Monday, September 7, 2020

रोट्रेक्ट इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में अन्यायपूर्ण तरीके से डीआरआर पद से हटाई गईं यामिनी थरेजा को न्याय दिलवाने के अभियान में शामिल होने की बजाये डीआरआर बनने का लालच दिखाने के कारण सार्थक बंसल को मुश्किलों के साथ-साथ, फजीहत का सामना भी करना पड़ रहा है

नई दिल्ली । सार्थक बंसल ने रोट्रेक्ट इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में डीआरआर (डिस्ट्रिक्ट रोट्रेक्ट रिप्रेजेंटेटिव) का पद तो संभाल लिया है, लेकिन उन्हें अपनी टीम के लिए पदाधिकारियों को चुनने में खासे विरोध और फजीहत का सामना करना पड़ रहा है । दरअसल रोट्रेक्ट्स उनसे बुरी तरह नाराज हैं, और उनके साथ काम नहीं करना चाहते हैं । रोट्रेक्ट्स का कहना है कि सार्थक बंसल यदि एक सच्चे रोट्रेक्ट हैं, तो उन्हें यामिनी थरेजा को मनमाने व षडयंत्रपूर्ण तरीके से डीआरआर पद से हटाने का विरोध करना चाहिए, और डीआरआर पद पर हुई अपनी 'गैरकानूनी' नियुक्ति को स्वीकार नहीं करना चाहिए । रोट्रेक्ट्स का मानना और कहना है कि नैतिकता, न्याय की स्वाभाविक प्रक्रिया तथा रोटरी इंटरनेशनल के नियम व 'व्यवस्था' को एक साथ ठेंगा दिखाते हुए यामिनी थरेजा को डीआरआर पद से हटाये जाने के बाद सार्थक बंसल ने जिस तत्परता से डीआरआर का पद स्वीकार कर लिया - उससे साबित होता है कि सार्थक बंसल को न नैतिकता की परवाह है, न वह न्याय की स्वाभाविक प्रक्रिया में यकीन रखते हैं, और न वह रोटरी के उच्च आदर्शों व नियमों का पालन करने की जरूरत समझते हैं; उन्हें तो किसी भी तरह से सिर्फ बड़ा पद चाहिए । रोट्रेक्ट्स का कहना है कि सार्थक बंसल यदि डीआरआर का पद स्वीकारने की जल्दबाजी न दिखाते, तो यामिनी थरेजा को उक्त पद वापस दिलवाने के लिए रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 के गवर्नर संजीव राय मेहरा पर दबाव बनाया जा सकता था ।
रोट्रेक्ट्स तथा रोटेरियंस का विश्वास है कि संजीव राय मेहरा को जिस तरह, मनमाने तरीके से रंजन ढींगरा को हटा कर विनय भाटिया को डीएमसी (डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप चेयरमैन) बनाने के फैसले को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया गया था, वैसे ही डीआरआर के मामले में भी मजबूर किया जा सकता था - लेकिन पद के लालच में सार्थक बंसल ने उस संभावना को समाप्त कर दिया; और इसी बात से नाराज रोट्रेक्ट्स उनके साथ काम करना नहीं चाहते हैं । उल्लेखनीय है कि एक जुलाई से डीआरआर के रूप में यामिनी थरेजा ने काम करना शुरू किया था । मजे की बात यह है कि डीआरआर के रूप में उनका चयन करीब पाँच महीने पहले कई उम्मीदवारों का इंटरव्यू करने के बाद खुद संजीव राय मेहरा ने ही किया था । डीआरआर के रूप में काम करते हुए यामिनी थरेजा को अभी 50 दिन ही हुए थे, कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में संजीव राय मेहरा ने उन्हें उनके पद से हटा देने की जानकारी दी । पद से हटाने का यामिनी थरेजा को कोई कारण नहीं बताया गया । इस मनमानी कार्रवाई पर संजीव राय मेहरा की जब थुक्काफजीहत होना शुरू हुई, तब चार दिन बाद बताया गया कि उन पर वित्तीय गड़बड़ी के आरोप लगाये जाने के कारण उन्हें पद से हटाया गया है । हद की बात यह रही कि तब भी - और उसके बाद भी किसी को यह जानकारी नहीं है कि 50 दिन के अपने कार्यकाल में यामिनी थरेजा ने आखिर ऐसी क्या वित्तीय गड़बड़ी कर दी, जिसके चलते संजीव राय मेहरा को उन्हें आरोपों की जानकारी तथा आरोपों का जबाव देने का मौका दिए बिना तत्काल पद से हटा देने की जरूरत पड़ गई ?
यामिनी थरेजा को बिना कारण बताये, तथाकथित आरोपों की जानकारी दिए बिना, और उन्हें जबाव देने का मौका दिए बिना डीआरआर पद से मनमाने तरीके से हटाये जाने पर रोट्रेक्ट्स व रोटेरियंस के बीच नाराजगी और गुस्सा पैदा हुआ । लोगों का कहना रहा कि रोट्रेक्ट के रूप में बेहतर व उल्लेखनीय काम करने तथा उपलब्धियाँ हासिल करने वाली यामिनी थरेजा के साथ संजीव राय मेहरा का ऐसा व्यवहार रोट्रेक्ट्स को हतोत्साहित करेगा, तथा डिस्ट्रिक्ट में रोट्रेक्ट गतिविधियों पर बुरा असर डालेगा । यामिनी थरेजा को पिछले पाँच वर्षों में बेस्ट रोट्रेक्ट क्लब सेक्रेटरी, बेस्ट रोट्रेक्ट क्लब प्रेसीडेंट, बेस्ट रोट्रेक्टर, आउटस्टैंडिंग डिस्ट्रिक्ट रोट्रेक्ट सेक्रेटरी के अवॉर्ड मिले हैं; तथा रायला चेयरपरसन के रूप में रोटरी कैंसर फाउंडेशन में उनके सहयोग को विशेष तौर से रेखांकित किया गया और सराहा गया । कम समय में प्राप्त की गईं इन उपलब्धियों तथा निरंतर सक्रियता के कारण ही डीआरआर पद के उम्मीदवारों में उन्हें सबसे योग्य पाया गया था और चुना गया था । रोट्रेक्ट्स तथा रोटेरियंस का कहना रहा कि यामिनी थरेजा के साथ किया गया व्यवहार उनके साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी है । उन्हें न्याय दिलवाने के लिए रोट्रेक्ट्स तथा रोटेरियंस ने तैयारी शुरू की थी, और अपनी तैयारी को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने सार्थक बंसल से अनुरोध किया था कि उन्हें यामिनी थरेजा को न्याय दिलवाने की मुहिम में शामिल होना चाहिए और डीआरआर का पद स्वीकार नहीं करना चाहिए । सार्थक बंसल ने लेकिन पद को महत्ता दी । सार्थक बंसल के पद के लालच ने रोट्रेक्ट्स को उनके खिलाफ कर दिया है, और कई सक्रिय रोट्रेक्ट्स उनके साथ काम करने से इंकार करने लगे हैं । इससे, डीआरआर 'बनने' के बावजूद सार्थक बंसल को मुश्किलों का सामना करने के साथ-साथ, फजीहत का सामना भी करना पड़ रहा है ।