Tuesday, March 13, 2012

संभावित उम्मीदवारों से पैसे एँठने की कोशिश में रमेश अग्रवाल ने अपने ही बनाये नियम की धज्जियाँ उड़ाईं

नई दिल्ली | रमेश अग्रवाल बड़ी-बड़ी बातें करते-करते अब छोटी-छोटी हरकतों को करने पर उतर आये हैं | रमेश अग्रवाल ने 'दिखाया' था और दावा किया था कि उनके गवर्नर-काल में जो रोटेरियन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहे होंगे, उन्हें वह अपनी टीम का सदस्य नहीं बनायेंगे और डिस्ट्रिक्ट के आधिकारिक कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति को प्रोत्साहित नहीं करेंगे | लेकिन अभी हाल ही में संपन्न हुए डिस्ट्रिक्ट टीम ट्रेनिंग सेमिनार(डीटीटीएस) में ऐसे रोटेरियंस उपस्थित व सक्रिय दिखे जो रमेश अग्रवाल के गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करने की तैयारी करते देखे/सुने जा रहे हैं | और यह तब हुआ जब रमेश अग्रवाल ने इन रोटेरियंस को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के संभावित उम्मीदवार के रूप में चिन्हित करते हुए इन्हें अपनी डिस्ट्रिक्ट टीम का सदस्य बनाने से इंकार कर दिया है | हर किसी के लिए हैरानी की बात रही कि रमेश अग्रवाल ने जब इन्हें अपनी डिस्ट्रिक्ट टीम में ही शामिल नहीं किया तब फिर इन्हें डिस्ट्रिक्ट टीम ट्रेनिंग सेमिनार में क्या करने के लिए बुलाया ? रमेश अग्रवाल के नजदीकियों का ही कहना है कि रमेश अग्रवाल इन लोगों से पैसे एँठने की फ़िराक में हैं और इसीलिए डिस्ट्रिक्ट टीम का सदस्य न होने के बावजूद इन्हें डिस्ट्रिक्ट टीम ट्रेनिंग सेमिनार में बुलाया गया और इन्हें तवज्जो दी गई |
रमेश अग्रवाल के नजदीकियों का कहना है कि रमेश अग्रवाल पेट्स (प्रेसीडेंट इलेक्ट ट्रेनिंग सेमिनार) के खर्चों को पूरा करने के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवारों की जेबें ढीली कराने की कोशिश में हैं और इसलिए खुद अपने द्धारा बनाई गई व्यवस्था के अनुसार जिन लोगों को उन्हें अपने कार्यक्रमों में शामिल नहीं करना चाहिए था, उन्हें चोर दरवाजे से शामिल कर लिया | रमेश अग्रवाल के इन्हीं नजदीकियों का कहना है कि रमेश अग्रवाल पेट्स में संभावित उम्मीदवारों से स्पॉन्सरशिप लेने की जुगाड़ बैठा रहे हैं, इसीलिए डिस्ट्रिक्ट टीम ट्रेनिंग सेमीनार में उन्हें बुलाया गया | पेट्स की तैयारी से जुड़े लोगों का कहना है कि रमेश अग्रवाल डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के संभावित उम्मीदवारों को पेट्स में भी आमंत्रित करेंगे और उसके बदले में उनसे पैसे बसूलेंगे | लोगों का कहना है कि रमेश अग्रवाल को यदि लगता है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के संभावित उम्मीदवारों के बिना उनका 'काम नहीं चलेगा' और उन्हें संभावित उम्मीदवारों से पैसे बसूलते रहना है और इसके लिए उन्हें अपने कार्यक्रमों में शामिल करते रहना पड़ेगा, तो उन्हें संभावित उम्मीदवारों को अपनी टीम में रख लेना चाहिए | लोगों का कहना है कि रमेश अग्रवाल जो कर रहे हैं - उससे उनकी बेवकूफी, उनका दोहरा चरित्र, उनका पाखंड और उनका नौटंकीपना ही जाहिर हो रहा है | रमेश अग्रवाल ने अपनी इस तरह की हरकतों से अपना मजाक बनवा लिया है | पहले प्रेसीडेंट इलेक्ट मीटिंग में प्रेसीडेंट इलेक्ट को ही शामिल करने से इंकार करके उन्होंने अपने को बदनाम करवाया था, और अब डिस्ट्रिक्ट टीम में शामिल करने से इंकार किए गए लोगों को डिस्ट्रिक्ट टीम ट्रेनिंग सेमीनार में बुला कर उन्होंने अपनी फजीहत करा ली है |
रमेश अग्रवाल की इस हरकत को लेकर कुछेक लोगों ने डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर मुकेश अरनेजा से फरियाद की थी कि वह रमेश अग्रवाल को समझायें कि उनकी इस तरह की हरकतों से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की गरिमा घटती है और डिस्ट्रिक्ट का नाम बदनाम होता है | मुकेश अरनेजा ने लेकिन यह कह कर मामले से पल्ला झाड़ लिया कि रमेश अग्रवाल ने उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया ही इस शर्त पर है कि वह उनके किसी फैसले में टांग नहीं अड़ायेंगे | मुकेश अरनेजा ने साफ कर दिया कि यदि वह रमेश अग्रवाल से कहेंगे कि इस तरह का शेखचिल्लीपना न करे तो वह मुझे ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से हटा देगा - और मैं दोबारा से डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से हटाया जाना नहीं चाहता हूँ | मुकेश अरनेजा ने कह दिया है कि रमेश अग्रवाल जो कर रहे हैं उससे उनकी ही बदनामी हो रही है, मेरा क्या जा रहा है - और यह भी कि मुझे तो सिर्फ एक ही चिंता करनी है कि मैं कहीं दोबारा से डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से न हटा दिया जाऊँ | मुकेश अरनेजा ने भी हालाँकि स्वीकार किया कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के संभावित उम्मीदवारों को रमेश अग्रवाल ने यदि अपनी टीम में न रखने का फैसला किया है तो उन्हें अपने कार्यक्रमों में भी संभावित उम्मीदवारों को नहीं बुलाना या शामिल करना चाहिए; और यदि संभावित उम्मीदवारों के बिना उनका काम नहीं चलना है तो संभावित उम्मीदवारों को उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लेना चाहिए | हर किसी का यही मानना और कहना है कि रमेश अग्रवाल जो भी फैसला करना चाहें, करें - लेकिन वह अपने फैसले पर अमल करते हुए भी दिखें | अपने ही फैसलों की धज्जियाँ उड़ाते हुए उन्हें नहीं दिखना चाहिए - क्योंकि उससे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का और उनका खुद का मजाक बनता है |