Sunday, March 29, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में पेट्स में दिए जाने वाले गिफ्ट को स्पॉन्सर करने के मनमाने तरीके से लिए गए फैसले को लेकर फरीदाबाद में बबाल और निशाने पर विनय भाटिया

फरीदाबाद । पेट्स में प्रतिभागियों को दी जाने वाली किट के लिए गिफ्ट स्पॉन्सर करने को लेकर फरीदाबाद में बबाल हो गया है । पेट्स में जाने वाले लोगों के बीच इस बात को लेकर गहरी नाराजगी पैदा हो गई है कि तीन-चार लोगों ने मनमाने तरीके से गिफ्ट का खर्च उनके ऊपर डाल दिया है । उल्लेखनीय है कि तीन-चार लोगों ने मनमाने तरीके से फैसला किया और पेट्स में जाने वाले लोगों को गिफ्ट के खर्च के नाम पर पंद्रह-पंद्रह हजार रुपये देने का फरमान सुना दिया गया है । इन लोगों की शिकायत है कि गिफ्ट स्पॉन्सर करने का फैसला लेते समय तो इनसे कोई सलाह नहीं ली गई; और अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए फरीदाबाद की तरफ से गिफ्ट स्पॉन्सर करने के लिए हामी भर दी । इस स्पॉन्सरशिप का पैसा कैसे इकठ्ठा हो, इसके लिए भी सभी की सलाह लेना जरूरी नहीं समझा गया - और मनमाने तरीके से स्पॉन्सरशिप के खर्चे का बोझ पेट्स में जाने वाले लोगों के सिर मढ़ दिया गया । पेट्स के गिफ्ट स्पॉन्सर करने को चूँकि अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए प्रस्तुत होने वाली विनय भाटिया की उम्मीदवारी के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है, इसलिए जो बबाल पैदा हुआ है उसके निशाने पर विनय भाटिया भी आ गए हैं ।
दरअसल पिछले एक आयोजन में रवि दयाल के क्लब द्धारा गिफ्ट स्पॉन्सर करने के बाद से ही विनय भाटिया द्धारा भी अगले किसी आयोजन में गिफ्ट स्पॉन्सर करने की चर्चा थी । उल्लेखनीय है कि रवि दयाल को भी अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । ऐसे में यह स्वाभाविक रूप से जरूरी हो गया माना गया कि जो काम रवि दयाल ने किया, वही काम विनय भाटिया भी करें । इसी जरूरत के चलते पेट्स में गिफ्ट स्पॉन्सर करने की जिम्मेदारी फरीदाबाद के नाम पर ले ली गई । एक आम धारणा है कि इस तरह की स्पॉन्सरशिप से यदि किसी उम्मीदवार का नाम जुड़ा होता है तो उसका खर्च वह उम्मीदवार और या उसका क्लब ही वहन करता है । रवि दयाल के क्लब ने जो गिफ्ट स्पॉन्सर किए उसका खर्च रवि दयाल ने वहन किया या उनके क्लब ने - यह वह जानें; विनय भाटिया की तरफ से स्पॉन्सर किए जाने वाले गिफ्ट का खर्चा फरीदाबाद के लोगों के सिर पर जिस तरह से डाल दिया गया - उसे लेकर फरीदाबाद के लोगों के बीच ही नाराजगी है । नाराज लोगों का कहना है कि विनय भाटिया को अपनी उम्मीदवारी को प्रमोट करने के लिए जो उपक्रम करने हैं, उनका खर्चा उन्हें खुद ही उठाना चाहिए; और किसी काम में उन्हें यदि दूसरों की मदद चाहिए भी तो उस काम को लेकर उन्हें दूसरों से कम-से-कम बात तो करना चाहिए - खर्चा जबरदस्ती दूसरों पर थोपना तो नहीं चाहिए ।
इस बबाल के चलते फरीदाबाद में लोग अब यह कहने लगे हैं कि विनय भाटिया कुछेक ऐसे स्वयंभू नेताओं के चंगुल में फँस गए हैं, जो किसी के लिए भी कुछ भी कहने/सुनने को और फरीदाबाद के नाम पर कोई भी फैसला करने को अपना अधिकार मानते/समझते हैं । ऐसे ही लोगों के कहने में आकर विनय भाटिया ने पहले तो फरीदाबाद के लोगों से बिना विचार-विमर्श किए पेट्स में फरीदाबाद की तरफ से गिफ्ट स्पॉन्सर करने का फैसला कर लिया; और उसके बाद गिफ्ट का खर्च फरीदाबाद के लोगों के जिम्मे डालने में भी उनसे कोई विचार-विमर्श नहीं किया । लोगों का कहना है कि विनय भाटिया और उनके साथ लगे फरीदाबाद के स्वयंभू नेताओं की इस तरह की मनमानियों का विरोध हो सकता है कि लोग अभी खुल कर न करें, लेकिन विनय भाटिया को समझना चाहिए कि इस तरह की मनमानियों के चलते वह लोगों को अपने से दूर कर लेंगे - जिससे उन्हें चुनाव में समस्या होगी । विनय भाटिया के नजदीकियों को भी लगता है कि उनके सामने सचमुच में यह बड़ी चुनौती है कि फरीदाबाद में वह किसकी कितनी बात मानें और कब मानें ? विनय भाटिया की उम्मीदवारी के प्रति समर्थन का भाव रखने वाले दिल्ली के लोगों का भी मानना और कहना है कि फरीदाबाद में अपने ही समर्थक नेताओं के मनमाने रवैये के कारण विनय भाटिया फरीदाबाद के ही दूसरे लोगों के बीच जिस तरह से निशाना बनाये जाने लगे हैं - वह अगले रोटरी वर्ष में प्रस्तुत होने वाली उम्मीदवारी के संदर्भ में कोई अच्छे संकेत नहीं हैं ।