Monday, January 21, 2013

सौ करोड़ रुपयों के नागपुर जमीन घोटाले में मिलीभगत वाइस प्रेसीडेंट पद के चुनाव में चरनजोत सिंह नंदा के लिए मुसीबत बनी

नई दिल्ली । चरनजोत सिंह नंदा की इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के अध्यक्ष पद तक की दौड़ में नागपुर का सौ करोड़ रुपयों का जमीन घोटाला बाधा बनता दिख रहा है । उल्लेखनीय है कि उक्त घोटाले के संभव होने में चरनजोत सिंह नंदा का प्रमुख हाथ बताया/पहचाना जाता है । इसी तथ्य का वास्ता देकर कहा जा रहा है कि चरनजोत सिंह नंदा यदि कहीं अध्यक्ष बन गए तो वह तो इंस्टीट्यूट को बिलकुल लुटवा ही देंगे । इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल के एक सदस्य का कहना है कि चरनजोत सिंह नंदा जब अध्यक्ष नहीं थे, तब उन्होंने इंस्टीट्यूट को सौ करोड़ रुपयों की चपत लगवा दी - तो समझिये कि यदि वह अध्यक्ष बन गए तो इंस्टीट्यूट में कैसी लूट मचवा देंगे ।
चरनजोत सिंह नंदा और उनके समर्थक हालाँकि इस तरह की बातों से निश्चिंत दिखने की कोशिश कर रहे हैं । उनका तर्क है कि इस तरह की बातों के बावजूद अभी हाल ही में हुए चुनाव में अपने रीजन में उन्हें सबसे ज्यादा वोट मिले हैं । नागपुर के सौ करोड़ रुपयों के जमीन घोटाले में मिलीभगत के आरोपों के बावजूद चरनजोत सिंह नंदा को जिस तरह से चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का समर्थन मिला है, उसी तरह से - उन्हें उम्मीद है कि - वाइस प्रेसीडेंट के चुनाव में भी उन्हें समर्थन मिल जायेगा । वाइस प्रेसीडेंट पद के लिए समर्थन जुटाने के अपने अभियान में चरनजोत सिंह नंदा ने वोटरों को समझाया है - और उनके समर्थक भी धड़ल्ले से दावा कर रहे हैं कि चुनाव जीतने की एक ट्रिक होती है, और चरनजोत सिंह नंदा को वह ट्रिक पता है । चरनजोत सिंह नंदा को और उनके समर्थकों को विश्वास है कि सौ करोड़ रुपयों के नागपुर जमीन घोटाले में मिलीभगत के आरोपों के बावजूद चरनजोत सिंह नंदा के लिए जब सेंट्रल काउंसिल का चुनाव जीतना मुश्किल नहीं हुआ - उसमें बल्कि उन्हें सबसे ज्यादा वोट मिले, तो फिर वाइस प्रेसीडेंट का चुनाव जीतना क्यों मुश्किल होगा ?
चरनजोत सिंह नंदा और उनके कुछेक समर्थकों को भले ही विश्वास हो, लेकिन उनके ही अन्य कई एक समर्थकों को लगता है कि सौ करोड़ रुपयों के नागपुर जमीन घोटाले में उनकी मिलीभगत वाइस प्रेसीडेंट के चुनाव में उन्हें ले डूबेगी । ऐसा मानने वाले लोगों का तर्क है कि सेंट्रल काउंसिल की पिछली मीटिंग में नागपुर जमीन घोटाले को लेकर एस संथनाकृष्णन और महेश सारडा के बीच जो गर्मागर्मी हुई, उससे यह संकेत स्पष्ट रूप से मिलता है कि नागपुर घोटाले में जिन जिन लोगों की मिलीभगत है - सेंट्रल काउंसिल के सदस्य उनसे दूरी बनाने और दिखाने को लेकर सावधान हैं । ऐसे में चरनजोत सिंह नंदा के लिए वाइस प्रेसीडेंट पद के चुनाव में समर्थन जुटाना सचमुच मुश्किल ही होगा ।
चरनजोत सिंह नंदा के नजदीकियों का कहना है कि चरनजोत सिंह नंदा इस बात से परेशान तो हैं कि वाइस प्रेसीडेंट पद के कुछेक उम्मीदवार सौ करोड़ रुपयों के नागपुर जमीन घोटाले में उनकी मिलीभगत को वाइस प्रेसीडेंट पद के चुनाव में उनके खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं; पर उन्हें इस नकारात्मक प्रचार से निपटने का कोई उपाय अभी समझ में नहीं आ रहा है । सचमुच, सौ करोड़ रुपयों का नागपुर जमीन घोटाला चरनजोत सिंह नंदा के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है ।