
मुकेश अरनेजा ने इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश में ही अशोक अग्रवाल को मोहरा बनाया | अशोक अग्रवाल को मोहरा बनाने का आईडिया मुकेश अरनेजा को तब आया जब उन्हें पता चला कि असित मित्तल से अपनी रकम बसूलने को लेकर अशोक अग्रवाल बहुत मुखर हो रहे हैं और हर किसी से अपना दुखड़ा रो रहे हैं | अशोक अग्रवाल ने हर उस रोटेरियन से अपना दुखड़ा रोया जिसके बारे में उन्हें लगा कि वह उनकी रकम असित मित्तल से दिलवा सकता है | मुकेश अरनेजा को लगा कि असित मित्तल से अपनी रकम निकलवाने के लिए अशोक अग्रवाल ने जो घमासान मचा रखा है, वह जरूर कारगर होगा; और ऐसे में उन्हें भी अशोक अग्रवाल से मिल जाना चाहिए ताकि वह भी असित मित्तल से अपनी रकम बसूल लें | मुकेश अरनेजा ने अशोक अग्रवाल से उन तरकीबों पर बात की जिनके सहारे वह असित मित्तल से अपनी-अपनी रकम बसूल सकें | मुकेश अरनेजा की मीठी-मीठी बातों में आकर अशोक अग्रवाल को लगा कि असित मित्तल से अपनी रकम बसूलने को लेकर उन्हें एक मजबूत सहयोगी मिल गया है, लिहाजा उन्होंने मुकेश अरनेजा से अपनी कोशिशों का सारा विवरण बता दिया | रंग बदलने में मुकेश अरनेजा को चूंकि गिरगिट से भी कम समय लगता है, सो उन्होंने असित मित्तल को अशोक अग्रवाल द्धारा बताई गईं सारी बातें बता दीं | असित मित्तल के सामने मुकेश अरनेजा ने अशोक अग्रवाल से हुई बातचीत को इस तरह प्रस्तुत किया जैसे अशोक अग्रवाल ने उन्हें फोन करके यह सब कहा था और असित मित्तल से अपनी रकम निकलवाने के लिए उनकी मदद माँगी थी |
मुकेश अरनेजा की इस हरकत का पता अशोक अग्रवाल को तब चला जब असित मित्तल ने उनसे शिकायत की कि वह अपनी रकम का रोना मुकेश अरनेजा से क्यों रो रहे हैं ? असित मित्तल ने अशोक अग्रवाल को उलाहना भी दिया कि मुकेश अरनेजा क्या तुम्हें मुझसे पैसे दिलवाएगा ? अशोक अग्रवाल ने लोगों को जो बताया वह यह कि असित मित्तल के यह कहने के पीछे भाव यह था कि मुकेश अरनेजा अपनी रकम तो ले नहीं पा रहा है, तुम्हारी क्या दिलवाएगा ? असित मित्तल से यह सब सुनकर अशोक अग्रवाल को समझ में आया कि मुकेश अरनेजा ने उनके साथ क्या खेल खेला ? मुकेश अरनेजा ने खेल तो खेल लिया, लेकिन उन्हें इसका कोई फायदा नहीं हुआ | उन्होंने उम्मीद की थी कि अशोक अग्रवाल अपनी रकम निकलवाने के लिए जिस किसी के साथ मिल कर जो प्रयास कर रहे हैं, उसकी जानकारी वह असित मित्तल को देंगे तो इसके ईनाम के रूप में असित मित्तल उन्हें उनकी रकम वापस करने की कोई ठोस बात करेंगे | मुकेश अरनेजा ने ही कुछेक लोगों को कहा/बताया है कि असित मित्तल से अपनी रकम वापस मिलना उन्हें मुश्किल ही लग रहा है | उनके लिए भी मामला जहाँ का तहाँ ही पहुँच गया है | कोलकाता में आयोजित हो रहे रोटरी इंस्टीट्यूट के लिए रवाना होने से पहले मुकेश अरनेजा ने कुछेक लोगों से कहा/बताया तो है कि वह कोलकाता में रोटरी के बड़े नेताओं के सामने यह सवाल रखेंगे तो हैं कि असित मित्तल के पास रोटेरियंस के पैसे फँसे होने के मामले को हल करवाया जाये अन्यथा रोटरी की बड़ी बदनामी हो रही है |
मुकेश अरनेजा ने यह दावा करके मामले को और गंभीर बना दिया है कि रोटेरियंस के पैसों के मामले में असित मित्तल का जो रवैया है, उसके चलते रोटेरियंस इस वर्ष रोटरी फाउन्डेशन में पैसे देने से बच रहे हैं | रोटेरियंस को डर है कि रोटरी फाउन्डेशन के लिए दिए जाने वाले पैसे का असित मित्तल पता नहीं क्या करें ? इस वर्ष डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के अभी तक न प्रकाशित हो पाने से इस तरह की चर्चाओं को बल मिला ही है कि डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के नाम पर इकठ्ठा हुई रकम का असित मित्तल ने पता नहीं क्या किया है ? मुकेश अरनेजा ने कोलकाता में आयोजित हो रहे रोटरी इंस्टीट्यूट में असित मित्तल से जुड़े इस मामले को रोटरी के बड़े नेताओं के सामने उठाने की बात कही तो है, लेकिन जिन लोगों के सामने उन्होंने यह कहा है उन्हें ही मुकेश अरनेजा की बातों पर भरोसा नहीं है | लोगों को लगता है कि मुकेश अरनेजा इस तरह की बातें असित मित्तल को दबाव में लेने के लिए कर रहे हैं ताकि असित मित्तल से उन्हें उनकी रकम मिल जाये | असित मित्तल ने भी लेकिन कोई कच्ची गोलियाँ नहीं खेली हैं | वह मुकेश अरनेजा की चाल को समझ रहे हैं और आश्वस्त हैं कि कोलकाता में आयोजित हो रहे रोटरी इंस्टीट्यूट में मुकेश अरनेजा वैसा बखेड़ा नहीं करेंगे, जैसा कि रमेश अग्रवाल ने श्रीलंका में किया था | मुकेश अरनेजा कोलकाता में आयोजित हो रहे रोटरी इंस्टीट्यूट में असित मित्तल के मामले को लेकर क्या करते हैं, यह देखने की बात होगी |