Monday, September 28, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3054 में अशोक गुप्ता की गुडबुक में होते हुए तथा शेखर मेहता के नजदीक होने की कोशिश करते हुए भरत पांड्या के नजदीकी जयप्रकाश व्यास को नोमीनेटिंग कमेटी की उम्मीदवारी के लिए प्रेरित करने की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजेश अग्रवाल की कोशिशों ने डिस्ट्रिक्ट में गर्मी पैदा की

अहमदाबाद । इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चयन/चुनाव करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जयप्रकाश व्यास को उम्मीदवार 'बनाने' के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजेश अग्रवाल के प्रयासों ने जयप्रकाश व्यास तथा उनके नजदीकियों को गफलत में डाल दिया है । जयप्रकाश व्यास के नजदीकियों का कहना/बताना है कि राजेश अग्रवाल ने जिस अचानक तरीके से जयप्रकाश व्यास को उम्मीदवार बनने के लिए 'प्रेरित' करना शुरू किया है, उससे उन्हें यह समझने में मुश्किल हो रही है कि इसके पीछे राजेश अग्रवाल की मंशा आखिर क्या है, और जयप्रकाश व्यास को उम्मीदवार बना/बनवा कर वह आखिर अपना कौन सा 'स्वार्थ' पूरा करना चाहते हैं ? उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में राजेश अग्रवाल लगातार यह दावा करते रहे हैं कि वह डिस्ट्रिक्ट में चुनावी राजनीति को किसी भी तरह से प्रश्रय नहीं देंगे, और कोशिश करेंगे कि चुनावी राजनीति के चक्कर में डिस्ट्रिक्ट का माहौल खराब न हो; लेकिन देखने/सुनने में आ रहा है कि राजेश अग्रवाल खुद चुनावी राजनीति में दिलचस्पी ले रहे हैं, और माहौल गर्म कर रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट के कई लोगों को यह बात भी मजे की लग रही है कि राजेश अग्रवाल एक तरफ तो तरह तरह के करतबों से अपने आप को इंटरनेशनल प्रेसीडेंट इलेक्ट शेखर मेहता के नजदीक 'दिखाने' की कोशिश करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ वह इंटरनेशनल डायरेक्टर भरत पांड्या के नजदीकी के रूप में देखे/पहचाने जाने वाले जयप्रकाश व्यास को डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति में 'आगे बढ़ाने' की कोशिश कर रहे हैं । 
दरअसल इसीलिए जयप्रकाश व्यास के नजदीकियों को राजेश अग्रवाल की 'राजनीतिक नीयत' पर शक हो रहा है । उन्हें लग रहा है कि राजेश अग्रवाल कहीं डबल गेम तो नहीं खेल रहे हैं । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट में पूर्व गवर्नर अशोक गुप्ता के इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए उम्मीदवार बनने की चर्चा है । अशोक गुप्ता की उम्मीदवारी को मजबूती देने के उद्देश्य से नोमीनेटिंग कमेटी के लिए पूर्व गवर्नर्स अजय काला व आशीष देसाई में से किसी एक के उम्मीदवार होने का अनुमान लगाया जा रहा है । इन तीनों - अशोक गुप्ता, अजय काला व आशीष देसाई को शेखर मेहता ग्रुप के सदस्यों के रूप में देखा/पहचाना जाता है । डिस्ट्रिक्ट में कुछेक पूर्व गवर्नर्स विरोधी खेमे के नजदीक तो देखे/पहचाने जाते हैं, लेकिन अभी तक उनमें से किसी को अशोक गुप्ता के रास्ते में काँटे बोने का काम करते हुए नहीं देखा/सुना गया है । जैसे जयप्रकाश व्यास ही हैं; उन्हें भले ही भरत पांड्या वाले खेमे के नजदीक देखा/पहचाना जाता हो, लेकिन अशोक गुप्ता की उम्मीदवारी के सामने वह कोई मुश्किल खड़ी करते हुए नहीं देखे/सुने गए हैं । असल में, जैसा कि जयप्रकाश व्यास के नजदीकियों का कहना/बताना है कि जयप्रकाश व्यास आगे आने वाले वर्षों में खुद इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के उम्मीदवार होना चाहते हैं, इसलिए वह कोई ऐसा उदाहरण नहीं बनना/बनाना चाहते हैं जिससे कि उनकी बदनामी हो तथा आगे उनके सामने 'विरोध के नाम पर विरोध' की स्थिति पैदा हो 
लेकिन राजेश अग्रवाल उन्हें समझा रहे हैं कि उन्हें अभी नोमीनेटिंग कमेटी के लिए उम्मीदवार बनना चाहिए, ताकि आगे आने वाले वर्षों में जब वह इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करें, तो उन्हें भावनात्मक फायदा मिले । जयप्रकाश व्यास के कुछेक नजदीकियों को राजेश अग्रवाल का यह तर्क समझ में आ रहा है, लेकिन उनके अन्य कुछेक नजदीकियों का मानना और कहना है कि जयप्रकाश व्यास यदि सचमुच आगे आने वाले वर्षों में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए उम्मीदवार होना चाहते हैं, तो उन्हें अभी नोमीनेटिंग कमेटी की उम्मीदवारी के पचड़े में नहीं पड़ना चाहिए । इन नजदीकियों का यह भी कहना है कि नोमीनेटिंग कमेटी के चुनाव में जयप्रकाश व्यास यदि हार गए, तो और किरकिरी होगी । जयप्रकाश व्यास के नजदीकियों को इस बात की भी हैरानी है कि राजेश अग्रवाल आखिरकार जयप्रकाश व्यास को नोमीनेटिंग कमेटी के लिए उम्मीदवार बनाने/बनवाने में दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं ? उन्हें यह हैरानी इसलिए भी है, क्योंकि वह जानते हैं कि राजेश अग्रवाल खुद अशोक गुप्ता के नजदीक रहे हैं । तीन वर्ष पहले, वह अशोक गुप्ता के सहयोग/समर्थन के बल पर ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी 'चुने' गए थे । उनके क्लब के तथा कोटा के नेता लोग विक्रांत माथुर की उम्मीदवारी के पक्ष में थे, लेकिन राजेश अग्रवाल ने तीन-तिकड़म करके अपनी उम्मीदवारी की चर्चा चला दी, और गलतफहमियाँ पैदा करके अशोक गुप्ता का समर्थन जुटा लिया और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बन गए । अशोक गुप्ता के इस अहसान का बदला चुकाने के लिए राजेश अग्रवाल ने उनके क्लब के सदस्य पूर्व गवर्नर रमेश अग्रवाल को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर भी बनाया हुआ है और उन्हें पूरा मान-सम्मान देते हैं । जयप्रकाश व्यास के नजदीकियों को इसीलिए यह सवाल परेशान कर रहा है कि अशोक गुप्ता की गुडबुक में होते हुए, शेखर मेहता के नजदीक होने की कोशिश करते हुए राजेश अग्रवाल आखिरकार जयप्रकाश व्यास को नोमीनेटिंग कमेटी की उम्मीदवारी के लिए प्रेरित क्यों कर रहे हैं ?