Wednesday, September 5, 2018

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के थाईलैंड में हुए अधिष्ठापन समारोह में बदइंतजामी और लूट-खसोट का शिकार हुए लोगों को भड़काने का इंद्रजीत सिंह पर आरोप लगा कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि मेहरा अपनी फजीहत और 'कमाई' को सचमुच बचा सकेंगे क्या ?

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि मेहरा ने थाईलैंड मामले से जुड़े विवाद में निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इंद्रजीत सिंह को लपेट कर, भारत वापस पहुँचने से पहले ही अपने नजदीकियों के जरिये मामले को जो रंग देने का प्रयास किया है - उसे सुन/देख कर लग रहा है कि यह मामला सत्ता खेमे के लोगों की आपसी लड़ाई का जरिया बनेगा । रवि मेहरा के नजदीकियों की तरफ से अचानक से आरोप सुने जा रहे हैं कि थाईलैंड मामले में इंद्रजीत सिंह लोगों को भड़का रहे हैं, और इस तरह रवि मेहरा को बदनाम करने, उन्हें परेशान करने तथा उनके गवर्नर-वर्ष को खराब करने के लिए माहौल बना रहे हैं । मजे की बात यह है कि इस तरह के आरोपों पर उन लोगों ने भी हैरानी प्रकट की है, जो इंद्रजीत सिंह के विरोधी के रूप में देखे/पहचाने जाते हैं । उनका भी कहना है कि थाईलैंड मामले में जो कुछ भी हुआ है, उससे रवि मेहरा का नाकारापन और लालची/स्वार्थी रूप ही सामने आया है; उन्होंने आयोजन की न तो ठीक से प्लानिंग की, न उसे उचित तरीके से व्यावहारिक रूप देने की कोशिश की, और जब समस्याओं ने सामने आना शुरू किया - तब भी वह उन्हें हल करने की कोशिश करने की बजाये उनसे बचते/छिपते और उनकी अनदेखी करते नजर आए; जिस कारण मामला और ज्यादा गंभीर होता गया । लोगों को लग रहा है कि रवि मेहरा ने भी यह तो समझ लिया है कि भारत लौटने पर बदइंतजामी को लेकर उनकी भारी फजीहत होनी है, इसलिए उन्होंने अपने नजदीकियों के जरिये पहले से ही निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इंद्रजीत सिंह को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि मामला डायवर्ट हो और अकेले उन्हें ही निशाना न बनना पड़े । बेशर्मी और विडंबना की बात यह है कि रवि मेहरा की तरफ से मामले को व्यावहारिक व सम्मानजनक तरीके से हल करने के प्रयास होने की कोई आहट नहीं सुनाई पड़ी है, सुनाई पड़े हैं इंद्रजीत सिंह पर मामले को हवा देने के आरोप । लोगों का कहना है कि एक बार के लिए उनके आरोप को यदि सच भी मान लें, तो रवि मेहरा और उनके नजदीकियों को बताना यह चाहिए कि मामले को - और मामले के कारण पैदा हुई लोगों की नाराजगी को दूर करने के लिए वह क्या कर रहे हैं ?
डिस्ट्रिक्ट पदाधिकारियों के अधिष्ठापन का कार्यक्रम थाईलैंड में करने की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि मेहरा की तैयारी बदइंतजामी का इस हद तक शिकार बनी कि थाईलैंड के लिए तैयार किए गए पैकेज की रकम उचित समय पर जमा करवाने और फ्लाईट के समय पर एयरपोर्ट पहुँचने के बावजूद कई डिस्ट्रिक्ट पदाधिकारी थाईलैंड के लिए उड़ान नहीं भर सके और उन्हें लज्जित व अपमानित महसूस करते हुए घर वापस लौटना पड़ा । लोगों का पूछना है कि इसके लिए क्या इंद्रजीत सिंह जिम्मेदार हैं ? बदइंतजामी के चलते बदकिस्मती ने सिर्फ उन्हीं लोगों को अपना शिकार नहीं बनाया जो थाईलैंड के लिए उड़ान नहीं भर सके, बल्कि जो लोग थाईलैंड पहुँच भी गए - उन्हें भी शिकार बनाया । थाईलैंड पहुँचे लायंस पदाधिकारियों से एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए अतिरिक्त पैसे माँगे गए, और जो पैसे देने को नहीं राजी हुए उन्हें पराये देश में सड़क पर रहने के लिए छोड़ दिया गया । लोगों का पूछना है कि इसके लिए क्या इंद्रजीत सिंह जिम्मेदार हैं ? लोगों का बहुत साफ आरोप है कि थाईलैंड के कार्यक्रम में जो भी बदइंतजामी हुई है, उसके लिए सिर्फ और सिर्फ रवि मेहरा की लालची और लूट-खसोट भरी हरकत जिम्मेदार है । थाईलैंड कार्यक्रम की आड़ में रवि मेहरा ने मोटी कमाई करके अपनी जेब भरने की जो योजना बनाई थी, उसी के तहत उन्होंने पैकेज की कीमत बसूलने के बाद भी वीजा तथा अन्य मदों के लिए अतिरिक्त पैसों की बार-बार माँग की और बसूली की; इसके चलते अव्यवस्था फैली, जिसका नतीजा रहा कि रवि मेहरा की पैसों की हर माँग को पूरा करने के बावजूद लोगों को बहुत बुरी तरह से परेशान होना पड़ा । परेशान और अपमानित/लज्जित हुए लोगों ने बबाल करना शुरू किया है, जिसे देख/सुन कर रवि मेहरा को भी इस खतरे का आभास हो चला है कि इस मामले में उनकी फजीहत तो होगी ही, साथ ही थाईलैंड दौरे में हुई 'कमाई' से भी उन्हें कहीं हाथ न धोना पड़ जाए । इसलिए उन्होंने अपने नजदीकियों के जरिये इंद्रजीत सिंह को लपेटे में लेना शुरू कर दिया है, ताकी भड़के लोगों को ज्यादा समर्थन न मिल सके - और वह अपनी 'कमाई' बचा सकें । 
उल्लेखनीय है कि इंद्रजीत सिंह के साथ रवि मेहरा की पहले से ही काफी खटपट चल रही है । इंद्रजीत सिंह का आरोप रहा है कि एक निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को जो और जितना सम्मान मिलना चाहिए, रवि मेहरा उन्हें उतना सम्मान नहीं दे रहे हैं; उधर रवि मेहरा की शिकायत रही है कि इंद्रजीत सिंह अभी भी अपने आप को गवर्नर समझ रहे हैं, और उन्हें काम नहीं करने दे रहे हैं । पिछले दिनों रवि मेहरा यह देख कर खासे भड़के कि कुछेक क्लब्स ने इंद्रजीत सिंह से अपने नए पदाधिकारियों को अधिष्ठापित करवाया, जिसके बाद रवि मेहरा ने क्लब्स को निर्देश दिए कि नए पदाधिकारियों को अधिष्ठापित करवाने का काम सिर्फ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर - यानि उनसे ही करवाया जाए । रवि मेहरा के इस निर्देश के चलते अगले कुछ दिनों में होने वाले कुछेक प्रमुख क्लब्स के अधिष्ठापन कार्यक्रमों को बदला गया, और उनमें अधिष्ठापन अधिकारी के रूप में शामिल किया गया इंद्रजीत सिंह का नाम हटाया गया । इस प्रसंग ने इंद्रजीत सिंह और रवि मेहरा के बीच खटपट को और बढ़ाने का काम किया है । रवि मेहरा ने इसी स्थिति का फायदा उठाते हुए इंद्रजीत सिंह को थाईलैंड मामले में लपेट लिया है । उन्हें विश्वास है कि डिस्ट्रिक्ट के और खेमे के लोग उनकी इस बात पर सहज ही विश्वास कर लेंगे कि बदइंतजामी के कारण नाराज हुए लोगों को भड़काने का काम इंद्रजीत सिंह कर रहे हैं, ताकि वह उनसे बदला ले सकें । भारत वापस लौटने से पहले ही रवि मेहरा ने अपने आपको और अपनी 'कमाई' को बचाने के लिए इंद्रजीत सिंह को मामले में लपेट कर दाँव तो अच्छा चला है, लेकिन लगता नहीं है कि इससे उन्हें कोई राहत मिलेगी । बदइंतजामी और धोखाधड़ी व लूट-खसोट का शिकार हुए लोग जिस कदर नाराज हैं, और अपनी नाराजगी को लेकर जिस तरह उन्होंने पुलिस तक में शिकायत दर्ज करवा दी है, उससे लगता नहीं है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि मेहरा फजीहत से बच सकेंगे ।