देहरादून । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अश्वनी काम्बोज ने अपनी पत्नी प्रतिभा काम्बोज को जोन चेयरपरसन बना कर डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में चर्चाओं का शोर खासा बढ़ा दिया है । माना/समझा जा रहा है कि अपनी पत्नी को जोन चेयरपरसन बना कर अश्वनी काम्बोज ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की राजनीति की चाबी अपने पास रखने की तैयारी की है; जिसके तहत जरूरत पड़ने पर वह अपनी पत्नी को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का उम्मीदवार बना सकेंगे । अश्वनी काम्बोज के नजदीकियों के अनुसार, अश्वनी काम्बोज दरअसल सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के रास्ते में काँटे बोना चाहते हैं, और पंकज बिजल्वान को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर न बनने देने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं । इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए अश्वनी काम्बोज ने पहले विनय शिशोदिया पर डोरे डाले थे, जिसके चलते विनय शिशोदिया ने उम्मीदवारी की तैयारी भी शुरू कर दी थी । विनय शिशोदिया को लेकिन सत्ता खेमे के दूसरे नेताओं का सहयोग/समर्थन मिलता हुआ नहीं दिखा, तो फिर वह पीछे हटते हुए नजर आए । विनय शिशोदिया को हालाँकि विरोधी खेमे के कुछेक पूर्व गवर्नर्स नेताओं ने समझाने की कोशिश तो की कि अश्वनी काम्बोज के उम्मीदवार के रूप में मैदान में कूद पड़ो, फिर उन्हें विरोधी खेमे के नेताओं का समर्थन भी मिल जायेगा । विनय शिशोदिया ने लेकिन न अश्वनी काम्बोज पर भरोसा किया और न विरोधी खेमे के नेताओं के साथ जुड़ने में दिलचस्पी दिखाई, और अपनी उम्मीदवारी से पीछे हटने में ही अपनी भलाई देखी ।
विनय शिशोदिया के 'हाथ से निकलने' के बाद ही अश्वनी काम्बोज ने चूँकि अपनी पत्नी को जोन चेयरपरसन बनाया है, इसलिए इस बात का ज्यादा शोर मचा है कि 'इस तरह' उन्होंने अपनी पत्नी को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का उम्मीदवार बनाने की तैयारी शुरू की है । ऐसा मानने वालों का तर्क है कि अश्वनी काम्बोज को यदि अपनी पत्नी को 'सिर्फ' जोन चेयरपरसन बनाना होता, तो वह सबसे पहले उन्हें बनाते । गवर्नर-वर्ष के दो महीने बीतने के बाद उन्हें अपनी पत्नी को जोन चेयरपरसन बनाने का ख्याल आया है - तो यह कोई सहज बात नहीं है । उल्लेखनीय है कि अश्वनी काम्बोज ने मई/जून से जोन चेयरपरसन बनाने शुरू कर दिए थे, और अधिकतर जोन चेयरपरसन बना दिए/लिए थे । इससे ही समझा जा सकता है कि अश्वनी काम्बोज ने अपनी पत्नी को सिर्फ जोन चेयरपरसन बनाने के लिए ही जोन चेयरपरसन नहीं बनाया है, बल्कि 'कुछ बड़ा' खेल करने के लिए ऐसा किया है - और यह बड़ा खेल सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का चुनाव ही है । अश्वनी काम्बोज के कुछेक नजदीकियों का कहना हालाँकि यह है कि अश्वनी काम्बोज अपनी पत्नी को सचमुच उम्मीदवार नहीं बनायेंगे, वह तो बस पंकज बिजल्वान के लिए मुसीबतें खड़ी करने के उद्देश्य से 'तैयारी' कर रहे हैं ।
अश्वनी काम्बोज द्वारा अपनी पत्नी को जोन चेयरपरसन बनाये जाने के बाद छिड़ी चर्चाओं में कहा/सुना जा रहा है कि अपनी पत्नी की उम्मीदवारी के जरिये अश्वनी काम्बोज पहले तो क्लब में ही पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को हरी झंडी मिलने से रोकने का काम करेंगे, और यदि पंकज बिजल्वान किसी दूसरे क्लब में ट्रांसफर लेकर उम्मीदवार बनते हैं, तब फिर अपनी पत्नी की उम्मीदवारी के जरिये वह पंकज बिजल्वान के लिए मुकाबले को मुश्किल बनायेंगे । कुछेक लोगों को यह भी लगता है कि अश्वनी काम्बोज को यदि यह लगेगा कि वह पंकज बिजल्वान को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने से नहीं रोक सकेंगे, तो उन्हें 'सौदेबाजी' करने के लिए मजबूर करने की कोशिश तो करेंगे ही । पिछले वर्ष पंकज बिजल्वान को जितवाने के लिए भारी नाटकबाजी कर चुकीं अनीता गुप्ता इस वर्ष पंकज बिजल्वान के खिलाफ हैं, और कहती सुनी गईं हैं कि वह पंकज बिजल्वान को रोक नहीं भी सकीं, तो उनके ज्यादा पैसे तो खर्च करवा ही देंगी । अश्वनी काम्बोज ने पिछले दिनों सत्ता खेमे के अन्य नेताओं को अँधेरे में रख कर जिस तरह से विरोधी खेमे के लोगों के साथ संबंध जोड़ने/बनाने का प्रयास किया है, उससे भी आभास मिला है कि अश्वनी काम्बोज ने अपने काम बनाने के लिए अलग राह पकड़ ली है; और इसी क्रम में पंकज बिजल्वान को रोकने - अन्यथा उनसे सौदेबाजी करने के लिए उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है । गवर्नर-वर्ष के दो महीने पूरे होने के बाद, अपनी पत्नी को जोन चेयरपरसन बनाने की अश्वनी काम्बोज की कार्रवाई में उनकी उसी तैयारी को देखा/पहचाना जा रहा है ।