Tuesday, August 27, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया तथा उनके छोटे/बड़े 'समर्थकों' ने सचिन जैन के साथ खुन्नस निकालने के लिए रोटरी क्लब पलवल संस्कार के 'बनने' का विरोध तो खूब किया, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश भसीन ने डिस्ट्रिक्ट व रोटरी के भले के लिए उनकी एक न सुनी

पलवल । रोटरी क्लब पलवल संस्कार की तरफ से चार्टर मिलने के दो दिन बाद ही ब्लड डोनेशन कैम्प के आयोजन की हुई घोषणा के जरिए क्लब के प्रवर्तकों व पदाधिकारियों ने निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया तथा उनके छोटे/बड़े 'समर्थकों' को 'आईना दिखाने' का काम किया है - हालाँकि इससे किसी को कोई शर्म महसूस होगी और वह कोई सबक लेंगे, इसकी कोई उम्मीद नहीं है । रोटरी में किसी क्लब का 'बनना' हालाँकि कोई बड़ी बात नहीं होती है; सभी लोग चाहते हैं और कोशिश करते हैं कि नए क्लब बने; इसीलिए नए क्लब बनते हैं - और इसी कारण से नए क्लब्स का बनना एक रूटीन कार्रवाई के रूप में देखा/पहचाना जाता है । लेकिन रोटरी क्लब पलवल संस्कार का बनना एक जंग जीतने जैसा मामला रहा है । निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया व उनके 'छोटे' समर्थकों ने खुल्ले रूप में तथा 'बड़े' समर्थकों ने पर्दे के पीछे से इस क्लब को न बनने देने के लिए जबर्दस्त मोर्चा खोला हुआ था । विनय भाटिया और उनके छोटे/बड़े समर्थक दरअसल इस क्लब के मुख्य प्रवर्तक के रूप में देखे/पहचाने जा रहे रोटरी क्लब पलवल सिटी के निवर्त्तमान प्रेसीडेंट सचिन जैन से बुरी तरह चिढ़े हुए हैं, और इसीलिए वह जोरदार तरीके से इस क्लब के बनने का विरोध कर रहे थे । सचिन जैन से चिढ़ने का कारण यह है कि पिछले वर्ष प्रेसीडेंट के रूप में सचिन जैन ने विनय भाटिया व उनके छोटे/बड़े समर्थकों के दबाव के बावजूद डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में उनके कहने के अनुसार वोट नहीं डाला । चर्चा तो यहाँ तक रही थी कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में जबर्दस्ती वोट डलवाने के लिए सचिन जैन का 'अपहरण' तक कर लिया गया था, लेकिन सचिन जैन होशियारी दिखाते हुए उनके चंगुल से बच निकले थे । 
सचिन जैन का वोट डलवाने में असफल रहने से विनय भाटिया और उनके छोटे/बड़े समर्थक बुरी तरह बौखला गए और फिर उन्होंने क्लब में सचिन जैन के खिलाफ माहौल बनाना/बनवाना शुरू किया । सचिन जैन ने समझ लिया कि अब उनका क्लब में रह पाना असंभव ही होगा, लिहाजा उन्होंने नया क्लब बनाने की तरफ ध्यान देना शुरू किया । विनय भाटिया तथा उनके छोटे/बड़े समर्थकों की इससे और 'सुलग' गई तथा वह अजन्मे क्लब के पीछे पड़ गए । सचिन जैन के खिलाफ तरह तरह के आरोप लगाते हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश भसीन पर दबाव बनाया गया कि वह सचिन जैन द्वारा प्रवर्तित क्लब को हरी झंडी न दें । 'बड़े' नेताओं को सचिन जैन तथा अजन्मे क्लब के खिलाफ मोर्चा खोले देख सुरेश भसीन ने मामले को गंभीरता से लिया और खुद से सचिन जैन पर लगाए जा रहे आरोपों की जाँच/पड़ताल की; अपनी जाँच/पड़ताल में उन्होंनेआरोपों को बदनीयती से प्रेरित पाया तथा उनमें कोई दम नहीं देखा । सुरेश भसीन ने यह भी देखा/पाया कि क्लब के मठाधीश बने बैठे कुछेक लोग झूठे आरोप लगा लगा कर क्लब के सक्रिय तथा कुछ करने की इच्छा रखने वाले लोगों को परेशान करते रहते हैं, जिस कारण लोग क्लब छोड़ देते हैं - और इस तरह डिस्ट्रिक्ट व रोटरी को नुकसान होता है । रोटरी क्लब पलवल सिटी के मठाधीश बने बैठे लोगों की हरकतों के चलते पलवल में रोटरी बढ़/फल नहीं पाई है । पलवल के अकेले क्लब में कुल 16 सदस्य थे । सचिन जैन ने दूसरे नए क्लब की जो तैयारी की, उसमें करीब 40 सदस्य हैं । सचिन जैन ऐसे कई लोगों को रोटरी में वापस लाए हैं, जो रोटरी क्लब पलवल सिटी के मठाधीश बने बैठे लोगों की हरकतों के चलते रोटरी से दूर चले गए थे । नए क्लब में पाँच/छह तो ऐसे सदस्य हैं, जो रोटरी क्लब पलवल सिटी में प्रेसीडेंट रह चुके हैं । इन सच्चाइयों से परिचित होने के बाद सुरेश भसीन ने तमाम आरोपों व शिकायतों को दरकिनार करके रोटरी क्लब पलवल संस्कार के गठन को मंजूरी दे दी । 
विनय भाटिया और उनके छोटे/बड़े समर्थकों ने रोटरी इंटरनेशनल तक में शिकायतें करके रोटरी क्लब पलवल संस्कार के गठन को रोकने का प्रयास किया, लेकिन अंततः उनके सारे प्रयास फेल हुए और अभी दो/तीन दिन पहले ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश भसीन ने एक क्लब के कार्यक्रम में रोटरी क्लब पलवल संस्कार को चार्टर मिलने की सूचना दी थी । चार्टर मिलते ही रोटरी क्लब पलवल संस्कार के पदाधिकारियों ने पहला काम ब्लड डोनेशन कैम्प लगाने की घोषणा करने का किया है । इस घोषणा के जरिए क्लब के पदाधिकारियों ने दरअसल यही संदेश देने की कोशिश की है कि रोटेरियन के रूप में समुदाय व समाज के लिए काम करना ही उनकी प्राथमिकता है । रोटरी क्लब पलवल संस्कार के गठन तथा उसकी सक्रियता से उम्मीद की जा रही है कि पलवल में रोटरी का विस्तार होगा तथा उसकी पहचान व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी । वास्तव में इसी उम्मीद के चलते डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुरेश भसीन ने निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया तथा उनके छोटे/बड़े समर्थकों के दबाव को नहीं स्वीकार किया और उन्हें डिस्ट्रिक्ट व रोटरी के हित में जो उचित लगा, वह किया । यह किस्सा विनय भाटिया तथा उनके छोटे/बड़े समर्थकों के लिए भी सबक होना चाहिए, लेकिन किसी को लगता नहीं है कि वह लोग कोई सबक सीखेंगे और अपनी टुच्ची हरकतों से डिस्ट्रिक्ट व रोटरी को नुकसान पहुँचाना छोड़ेंगे ।