Wednesday, April 18, 2012

राकेश त्रेहन जिन केएल खट्टर के कारण तरह-तरह से अपमानित होते रहे हैं, मल्टीपल काउंसिल चेयरपरसन पद के लिए अब उन्हीं केएल खट्टर का समर्थन करेंगे क्या

नई दिल्ली | केएल खट्टर मल्टीपल काउंसिल चेयरपरसन बनने के लिए अब उन्ही राकेश त्रेहन की खुशामद में जुट गए हैं, जिन राकेश त्रेहन के खिलाफ अभी हाल तक उन्होंने जबरदस्त निंदा अभियान चलाया था और जिनके खिलाफ षड्यंत्रपूर्वक नेगेटिव वोटिंग करवाई थी | केएल खट्टर ने अपने नजदीकियों को तथा दूसरे अन्य लोगों को विश्वास दिलाया है कि उन्होंने राकेश त्रेहन के साथ भले ही कितना ही घटियापन किया हो, लेकिन फिर भी वह राकेश त्रेहन से अपनी उम्मीदवारी की चिठ्ठी पर हस्ताक्षर करवा लेंगे | यहाँ मजे की बात यह है कि राकेश त्रेहन के नजदीकियों को तो केएल खट्टर के इस दावे के पूरा होने का कुछ-कुछ भरोसा है, लेकिन केएल खट्टर के नजदीकियों को ऐसा भरोसा नहीं है | दरअसल राकेश त्रेहन के नजदीकियों ने उन्हें बार-बार समझाया था कि केएल खट्टर और उनके ग्रुप के लोग किसी भी तरह से विश्वास करने योग्य नहीं हैं; लेकिन राकेश त्रेहन कभी छुप कर तो कभी चालाकी से केएल खट्टर और उनके ग्रुप के नेताओं से संबंध जोड़े रहे थे | पता नहीं क्यों, राकेश त्रेहन को यह विश्वास रहा कि केएल खट्टर और उनके ग्रुप के नेता दूसरों के साथ भले ही घटियापन करते/दिखाते रहे हों, लेकिन उनके साथ घटियापन नहीं करेंगे | नेगेटिव वोटिंग को लेकर भी राकेश त्रेहन को पक्का विश्वास था कि विजय शिरोहा के खिलाफ नेगेटिव वोटिंग भले ही हो, लेकिन उनके खिलाफ नेगेटिव वोटिंग नहीं होगी | इसके लिए उन्होंने अपने लोगों को अँधेरे में रख कर चंद्रशेखर मेहता से तार भी जोड़ लिए थे - किंतु उसका कोई फायदा नहीं हुआ और जितने नेगेटिव वोट विजय शिरोहा को पड़े, उतने ही नेगेटिव वोट राकेश त्रेहन को भी मिले | सभी का - पक्ष और विपक्ष के सभी लोगों का मानना है कि केएल खट्टर और चंद्रशेखर मेहता ने मिल कर राकेश त्रेहन को उल्लू बनाया | राकेश त्रेहन के नजदीकियों को लगता है कि इससे राकेश त्रेहन को शायद सबक मिला हो कि केएल खट्टर और चंद्रशेखर मेहता किसी भी तरह से विश्वास करने योग्य नहीं हैं | राकेश त्रेहन के कुछेक नजदीकियों को हालाँकि अभी भी शक है कि पता नहीं राकेश त्रेहन ने अब भी सबक सीखा है या नहीं ? केएल खट्टर ने अपनी उम्मीदवारी के आवेदन पर राकेश त्रेहन के हस्ताक्षर करवा लेने का जो विश्वास जताया है, उससे राकेश त्रेहन पर शक करने वाले नजदीकियों का शक और बढ़ गया है | सभी के लिए यह उत्सुकता का विषय है कि केएल खट्टर और उनके संगी-साथियों से बार-बार अपमानित होते रहने के बावजूद उनके साथ तार जोड़े रखने वाले राकेश त्रेहन अब भी उनके काम आयेंगे क्या ?
