Saturday, May 4, 2013

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पदभार संभालने की तैयारी कर रहे अनुपम बंसल क्या अपना क्लब छोड़ने की फ़िराक में हैं ?

लखनऊ । लखनऊ में एक नए क्लब के बनने की चर्चा के साथ अनुपम बंसल के लायंस क्लब लखनऊ अभिलाषा छोड़ने की कानाफूसी तेज हो गई है । उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों संपन्न हुए सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए हुए चुनाव में विशाल सिन्हा की पराजय के बाद गुरनाम सिंह खेमे की तरफ से भूपेश बंसल के लिए जिस तरह की गाली-गलौज की गई, उसे देखते हुए अनुपम बंसल के लिए अपने क्लब में बने रह पाना मुश्किल लग रहा है । अनुपम बंसल का क्लब दरअसल उनका कम और भूपेश बंसल का ज्यादा माना जाता है - यह बात अनुपम बंसल के लिए इसलिए और भी मुसीबतभरी है क्योंकि उन्हें गुरनाम सिंह के साथ ही रहना है । अनुपम बंसल के अभी तक के रवैये से लोगों ने यही निष्कर्ष निकाला हुआ है कि अनुपम बंसल के सामने गुरनाम सिंह और भूपेश बंसल में से किसी एक को चुनने की नौबत आई तो वह गुरनाम सिंह को ही चुनेंगे । विशाल सिन्हा की चुनावी हार से गुरनाम सिंह की राजनीतिक चौधराहट का जो रायता फैला है उसे समेटने का वह हर संभव प्रयास करेंगे ही और इस प्रयास में उन्हें भूपेश बंसल से ही चुनौती मिलने का डर है । अपनी राजनीतिक चौधराहट के फैले रायते को समेटने में गुरनाम सिंह को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अनुपम बंसल की मदद चाहिए ही होगी, इसलिए गुरनाम सिंह की कोशिश है कि अनुपम बंसल पूरी तरह से भूपेश बंसल की छाया से बाहर आ जाये । अब जब गुरनाम सिंह ऐसा चाहते हैं, तो अनुपम बंसल को यह करना ही होगा ।
अनुपम बंसल ने अपने तमाम फैसलों से भूपेश बंसल को अलग-थलग ही रखा है और दूसरे लोगों की तरह भूपेश बंसल को भी अनुपम बंसल के तमाम फैसलों की जानकारी तभी मिली - जब वह लिए जा चुके थे । अपनी इस उपेक्षा के बावजूद भूपेश बंसल ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे क्लब में अनुपम बंसल के लिए समस्या पैदा हो । अनुपम बंसल के लिए क्लब में लेकिन समस्याएँ तो फिर भी पैदा हुईं - और अनुपम बंसल ने उनके लिए भूपेश बंसल को ही जिम्मेदार माना । पिछले दिनों संपन्न हुए सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में अनुपम बंसल समर्थन तो कर रहे थे विशाल सिन्हा का, लेकिन उनके क्लब के वोट जा रहे थे शिव कुमार गुप्ता के पास - क्योंकि क्लब के वोटों पर कब्ज़ा भूपेश बंसल का था । भूपेश बंसल से कह-सुन कर अनुपम बंसल ने हालाँकि क्लब के पाँच वोटों में से दो वोट ले लिए थे, लेकिन इस सब चक्कर में अनुपम बंसल की किरकिरी भी हुई ही । अनुपम बंसल ने क्लब के लोगों को और भूपेश बंसल को तवज्जो नहीं दी, तो क्लब के लोगों ने भी उन्हें अकेला छोड़ दिया । अनुपम बंसल और संजय चोपड़ा व शिव कुमार गुप्ता को सम्मानित करने के वास्ते होने वाले कार्यक्रम की तैयारी के लिए जो मीटिंग बुलाई गई उसमें अनुपम बंसल के क्लब से कोई भी नहीं पहुंचा । अनुपम बंसल के लिए सार्वजनिक रूप से यह खासा तगड़ा झटका था । अनुपम बंसल को खुश करने में तथा अनुपम बंसल को भूपेश बंसल से दूर करने में लगे लोगों ने इस झटके के पीछे भूपेश बंसल को पहचाना और बताया । शायद, अनुपम बंसल ने भी उनकी बात को सच माना । हालाँकि क्लब के लोगों का कहना रहा कि अनुपम बंसल ने अपने रवैये से और गुरनाम सिंह के साथ बने रहने के अपने फैसले से क्लब के लोगों को अपने खिलाफ कर लिया है ।
कारण चाहे जो भी हो, यह सभी को दिखने लगा कि अनुपम बंसल के गुरनाम सिंह के साथ होने के कारण अपने क्लब में 'बने' रहना मुश्किल ही होगा - बने भी रहेंगे तो गुरनाम सिंह की मनमानियों को पूरा नहीं करवा सकेंगे । इसीलिये गुरनाम सिंह भी अनुपम बंसल पर दबाव बना रहे थे कि वह लायंस क्लब लखनऊ अभिलाषा छोड़ें तथा अन्य किसी क्लब में जाएँ या कोई नया क्लब बनाएँ । इस बीच एक नया क्लब बनने की सुगबुगाहट शुरू हुई जिसके पीछे अनुपम बंसल के नजदीकियों को देखा/पहचाना गया है । इससे इस बात को बल मिला कि इस नए क्लब के बनने के बाद अनुपन बंसल इसमें अपना ट्रांसफर ले लेंगे । इस मुद्दे पर अनुपम बंसल ने हालाँकि चुप्पी ही बनाये रखी है, लेकिन अधिकतर लोगों का यही मानना और कहना है कि लायंस क्लब लखनऊ अभिलाषा में अनुपम बंसल के दिन बस अब गिने-चुने ही हैं ।