Friday, September 25, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट अशोक अग्रवाल के दाँव-पेचों ने मुकेश अरनेजा व जेके गौड़ के बीच जो लड़ाई छिड़वाई है, उसमें अशोक अग्रवाल का खुद का गवर्नर-वर्ष ही फजीहत का शिकार बनता नजर आ रहा है

गाजियाबाद । मुकेश अरनेजा और जेके गौड़ की तू तू मैं मैं ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट अशोक अग्रवाल की मुसीबतों को खासा बढ़ा दिया है । विडंबना और मजे की बात यह है कि मुसीबतों को बढ़ाने का काम खुद अशोक अग्रवाल ने ही किया है; इसी बिना पर उनके नजदीकियों को भी लग रहा है कि अशोक अग्रवाल ने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है । दरअसल जेके गौड़ के गवर्नर-वर्ष में रोटरी फाउंडेशन के लिए जमा हुई रकम में हेराफेरी के आरोपों की जाँच के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर आलोक गुप्ता द्वारा गठित की गई स्टुअर्डशिप कमेटी को भंग करने की माँग करते हुए जेके गौड़ ने मुकेश अरनेजा को जिस तरह से निशाना बनाया है, उसके पीछे अशोक अग्रवाल का ही 'दिमाग' देखा/बताया जा रहा है । डिस्ट्रिक्ट में चर्चा है कि जेके गौड़ ने जो मेल 'भेजी' है, उसे 'लिखा' पूर्व गवर्नर शरत जैन ने है - और शरत जैन से लिखवाने का आईडिया अशोक अग्रवाल का था । असल में, अशोक अग्रवाल की मुकेश अरनेजा के साथ ज्यादा खुन्नस है । अशोक अग्रवाल को उम्मीद थी कि शरत जैन विस्तार से मुकेश अरनेजा की पोल खोलेंगे, तो मुकेश अरनेजा दबाव में आयेंगे और चुप बैठेंगे । अशोक अग्रवाल लेकिन सामाजिक व्यवहार का वह सिद्धांत पूरी तरह भुला बैठे कि 'जो लोग खुद शीशे के घरों में रहते हैं, उन्हें दूसरों के ऊपर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए ।' मुकेश अरनेजा के जबावी हमले ने लेकिन मामले का रुख ही बदल दिया है, और जेके गौड़ को कई तरह से बेईमानियों के आरोपों के साथ कठघरे में खड़ा कर दिया है ।
मुकेश अरनेजा ने जबावी हमले में भले ही जेके गौड़ को घेरा है, लेकिन उनके निशाने पर अशोक अग्रवाल भी रहे । उल्लेखनीय है कि रोटरी वरदान ब्लड बैंक के प्रोजेक्ट में 45 लाख रूपये डकारने की कोशिश करने का जो आरोप मुकेश अरनेजा ने लगाया है, उसमें जेके गौड़ के 'पार्टनर इन क्राइम' अशोक अग्रवाल ही थे । इस तरह, उस मामले को एकबार फिर हवा देकर मुकेश अरनेजा ने अशोक अग्रवाल को लेकर लोगों के बीच संशय पैदा कर दिया है । अशोक अग्रवाल के गवर्नर-वर्ष के क्लब्स-प्रेसीडेंट रोटरी वरदान ब्लड बैंक में 45 लाख रुपयों की घपलेबाजी की कोशिशों और उसमें जेके गौड़ तथा अशोक अग्रवाल की मिलीभगत की बात को जानते भी नहीं होंगे, लेकिन मुकेश अरनेजा ने उन्हें उक्त मामले से परिचित करवाने का काम कर दिया - और इस तरह अशोक अग्रवाल गवर्नर बनने से दस महीने पहले ही 'अपने' प्रेसीडेंट्स के बीच 'बेईमान' होने की पहचान पा बैठे हैं । ऐसे में, अशोक अग्रवाल के सामने यह तय करने की चुनौती पैदा हो गई है कि उनके प्रयासों से मुकेश अरनेजा व जेके गौड़ के बीच 'छिड़ी' लड़ाई को वह और भड़काने का काम करें, या उसे ठंडा करने के लिए प्रयास करें ? इनके बीच की लड़ाई असल में सिर्फ इन दोनों के बीच की ही लड़ाई नहीं है, बल्कि इसमें कई लड़ाईयाँ गुँथी हुई हैं - इसलिए इस लड़ाई का निपटारा होना आसान भी नहीं है । निपटारा न होने की स्थिति में और लोग तो अपनी अपनी खुन्नस निकालेंगे और मजे लेंगे, लेकिन नुकसान अशोक अग्रवाल को उठाना पड़ेगा ।

डिस्ट्रिक्ट ग्रांट अकाउंट को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर आलोक गुप्ता के पास जाने से रोकने के लिए डीआरएफसी (डिस्ट्रिक्ट रोटरी फाउंडेशन चेयरमैन) के रूप में जेके गौड़ ने हस्ताक्षर करने से इंकार करने का जो रवैया अपनाया हुआ है, उसे दीपक गुप्ता व शरत जैन व ललित खन्ना के साथ-साथ अशोक अग्रवाल ने भी समर्थन भले ही दिया हुआ हो - लेकिन हर कोई समझ रहा है कि यह रवैया यदि जारी रहा तो यह आलोक गुप्ता के साथ-साथ अशोक अग्रवाल को भी अपनी चपेट में लेगा - और यह अनोखा मामला होगा, जिसमें अशोक अग्रवाल अपने आपको मुसीबत में फँसाते हुए देखे जा रहे होंगे । जेके गौड़, शरत जैन, अशोक अग्रवाल, ललित खन्ना की चौकड़ी अपने रवैये से डीडीएफ के मामले में निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता को पहले ही तगड़ा नुकसान पहुँचा चुकी है; इनका रवैया अब अशोक अग्रवाल को मुसीबत में फँसाता नजर आ रहा है । आरोप है कि जेके गौड़ और अशोक अग्रवाल की जोड़ी ने दीपक गुप्ता के गवर्नर-वर्ष में अपने क्लब के प्रोजेक्ट के लिए ग्रांट के रूप में मोटी रकम ऐंठने के लिए दीपक गुप्ता को डीडीएफ का पैसा अपने निजी अकाउंट से देने के लिए राजी किया, और फिर दीपक गुप्ता की मदद करने के नाम पर मामले को वहाँ पहुँचा दिया, जहाँ दीपक गुप्ता की मोटी रकम फँसती दिख रही है । इससे जाहिर है कि जेके गौड़ और अशोक अग्रवाल के दाँवपेंचों ने अभी तक उन्हें ही फजीहत का शिकार बनाया है, और इसीलिए लग रहा है कि उनकी हरकतें कहीं अशोक अग्रवाल के गवर्नर-वर्ष को भी चपेट में न ले लें । मुकेश अरनेजा और जेके गौड़ के बीच शुरू हुई तू तू मैं मैं में यह खतरा नजर भी आ रहा है ।