Thursday, March 19, 2015

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ई में जौनपुर, सिंगरौली क्षेत्र और वाराणसी में हुईं मीटिंग्स से मिली प्रतिकूल खबरों ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार कुँवर बीएम सिंह के समर्थकों के बीच निराशा और चिंता पैदा की

इलाहाबाद । कुँवर बीएम सिंह की सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से अभी हाल ही में जौनपुर और सिंगरौली क्षेत्र में जो मीटिंग्स हुईं उनमें उम्मीद से कम लोगों के जुटने से कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी के समर्थकों को खासा तगड़ा झटका लगा है । उल्लेखनीय है कि सिंगरौली क्षेत्र कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी के एक बड़े समर्थक वीरेंद्र गोयल का इलाका माना जाता है । इसके बावजूद, इस क्षेत्र में हुई मीटिंग के फीकी रहने से कुँवर बीएम सिंह के समर्थकों के बीच निराशा पैदा होना स्वाभाविक ही है । यह निराशा इसलिए और बढ़ी क्योंकि सिंगरौली की मीटिंग को आयोजित करने की जिम्मेदारी खुद वीरेंद्र गोयल ने उठाई हुई थी और इसके लिए उन्होंने निधि कुमार की भी मदद ली हुई थी । इन दोनों पूर्व गवर्नर्स की सक्रियता के बावजूद मीटिंग में न सिर्फ उपस्थिति कम रही, बल्कि मीटिंग में जो लोग उपस्थित थे भी वह भी प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार प्रभात चतुर्वेदी की तारीफ करते हुए सुने जा रहे थे । इलाहाबाद में कुँवर बीएम सिंह के समर्थकों को उक्त मीटिंग की जो रिपोर्ट्स मिली हैं, उनमें बताया गया है कि मीटिंग में मौजूद लोगों का आपसी बातचीत में आकलन था कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए प्रभात चतुर्वेदी का पलड़ा भारी है । वीरेंद्र गोयल द्धारा आयोजित कुँवर बीएम सिंह की मीटिंग में आए लोग इस तरह की बातें करें, और प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार प्रभात चतुर्वेदी का गुणगान करें, तो कुँवर बीएम सिंह के समर्थकों के लिए मामला चिंता करने वाला तो बनता ही है ।
वीरेंद्र गोयल को डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के संदर्भ में यूँ तो एक कुशल रणनीतिकार के रूप में जाना/पहचाना जाता है; और उन्होंने कुछेक चुनावों में अपने उम्मीदवारों को चुनाव जितवाने में सफलता भी प्राप्त की है - लेकिन इस बार लगता है कि मामला उनके लिए भी उल्टा पड़ गया है । सिंगरौली क्षेत्र के लोग इस बात पर वीरेंद्र गोयल से खफा नजर दिख और सुने जा रहे हैं कि उन्हें कुँवर बीएम सिंह की बजाये अपने क्षेत्र के उम्मीदवार प्रभात चतुर्वेदी का समर्थन करना चाहिए था । वीरेंद्र गोयल का क्लब इस वर्ष जिस तरह से स्टेटस-को में गया, उससे भी लायनिज्म के प्रति वीरेंद्र गोयल के रवैये की पोल खुली, जिसके चलते लोगों से उनकी दूरी बनी । इसके बावजूद, कुँवर बीएम सिंह के समर्थकों को वीरेंद्र गोयल के 'करिश्मे' पर भरोसा था और वह विश्वास कर रहे थे कि लोगों के बीच वीरेंद्र गोयल की बदनामी भले ही हो, लेकिन फिर भी वह वोटों का जुगाड़ कर लेंगे । किंतु प्रभात चतुर्वेदी और उनके समर्थकों ने लोगों के बीच जो और जिस तरह की लामबंदी की है, उसके कारण वीरेंद्र गोयल द्धारा किए जा सकने वाले करिश्मे की संभावना भी धूमिल पड़ गई है । सिंगरौली क्षेत्र में कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी के समर्थन में वीरेंद्र गोयल द्धारा की गई मीटिंग के प्रति क्षेत्र के लायन सदस्यों व पदाधिकारियों के उत्साह में जो कमी देखी गई, उसका यही नतीजा निकाला जा रहा है कि वीरेंद्र गोयल का अपने क्षेत्र में ही अब पहले जैसा प्रभाव नहीं रह गया है ।
इलाहाबाद में कुँवर बीएम सिंह के समर्थक जिस समय सिंगरौली क्षेत्र में हुई मीटिंग के निराशाजनक नतीजों के प्रति चिंता प्रकट कर रहे थे, लगभग उसी समय उन्हें वाराणसी में प्रभात चतुर्वेदी की उम्मीदवारी के समर्थन में हुई मीटिंग के अप्रत्याशित तरीके से कामयाब होने की खबर मिली - जिसने उनकी चिंता को और बढ़ा दिया है । प्रभात चतुर्वेदी की उम्मीदवारी के समर्थन में वाराणसी में हुई मीटिंग में ऐसे लोगों को भी बढ़चढ़ कर सक्रियता दिखाते हुए और प्रभात चतुर्वेदी की उम्मीदवारी के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए देखा/पहचाना गया, जिन्हें कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी के समर्थक नेता अपने साथ मानते/समझते हैं । इस परिदृश्य से कुँवर बीएम सिंह की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं को खटका हुआ है कि वाराणसी में उनका समर्थन आधार कहीं घट तो नहीं रहा है, और उनके समर्थक कहीं प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार प्रभात चतुर्वेदी के समर्थन की तरफ तो नहीं बढ़ रहे हैं ।
जौनपुर, सिंगरौली क्षेत्र और वाराणसी में हुईं मीटिंग्स से कुँवर बीएम सिंह के समर्थकों को जिस तरह की प्रतिकूल खबरें मिली हैं, उनसे उनके बीच निराशा और चिंता पैदा हुई है तथा उन्होंने अपनी चुनावी रणनीति पर फिर से विचार करने की तथा अपनी रणनीति को व्यावहारिक रूप से क्रियान्वित करने की जरूरत को पहचाना और रेखांकित किया है । अपनी निराशा और अपनी चिंता से कुँवर बीएम सिंह के समर्थक कैसे उबरते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा ।