नई दिल्ली । सुनील मल्होत्रा ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की तैयारी में हाल के दिनों में जो तेजी दिखाई है, उसके कारण उनकी उम्मीदवारी को गंभीरता से देखा/पहचाना जाने लगा है । डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग एसेम्बली में सुनील मल्होत्रा फुल फॉर्म में दिखे और लोगों के बीच खासी सक्रियता व दिलचस्पी के साथ मिले/जुले । उनके क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली विकास के कुछेक वरिष्ठ सदस्यों व पूर्व प्रेसीडेंट्स ने उनकी उम्मीदवारी के पक्ष में माहौल बनाने की जो कोशिश की, उसका भी सुनील मल्होत्रा को अच्छा फायदा मिला । डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग असेम्बली में चूँकि डिस्ट्रिक्ट के अधिकतर सक्रिय सदस्य उपस्थित थे, जिनके रोटरी क्लब दिल्ली विकास के वरिष्ठ सदस्यों के साथ निकट के घनिष्ठ संबंध रहे हैं - इसलिए रोटरी क्लब दिल्ली विकास के वरिष्ठ सदस्यों व पूर्व प्रेसीडेंट्स की सक्रियता ने सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी के अभियान को प्रचारित व प्रसारित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ।उल्लेखनीय है कि रोटरी क्लब दिल्ली विकास डिस्ट्रिक्ट का एक पुराना, बड़ा और अत्यंत सक्रिय क्लब है - डिस्ट्रिक्ट में जो कोई भी थोड़ा बहुत सक्रिय है, वह दिल्ली विकास के किसी न किसी सदस्य के साथ गहरे से जुड़ा है; और जो नहीं भी जुड़ा है, वह क्लब के पुराने, बड़े और सक्रिय होने के तथ्य से प्रेरित होता है । खासकर नए रोटेरियंस यह जानकार अचंभित होते हैं कि करीब 200 सदस्यों वाला क्लब कैसे तो लगातार एकजुट बना हुआ है और कैसे बिना किसी झगड़े-झंझट के अपना काम करता है ?
डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स के प्रेसीडेंट्स के लिए रोटरी क्लब दिल्ली विकास अक्सर ही एक 'स्कूल' की भूमिका भी निभाता नजर आता है । दरअसल विभिन्न क्लब्स के प्रेसीडेंट्स के लिए यह बात एक बड़ी चुनौती की तरह होती है कि उनके लिए तो अपने छोटे से क्लब के सदस्यों को एकजुट व सक्रिय करना/रखना मुश्किल होता है; ऐसे में रोटरी क्लब दिल्ली विकास में कैसे काम होता है ? इसीलिए रोटरी क्लब दिल्ली विकास की डिस्ट्रिक्ट में और खास तौर से दूसरे क्लब्स के पदाधिकारियों के बीच विशिष्ट पहचान है । सुनील मल्होत्रा की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के अभियान को अपने क्लब की इस विशिष्ट पहचान का खासा फायदा मिल रहा है । बड़ा और संगठित व सक्रिय क्लब होने के कारण रोटरी क्लब दिल्ली विकास जिस जोन में होता है, उस जोन के बाकी क्लब्स भी उसके 'प्रभाव' में रहते हैं - और इस तरह उस जोन की डिस्ट्रिक्ट में एक अलग पहचान व भूमिका बन जाती है । ऐसे में, सुनील मल्होत्रा के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में बड़ी अनुकूल स्थिति यह बनी है कि वह रोटरी क्लब दिल्ली विकास के ही नहीं, बल्कि अपने जोन के क्लब्स के उम्मीदवार के रूप में देखे/पहचाने जा रहे हैं । सुनील मल्होत्रा के जोन के करीब 25 से 30 वोट होंगे, जिनमें किसी दूसरे उम्मीदवार के लिए सेंध लगाना मुश्किल ही होगा; जाहिर है कि सुनील मल्होत्रा जितने बड़े समर्थन-आधार से अपनी उम्मीदवारी की शुरुआत कर रहे हैं, उसके चलते उनकी उम्मीदवारी को स्वाभाविक रूप से बढ़त मिलती दिखती है ।
डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग एसेम्बली में मौजूद लोगों के बीच सुनील मल्होत्रा ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए जिस तरह का अभियान चलाया, उसके कारण वह डिस्ट्रिक्ट के आम और खास लोगों की निगाह में तो आए ही, अपनी उम्मीदवारी को उन्होंने ठोस विश्वसनीयता भी दी । दरअसल डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग असेम्बली में सुनील मल्होत्रा ने अपनी उम्मीदवारी के बाबत जो अभियान चलाया, उसने इसलिए भी विश्वसनीय रूप पाया - क्योंकि सुनील मल्होत्रा उससे पहले अधिकतर लोगों से वन-टू-वन लेबल पर मिल चुके थे । वन-टू-वन लेबल पर होने वाली बात/मुलाकात व्यक्तिगत स्तर पर तो संबंधों को बनाती/जोड़ती है, लेकिन राजनीतिक रूप से वह संबंध असरकारी तब होते हैं जब व्यक्तिगत रूप से बने संबंधों को सार्वजनिक पहचान मिलती है । डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग असेम्बली में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए चलाये गए सुनील मल्होत्रा के अभियान ने वास्तव में डिस्ट्रिक्ट के रोटेरियंस के साथ व्यक्तिगत रूप से बने उनके संबंधों को सार्वजनिक पहचान देने का ही काम किया है । सुनील मल्होत्रा चूँकि इसी वर्ष अपने क्लब के प्रेसीडेंट हैं, इसलिए प्रेसीडेंट के रूप में उनकी सक्रियता, उनके कामों और उनकी उपलब्धियों से लोग ताजा ताजा वैसे ही परिचित हैं; जो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में उनके अभियान को और प्रभावी व विश्वसनीय रूप देता है ।