Tuesday, March 24, 2015

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में लखनऊ क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा वोट जुटाने की कोशिशों के चलते अशोक अग्रवाल और उनके समर्थक नेताओं ने लखनऊ में जो सक्रियता बनाई और बढ़ाई है, उसे देखते हुए संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं की चिंता और ज्यादा गहरा गई है

लखनऊ । लायंस विचार मंच द्धारा आयोजित आशीर्वाद समारोह में लायंस नेताओं और लखनऊ के क्लब्स के पदाधिकारियों तथा अन्य प्रमुख सदस्यों की जो भारी उपस्थिति देखने को मिली, उससे सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए प्रस्तुत अशोक अग्रवाल की उम्मीदवारी के समर्थक खासे गदगद हैं । उनकी तरफ से दावा किया गया है कि तीन-चार क्लब को छोड़ कर लखनऊ के बाकी सभी क्लब्स के पदाधिकारी या अन्य प्रमुख लोग इस समारोह में शामिल हुए; जो दिखाता है कि लखनऊ में अशोक अग्रवाल के लिए भारी समर्थन है । इस समारोह के बहाने प्रकट दिखे लखनऊ के समर्थन ने अशोक अग्रवाल की उम्मीदवारी के समर्थकों को दरअसल इसलिए भी उत्साहित किया है क्योंकि लखनऊ में कुल वोटों के आधे से भी अधिक वोट हैं । उल्लेखनीय है कि चुनाव में दो सौ से कुछ कम वोट पड़ने हैं, जिनमें एक सौ से अधिक वोट लखनऊ के हैं । इस समारोह से लखनऊ में अशोक अग्रवाल का पलड़ा भारी होने का जो सुबूत दिखा/मिला है, उसे देख कर अशोक अग्रवाल के समर्थक बड़ी जीत का अनुमान लगा रहे हैं । 
 मजे की बात यह है कि संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थक भी पहले से ही लखनऊ में अशोक अग्रवाल की बढ़त को पहचान और स्वीकार कर रहे थे । हालाँकि इस बढ़त का अंतर वह मामूली ही बता रहे थे । उनके अनुसार, लखनऊ में अशोक अग्रवाल को पचपन से साठ प्रतिशत समर्थन है । संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थकों को यद्यपि उम्मीद थी कि फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार गुप्ता के समर्थन के चलते वह इस अंतर को और कम कर लेंगे और संभव है कि वह लखनऊ में अशोक अग्रवाल से आगे भी निकल जाएँ । किंतु पिछले दिनों अपनी उम्मीदवारी के नामांकन के समय संदीप सहगल द्धारा किए गए शो और अब अशोक अग्रवाल के शो को जिन लोगों ने देखा है, उनका यही मानना और कहना है कि लखनऊ में अशोक अग्रवाल के साथ ज्यादा लोग व क्लब्स खड़े दिख रहे हैं । कितने ज्यादा - हालाँकि इसे लेकर मतभेद है । अशोक अग्रवाल के समर्थकों का दावा है कि लखनऊ में अस्सी प्रतिशत वोट उनके साथ हैं; लेकिन संदीप सहगल के समर्थक चालीस से पैंतालिस प्रतिशत वोटों पर अपना दावा अभी भी जता रहे हैं ।
मजे की बात यह है कि अशोक अग्रवाल और संदीप सहगल - दोनों के समर्थक उन लोगों को अपने साथ मान रहे हैं, जो दोनों तरफ के आयोजनों में दिख रहे हैं । उल्लेखनीय है कि लखनऊ में कुछ लोग ऐसे हैं जो संदीप सहगल के कार्यक्रम में भी शामिल हुए और फिर अशोक अग्रवाल के समारोह में भी सक्रिय दिखे । दोनों उम्मीदवारों के समर्थक नेता ऐसे लोगों को अपने अपने साथ मान रहे हैं; और इसके पक्ष में तर्कपूर्ण तरीके से दावा कर रहे हैं कि ऐसे लोगों ने उन्हें आश्वस्त किया हुआ है कि वह दिखें चाहें जहाँ, वोट 'आप' ही को देंगे । संदीप सहगल के समर्थकों के सामने लेकिन एक बड़ी समस्या यह है कि जो लोग दोनों तरफ दिख रहे हैं, उनका वोट देने का आश्वासन तो चलो वह मान लें; लेकिन जो उनके यहाँ उपस्थित न होकर अशोक अग्रवाल के समारोह में दिखे हैं, उनके आश्वासन पर वह कैसे भरोसा करें ? दरअसल इसी तथ्य ने अशोक अग्रवाल के समर्थकों के दावे को ज्यादा व्यावहारिक माना है । लखनऊ में तो तटस्थ किस्म के लोग हैं, उनका आकलन है कि लखनऊ में अशोक अग्रवाल को सत्तर प्रतिशत वोट तो पक्के मिल रहे हैं । चुनाव में अभी जो दिन बचे हैं, उनमें वह अपने वोटों के प्रतिशत को और बढ़ा भी सकते हैं ।
संभवतः इसीलिए अशोक अग्रवाल के समर्थक नेताओं ने लखनऊ पर अपना सारा जोर लगा दिया है । उन्होंने अभी विचार मंच के नाम पर समारोह किया है । 26 मार्च को नामांकन के नाम पर लोगों के बीच अपनी पैठ को और मजबूत बनाने का काम होगा; और फिर उसके बाद भी एक मीटिंग करने की तैयारी की बात सुनी जा रही है । लखनऊ में इस तरह अशोक अग्रवाल के समर्थकों ने जो सक्रियता दिखाई है - या दिखाने की तैयारी की है, उसके कारण संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थकों के बीच चिंता पैदा हुई है । दरअसल डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में वोटों का जो गणित है, उसमें लखनऊ का ज्यादा - ज्यादा क्या, बहुत ज्यादा महत्व है । संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थक नेता जिस तराई क्षेत्र और अवध क्षेत्र के भरोसे हैं, वहाँ के वोटों की संख्या लखनऊ और शाहजहाँपुर के वोटों की संख्या के आधे से भी कम है । संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं को भी यह गणित डराने लगा है कि तराई क्षेत्र और अवध क्षेत्र में सत्तर-पिचहत्तर प्रतिशत वोट यदि सचमुच में उन्हें मिल भी जाते हैं, तब भी जीतने के लिए लखनऊ-शाहजहाँपुर में पैंतालिस से पचास प्रतिशत वोटों का इंतजाम उन्हें करना ही होगा । लखनऊ में अशोक अग्रवाल और उनके समर्थक नेताओं की जो सक्रियता बनी और बढ़ी है, उसे देखते हुए संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं की चिंता और ज्यादा गहरा गई है ।