केएल खट्टर भी मजेदार व्यक्ति हैं | सिर्फ इसलिए ही नहीं कि जिन राकेश त्रेहन को वह बार-बार और तरह-तरह से अपमानित करते/करवाते रहे हैं, उन्हीं राकेश त्रेहन से वह समर्थन की उम्मीद भी कर रहे हैं; बल्कि इसलिए भी कि कई बार विभिन्न मौकों पर यह कह चुकने - कि लायनिज्म में आकर उन्होंने बड़ी गलती की और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनना तो उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल रही - के बावजूद अब वह मल्टीपल काउंसिल चेयरपरसन की चुनावी दौड़ में शामिल हो गए हैं | हालाँकि उनके नजदीकियों का कहना है कि वह भी जानते हैं कि उनके चेयरपरसन बनने की तो कोई संभावना नहीं है, वह तो बस काउंसिल में किसी भी पद की जुगाड़ में हैं | लेकिन इसके लिए भी शामिल तो उन्हें चेयरपरसन पद की दौड़ में होना पड़ेगा | केएल खट्टर मान कर चल रहे हैं कि वह चेयरपरसन पद के लिए अपना दावा पेश करेंगे तब कहीं यह संभावना बनेगी कि वह काउंसिल में कोई पद पा लें | इस कोशिश में उनके लिए मुसीबत की बात यह रही कि जिन लोगों का उन्हें सहयोग और समर्थन चाहिए उन लोगों तक उनकी बदनामी उनसे पहले पहुँची हुई थी | चेयरपरसन - या कुछ भी - बनने के लिए उन्होंने जिस किसी के यहाँ भी गुहार लगाई उसी ने उन्हें उलाहना दिया कि अपने डिस्ट्रिक्ट में तो कोई तुम्हारे साथ है नहीं - वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर फर्स्ट और वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सेकेंड तुम्हारे खिलाफ हैं; ऐसे में कैसे कुछ बनोगे ? मल्टीपल में लोगों को पता हो गया है कि केएल खट्टर ने अपने व्यवहार से अधिकतर लोगों को, खास करके काम के लोगों को अपने खिलाफ किया हुआ है | वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर फर्स्ट राकेश त्रेहन और वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सेकेंड विजय शिरोहा को तो छोड़िये, अभी हाल ही में जो सुभाष गुप्ता वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सेकेंड पद के लिए चुने गए हैं और जिन्हें चुनवाने का श्रेय केएल खट्टर लेने का प्रयास करते रहे हैं, वह सुभास गुप्ता भी केएल खट्टर के कट्टर खिलाफ हो गए हैं | इसी का नतीजा है कि अपने चुने जाने की खुशी में सुभाष गुप्ता ने जो पार्टी दी न तो उसमें उन्होंने केएल खट्टर को बुलाया और न अपने एक पारिवारिक समारोह में उन्हें निमंत्रित करने की जरूरत समझी | सुभाष गुप्ता का कहना है कि केएल खट्टर ने उम्मीदवार के रूप में उन्हें तरह-तरह से जमकर चूसा और हर तरह से तंग किया |
केएल खट्टर की (कु)ख्याति चूँकि मल्टीपल के विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स में जा पहुँची है, इसलिए उन्हें कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है; लेकिन फिर भी उन्हें उम्मीद है कि उन्हें मल्टीपल काउंसिल में कोई न कोई पद मिल ही जायेगा | केएल खट्टर ने अपने नजदीकियों से कहा है कि मल्टीपल काउंसिल में पदों की बंदरबांट करने वाले नेताओं को उन्होंने पटा लिया है और उन्हें कुछ न कुछ अवश्य ही मिल जायेगा | अपने नजदीकियों से तो उन्होंने यहाँ तक दावा किया है कि राकेश त्रेहन यदि उनके आवेदन पर समर्थन-हस्ताक्षर नहीं भी करते हैं तो भी वह मल्टीपल काउंसिल में किसी न किसी पद पर होंगे ही | किंतु फिर भी वह राकेश त्रेहन को समर्थन-हस्ताक्षर के लिए पटाने में लग गए हैं, क्योंकि वह भी जान रहे हैं कि बिना राकेश त्रेहन के समर्थन-हस्ताक्षर के उनका दावा कमजोर पड़ेगा |
राकेश त्रेहन की खुशामद में केएल खट्टर को जुटा देख कर लोगों की उत्सुकता यह जानने को लेकर बढ़ गई है कि केएल खट्टर के हाथों तरह-तरह से अपमानित होते रहने वाले राकेश त्रेहन उनके लिए अपना समर्थन हस्ताक्षरित करेंगे या नहीं ?