गाजियाबाद । निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी ललित खन्ना के गवर्नर वर्ष में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने की तैयारी खटाई में पड़ती नजर आ रही है । ऐसा उन्हें ललित खन्ना के बदले बदले से तेवरों को देख/सुन के लग रहा है । ललित खन्ना दरअसल हाल के दिनों में दीपक गुप्ता और उनके नजदीकियों को बता चुके हैं कि पूर्व गवर्नर मुकेश अरनेजा उन्हें इशारों इशारों में दीपक गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये जाने के प्रति आगाह कर चुके हैं । उल्लेखनीय है कि ललित खन्ना की मुकेश अरनेजा के साथ लंबी दोस्ती रही है, जिसमें वह उनके 'पार्टनर इन क्राइम' रहे थे - और फिर दुश्मनी भी रही; इसलिए ललित खन्ना उनके खुन्नसी व्यवहार और बदला लेने की प्रवृत्ति से परिचित, सहयोगी व शिकार रहे हैं । ललित खन्ना जानते हैं कि मुकेश अरनेजा के नए/ताजे शिकार दीपक गुप्ता हैं । ललित खन्ना विभिन्न मौकों पर कुछेक लोगों के बीच कहते/बताते सुने गए हैं कि डीडीएफ अकाउंट मामले में दीपक गुप्ता को जो फजीहत झेलना पड़ रही है, उसके वास्तविक रचयिता और सूत्रधार मुकेश अरनेजा हैं ।
दीपक गुप्ता तथा उनके नजदीकियों को हालाँकि यह भी लगता है कि मुकेश अरनेजा का नाम ले कर दीपक गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर न बनाना ललित खन्ना की अपनी चालाकी भी हो सकती है । दरअसल इस बीच यह पोल पूरी तरह खुल चुकी है कि दीपक गुप्ता को रोटरी के बारे में न तो कुछ अतापता है, और न वह ढंग/तरीके से कोई काम कर सकते हैं । दीपक गुप्ता बस एक ही काम में माहिर हैं, और वह है - ज्यादा बोलना, बढ़चढ़ कर बोलना और बोलने के नाम पर बकवास करना । इसलिए ललित खन्ना को लग रहा है कि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के रूप में दीपक गुप्ता उन पर बोझ ही साबित होंगे । इस तरह की बातें ललित खन्ना ने कुछेक लोगों के बीच कही भी हैं, जो दीपक गुप्ता तक भी पहुँची हैं । असल में, इसीलिए दीपक गुप्ता को लग रहा है कि ललित खन्ना खुद ही उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाना नहीं चाहते हैं, और इसके लिए मुकेश अरनेजा के खुन्नसी व्यवहार तथा बदला लेने की प्रवृत्ति को बहाने के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के मामले में दीपक गुप्ता से पीछा छुड़ाने की ललित खन्ना की कोशिशों का कारण चाहें जो हो; लोगों को लेकिन लग रहा है कि दीपक गुप्ता यदि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने में सफल हो गए, तो ललित खन्ना के गवर्नर-वर्ष में खूब पटाखे फूटेंगे - कुछ दीपक गुप्ता के व्यवहार और रवैये के कारण, तो कुछ मुकेश अरनेजा की बदला लेने की प्रवृत्ति के कारण ।