयासों में सक्रिय होता देखा जा रहा था । नवदीप चावला ने लेकिन अचानक से प्रकट होकर इन सब को पीछे धकेल दिया । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में विनोद बंसल ने नवदीप चावला को जो तवज्जो दी, तो फिर दूसरे लोग पीछे हो गए ।
नवदीप चावला ने छलाँग तो ऊँची लगाई, हालाँकि फिर भी राजनीतिक रूप से पप्पुजीत सिंह सरना और जीतेंद्र गुप्ता को माइनस करने में वह सफल नहीं हो पाए थे । इसका मौका उन्हें केसी लखानी के सक्रिय होने से मिला । प्रोफेशनल कारणों से नवदीप चावला को केसी लखानी के यहाँ दूसरों के मुकाबले ज्यादा तवज्जो मिली । इसका नतीजा यह हुआ कि केसी लखानी फरीदाबाद में रोटरी की राजनीति में जब सबसे बड़े फूफा बने तो नवदीप चावला को छोटे फूफा का दर्जा मिला और बाकी लोग उनकी हाँ में हाँ मिलाने की भूमिका निभाने वाले बन कर रह गए । अपनी अपनी भूमिकाओं और अपनी अपनी महत्वाकांक्षाओं से पीछे धकेल दिए गए इन लोगों को अपने समर्थन में बनाये रखना डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में विनय भाटिया के लिए वास्तव में गंभीर चुनौती होगी । नवदीप चावला के पिता विश्वनाथ चावला के निधन का शोक मनाने के लिए जुटे फरीदाबाद के रोटेरियंस के बीच जिस तरह की जो बातें हुईं उनमें विनय भाटिया के लिए यही चेतावनी छिपी महसूस की गई कि विनय भाटिया ने यदि केसी लखानी और नवदीप चावला पर भरोसा करने के साथ साथ दूसरे लोगों को इग्नोर करने का काम किया, तो उनकी उम्मीदवारी के संदर्भ में फरीदाबाद की एकता को वह दाँव पर लगाने का खतरा मोल लेंगे ।