Thursday, August 8, 2019

रोटरी इंटरनेशनल के प्रेसीडेंट नॉमिनी पद के लिए सेलेक्ट हुए शेखर मेहता के दाएँ और बाएँ खड़े होकर डिस्ट्रिक्ट 3054 के पूर्व गवर्नर अनिल अग्रवाल की रोटरी इंटरनेशनल से 'लूटे' गए करीब 20 लाख रुपयों को वापस किये बिना ही सजा मुक्त होने की तरकीब सफल हो सकेगी क्या ?

जयपुर । शेखर मेहता को इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी पद की कुर्सी अभी मिली नहीं है, लेकिन स्वार्थी व अवसरवादी रोटेरियंस ने उन्हें घेरना, उनके नजदीक 'दिखने' और उनसे फायदा उठाने के प्रयास तेज कर दिए हैं । नोमीनेटिंग कमेटी द्वारा इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार चुने जाने के बाद अपने घर - कोलकाता लौटे शेखर मेहता का हवाई अड्डे पर स्वागत करने वालों, तथा उनके नजदीक खड़े होकर फोटो खिंचवाने वाले लोगों में डिस्ट्रिक्ट 3054 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल अग्रवाल को अतिरिक्त रूप से सक्रिय देख कर लोगों को लगने लगा है कि शेखर मेहता  और उनके नजदीकी यदि सावधान नहीं रहे तो रोटरी के स्वार्थी, बेईमान और रोटरी के पैसों में घपलेबाजी करने वाले लोग उनके चारों तरफ दिखेंगे और यह बात खुद शेखर मेहता तथा उनकी साख के लिए बहुत ही घातक होगी । कई लोगों को शेखर मेहता को इस्तेमाल करने की चालबाजी के अनिल अग्रवाल के 'साहस' पर भी हैरानी हुई; उनका कहना है कि रोटरी फाउंडेशन के करीब 20 लाख रुपयों में घपलेबाजी करने की हरकत के उजागर होने तथा उसके लिए रोटरी इंटरनेशनल से सजा पाने - और उसके बाद भी रोटरी फाउंडेशन के पैसों को वापस करने में तरह तरह की बहानेबाजी के साथ आनाकानी करने के बावजूद अनिल अग्रवाल की आखिर हिम्मत कैसे हुई कि वह शेखर मेहता का स्वागत करने वालों में शामिल हों, और आगे बढ़ बढ़ कर कभी उनके दाएँ खड़े होकर तो कभी बाएँ खड़े होकर फोटो खिंचवाएँ ?
यह प्रकरण लेकिन अनिल अग्रवाल की हिम्मत से ज्यादा चालाकी को 'दिखाता' है । हिम्मत तो अनिल अग्रवाल रोटरी फाउंडेशन का करीब 20 लाख रुपया हड़प कर पहले ही दिखा चुके हैं । और यह भी उनकी हिम्मत का ही सुबूत है कि पकड़े जाने और सजा पाने के बाद भी, रोटरी के बड़े पदाधिकारियों व नेताओं से लगातार झूठ पर झूठ बोलते हुए और उन्हें तरह तरह से झाँसा देते हुए वह यह कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें इकन्नी भी वापस न करना पड़े और उनकी सजा भी माफ हो जाए । दरअसल इसी कोशिश में उन्होंने चालाकी यह दिखाई है कि वह अपने आप को इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी के नजदीक 'दिखाएँ', ताकि रोटरी इंटरनेशनल से सजायाफ्ता होने से होने वाले 'नुकसान' से बच सकें । कोलकाता हवाई अड्डे पर शेखर मेहता का स्वागत होने के मौके पर शेखर मेहता के कभी दाएँ तो कभी बाएँ खड़े होकर खिंचवाई गई तस्वीरों को अपने नजदीकियों को भेज/दिखा कर अनिल अग्रवाल ने दावा किया है कि बस अब शेखर मेहता प्रेसीडेंट होंगे और उनका मामला निपट जायेगा तथा उन्हें क्लीन चिट मिल जाएगी । उनके नजदीकी तथा दूसरे लोग सिर्फ तस्वीरों से ही उनके दावे पर यकीन न करें, इसलिए अनिल अग्रवाल ने इंटरनेशनल डायरेक्टर कमल सांघवी का नाम भी लिया और बताया कि कमल सांघवी ने ही उन्हें फोन करके कोलकाता हवाई अड्डे के कार्यक्रम के बारे में बताया था और मौके पर उपस्थित होने/रहने की सलाह दी थी । 
