
एच कृष्णामूर्ति द्धारा अपनी उम्मीदवारी वापस लेने से पंजाब नेशनल बैंक के शेयरहोल्डर डायरेक्टर्स के चुनाव संदेह के खुले घेरे में आ गए - क्योंकि जो भी उम्मीदवार थे उनमें एच कृष्णामूर्ति की एक अलग और खास हैसियत व पहचान है | टीचिंग, रिसर्च व कंसल्टिंग में तीस से अधिक वर्षों का अनुभव रखने वाले एच कृष्णामूर्ति ने मद्रास यूनीवर्सिटी से बीई (आनर्स) तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से एमई किया है | वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के सुपरकम्प्यूटर एजूकेशन एंड रिसर्च सेंटर में प्रिंसीपल रिसर्च साइंटिस्ट के पद पर हैं | कम्यूनिकेशन, नेटवर्किंग और बैंकिंग टेकनोलॉजी उनकी दिलचस्पी और सक्रियता के विषय व क्षेत्र हैं | पिछले पंद्रह वर्षों से वह कई सरकारी संस्थाओं में सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं | टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप तथा टेक्नोलॉजी से संबद्ध स्टैंडिंग कमेटी में सदस्य के रूप में वह आरबीआई, सेबी और इरडा जैसी संस्थाओं से जुड़े हैं | आई डी आर बी टी की गवर्निंग काउंसिल में वह वर्ष 2002-05 में सदस्य रह चुके हैं तथा अब यहाँ स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य हैं | आई डी आर बी टी के भविष्य के लिए रोडमेप तैयार करने के उद्देश्य से हाल ही में गठित डॉक्टर सी रंगराजन कमेटी के वह सदस्य बनाये गए हैं | पेट्रोलियम, कोल व स्टील क्षेत्र की कई कंपनियों को वह टेक्नीकल सुझाव व सलाह देते रहे हैं तथा सलाहकार के रूप में वह बैंकिंग व वित्तीय क्षेत्र की कई संस्थाओं में भी सक्रिय रहे हैं |
एक अलग और खास हैसियत व पहचान रखने वाले एच कृष्णामूर्ति के नाम वापस लेने के साथ ही पंजाब नेशनल बैंक में हुए शेयरहोल्डर डायरेक्टर्स के चुनाव संदेह के घेरे में आ गए | एच कृष्णामूर्ति के नाम वापस लेने को ही आधार बनाते हुए चुनावी प्रक्रिया की और उसमें बैंक प्रबंधन की भूमिका की जाँच की मांग उठने लगी है | चंडीगढ़ की संस्था 'एसोसियेशन ऑफ कंपनी मैनेजमेंट' द्धारा मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स तथा मिनिस्ट्री ऑफ फाईनेंस को लिखे अपने पत्र में शेयरहोल्डर्स डायरेक्टर्स के चुनाव में पंजाब नेशनल बैंक प्रबंधन की भूमिका की जाँच की मांग की गई है |