Wednesday, July 19, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में शाजु पीटर की माफियागीरी से परेशान क्लब सदस्यों की बेनामी मेल शाजु पीटर के खिलाफ खुली बगावत की शुरुआत है क्या ?

चंडीगढ़ । रोटरी क्लब चंडीगढ़ मिडटाउन में हो रही घपलेबाजियों को उजागर करती एक बेनामी मेल ने उस खतरे से राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू तथा उनके समर्थक पूर्व गवर्नर्स का सीधा सामना करवा दिया है, जिसका डर उन्हें सता रहा था - और जिस डर के कारण ही टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर न बनने देने के लिए राजा साबू और उनके गुर्गों ने पिछले दो वर्षों से बबाल मचाया हुआ था । राजा साबू और उनके समर्थक पूर्व गवर्नर्स नेताओं ने डिस्ट्रिक्ट और क्लब्स में ऐसा आतंक और अंधेर मचाया हुआ था कि उनकी कारस्तानियों पर आवाज उठाने की कोई हिम्मत ही नहीं कर सकता था । इसका नजारा करनाल में आयोजित हुई रमन अनेजा के गवर्नर-काल की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में भी देखने को मिला था, जब रोटरी क्लब चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल के वरिष्ठ पूर्व अध्यक्ष मोहिंदर पॉल गुप्ता द्वारा पूछे गए एक सवाल में हार्टलैंड प्रोजेक्ट का संदर्भ आने पर राजा साबू बुरी तरह बौखला गए थे और उनके चंपू पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जेपीएस सिबिया ने मोहिंदर पॉल गुप्ता को सवाल पूछने से ही रोक दिया था । राजा साबू और उनके समर्थन की छाँह में पलते-बढ़ते पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स इस बात को जरा भी बर्दाश्त नहीं कर पाते रहे हैं कि उनकी कारगुजारियों के बारे में कोई सवाल पूछे जाएँ । इसीलिए उन्हें डर था कि टीके रूबी यदि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बने, तो लोगों को सवाल पूछने की प्रेरणा और हौंसला मिलेगा - और यह बात राजा साबू और उनके नजदीकी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की करतूतों को सामने लाने का काम करेगी ।
जिसका डर था, अंततः वही हुआ । टीके रूबी को गवर्नर पद से दूर रखने के लिए राजा साबू और उनके समर्थक पूर्व गवर्नर्स द्वारा की गई दो वर्षों की मेहनत व्यर्थ गई और टीके रूबी गवर्नर बने तो राजा साबू और उनके नजदीकियों के खिलाफ आवाजें उठना शुरू हो गईं - और इसके पहले शिकार बने हैं शाजु पीटर । रोटरी क्लब चंडीगढ़ मिडटाउन उन्हीं के क्लब के रूप में देखा/पहचाना जाता है, और जो बेनामी मेल कई लोगों को मिली है - उसमें शाजु पीटर को ही निशाना बनाया गया है । बेनामी मेल में शाजु पीटर पर क्लब में एक माफिया की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए बताया गया है कि क्लब में अपनी मनमानी और विभिन्न ग्रांट्स की लूट को बनाए रखने के लिए शाजु पीटर क्लब्स के पूर्व प्रेसीडेंट्स तक को क्लब की गतिविधियों से दूर रखते हैं - और क्लब को चलाने में रोटरी इंटरनेशनल के नियमों का खुला उल्लंघन करते हैं । इस बेनामी मेल में हुए खुलासे ने डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों को चौंकाया है, क्योंकि डिस्ट्रिक्ट में शाजु पीटर की पहचान और छवि एक बड़े जेनुइन व्यक्ति की रही है । लेकिन बेनामी मेल में दिए गए तथ्यों ने 'चमचमाती कारपेट' को जो थोड़ा सा उठाया है, तो उसके नीचे छिपी/छिपाई गई गंदगी ने ऊपरी चमक की सारी पोल खोल दी है । इस बेनामी मेल को क्लब में शाजु पीटर के खिलाफ उठते विद्रोह के रूप में भी देखा जा रहा है - लोगों का मानना और कहना है कि क्लब में शाजु पीटर की माफियागीरी से परेशान सदस्यों ने अभी तो पर्दे के पीछे रह कर मोर्चा खोला है, लेकिन जल्दी ही यह क्लब में शाजु पीटर के खिलाफ खुली बगावत में बदल जा सकता है ।
क्लब में शाजु पीटर और उनके नजदीकियों ने इस बेनामी मेल को उन असंतुष्ट सदस्यों का 'काम' बताया है, जो शाजु पीटर को बदनाम करके टीके रूबी और जितेंद्र ढींगरा को खुश करके लाइमलाइट में आना चाहते हैं । शाजु पीटर और उनके नजदीकी इस बेनामी मेल की टाइमिंग पर भी सवाल उठा रहे हैं - उल्लेखनीय है कि यह बेनामी मेल क्लब का अधिष्ठापन कार्यक्रम होने के तुरंत बाद आई है, जिसमें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में टीके रूबी को आमंत्रित नहीं किया गया था । दरअसल राजा साबू और उनके समर्थक कुछेक नेताओं को टीके रूबी को गवर्नर के रूप में देखने में अभी भी भारी पीड़ा हो रही है, और इसीलिए उन्होंने टीके रूबी के प्रति उपेक्षा का भाव बनाया हुआ है - इसी भाव को प्रदर्शित करते हुए शाजु पीटर के क्लब के अधिष्ठापन कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी जितेंद्र ढींगरा को नहीं बुलाया गया; और उनके कार्यक्रम की शोभा एक अकेले राजा साबू ने बढ़ाई । शाजु पीटर और उनके नजदीकियों का ही कहना है कि क्लब के असंतुष्टों ने उम्मीद की है कि अधिष्ठापन कार्यक्रम में आमंत्रित न किए जाने से टीके रूबी नाराज होंगे ही और उनकी इस नाराजगी का फायदा उठाने के लिए ही असंतुष्टों ने टीके रूबी को संबोधित करते हुए मेल लिख दी है ।
शाजु पीटर और उनके नजदीकी क्लब के असंतुष्टों की इस कार्रवाई से अभी तो ज्यादा परेशान नहीं नजर आ रहे हैं, लेकिन दूसरे लोगों को लग रहा है कि यह उनके बुरे दिनों की शुरुआत का संकेत है - दूसरे लोगों को लग रहा है कि इस संकेत को समझ/पहचान कर शाजु पीटर ने यदि अपने तौर-तरीकों को नहीं सुधारा तथा क्लब के वरिष्ठ सदस्यों और पूर्व प्रेसीडेंट्स को उचित सम्मान देना शुरू नहीं किया, तो मुखर होती नाराजगी क्लब के विभाजन का कारण भी बन सकती है । शाजु पीटर के क्लब के सदस्यों की तरफ से शाजु पीटर के कारनामों की पोल खोलती आई इस बेनामी मेल ने इस बात की संभावना को भी पुष्ट किया है कि अब राजा साबू और उनके नजदीकियों के क्लब्स में विरोध और बगावत की आवाजें उठेंगी तथा गूँजेंगी ।