कमल सांघवी का नाम लेकर अनिल अग्रवाल ने दरअसल अपने नजदीकियों को विश्वास दिलाने का प्रयास किया है कि शेखर मेहता के खासमखास कमल सांघवी उनके बड़े खास हैं और कमल सांघवी के कारण ही वह कोलकाता हवाई अड्डे पर शेखर मेहता का स्वागत करने पहुँचे और कमल सांघवी ही शेखर मेहता से उनका काम करवायेंगे । अनिल अग्रवाल के नजदीकियों का इन पंक्तियों के लेखक से कहना/बताना लेकिन यह है कि अनिल अग्रवाल दो दिवसीय कोलकाता फैशन एक्सपो 2019 में 'केडी' के स्टॉल पर उपस्थित रहने के लिए कोलकाता में थे, और उसी दौरान उन्हें शेखर मेहता के कोलकाता लौटने का प्रोग्राम पता चला तो उन्होंने 'बहती गंगा में हाथ धोने' का जुगाड़ कर लिया । अनिल अग्रवाल असल में रोटरी फाउंडेशन के पैसों की घपलेबाजी के मामले में कुछेक बड़े पदाधिकारियों व नेताओं की सिफारिश पर 'सख्त' सजा पाने से बच गए हैं; इसलिए उन्हें लगता है कि उन्हें अब यदि कोई तगड़ी सिफारिश मिल जाए तो जो सजा उन्हें मिली भी है, उससे भी वह बच सकते हैं । शेखर मेहता के रूप में उन्हें वह 'बड़ी सिफारिश' नजर आ रही है । रोटरी के कुछेक बड़े पदाधिकारियों व नेताओं ने उन्हें समझाया है कि वह यदि रोटरी फाउंडेशन के लूटे हुए 20 लाख रुपए लौटा दें, तो उनकी सजा माफ करवाई जा सकती है । अनिल अग्रवाल लेकिन इस जुगाड़ में हैं कि उन्हें रोटरी फाउंडेशन के पैसे भी न लौटाने पड़ें, और उनकी सजा भी माफ हो जाए । इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी सेलेक्ट होकर लौटे शेखर मेहता के दोनों तरफ खड़े होकर फोटो खिंचवा कर और लोगों को उसे दिखा कर अनिल अग्रवाल ने वास्तव में यह दिखाने/जताने की कोशिश की है कि रोटरी फाउंडेशन को पैसे वापस किए बिना ही, शेखर मेहता जल्दी ही उनकी सजा माफ करवा देंगे ।
मजे की बात यह है कि दो दिन पहले ही, शेखर मेहता के इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी सेलेक्ट होने की जानकारी मिलते ही वर्ष 2013-14 में अनिल अग्रवाल के फेलो गवर्नर रहे विनोद बंसल की तरफ से घोषणा सुनी गई थी कि शेखर मेहता अब उन्हें इंटरनेशनल डायरेक्टर चुनवाने का काम करेंगे । इस तरह, लगता है कि शेखर मेहता को इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी सेलेक्ट होते ही दो काम तो तुरंत से असाइन हो गए हैं - एक तो उन्हें डिस्ट्रिक्ट 3011 के पूर्व गवर्नर विनोद बंसल को इंटरनेशनल डायरेक्टर चुनवाना/बनवाना है, और दूसरा रोटरी फाउंडेशन के पैसों की लूट के मामले में रोटरी इंटरनेशनल से सजा पाए डिस्ट्रिक्ट 3054 के पूर्व गवर्नर अनिल अग्रवाल को बरी करवाना है । देखना दिलचस्प होगा कि शेखर मेहता को अभी और क्या क्या काम मिलते हैं ?